राज्यसभा में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की तैनाती को लेकर विपक्षी दलों ने जोरदार हंगामा करते हुए विरोध जताया है. विपक्षी नेताओं का कहा है कि वैल में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है जो कि विपक्ष को रोकने की कोशिश है. इसकी शिकायत सेक्रेटरी जनरल से मौखिक रूप से की गई है. साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद प्रमोद तिवारी, जयराम रमेश और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीआईएसएफ कर्मियों की उपस्थिति को संसद की गरिमा के खिलाफ बताया है.
विपक्ष का आरोप है कि CISF का इस्तेमाल विपक्षी सांसदों की लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन को दबाने और सदन की कार्यवाही में बाधा डालने के लिए किया जा रहा है. इस मुद्दे पर विपक्ष ने मौखिक और लिखित शिकायतें दर्ज कराई जाएंगी.
'ये अत्यंत आपत्तिजनक है'
इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़ेग ने कहा, 'मैं राज्यसभा में विपक्षी दलों की ओर से आपको लिख रहा हूं. हम इस बात से हैरान और स्तब्ध हैं कि किस तरह CISF कर्मियों को सदन के वेल में आने के लिए मजबूर किया जाता है, जब सदस्य विरोध के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग कर रहे होते हैं... हमने इसे कल भी देखा और आज भी देखा... क्या हमारी संसद को इस स्तर तक गिरा दिया गया है? यह अत्यंत आपत्तिजनक है और हम इसकी निंदा करते हैं... हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में सीआईएसएफ के जवान सदन में तब नहीं आएंगे जब सदस्य सार्वजनिक हित के महत्वपूर्ण मुद्दे उठाएंगे.'
कांग्रेस सांसद और राज्यसभा में उपनेता प्रमोद तिवारी ने सीआईएसएफ की तैनाती पर सवाल उठाते हुए कहा, 'अर्धसैनिक बलों को सदन के वैल में तैनात किया गया है जो विपक्षी सांसदों को रोकने की कोशिश है. ये कार्यवाही में बाधा पैदा कर रहा है.'
तिवारी ने बताया कि उन्होंने इस मुद्दे पर राज्यसभा के महासचिव से मौखिक रूप से शिकायत की है और जल्द ही लिखित शिकायत भी दर्ज करेंगे.
जयराम रमेश ने भी साधा निशाना
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने राज्यसभा में सीआईएसएफ जवानों की तैनाती पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा, 'राज्यसभा के सभापति के अचानक और अभूतपूर्व इस्तीफे के बाद, अब हम राज्यसभा के सदन पर सीआईएसएफ के जवानों का कब्ज़ा देख रहे हैं. राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने इस चौंकाने वाले घटनाक्रम पर राज्यसभा के उपसभापति को पत्र लिखा है.'
मौसमी सिंह