लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपनी बात रखी. उन्होंने सदन में बीजेपी पर नफरत, हिंसा और झूठ फैलाने का आरोप लगाया. राहुल गांधी ने न सिर्फ मणिपुर का मुद्दा उठाया, बल्कि अग्निवीर, किसानों को मिलने वाले एमएसपी और NEET के मुद्दे पर भी अपनी बात रखी. LoP राहुल गांधी के आरोपों और दावों का सरकार की तरफ से मंत्रियों ने जवाब भी दिया.
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में अपने भाषण के दौरान हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई समेत अन्य धर्मों में अभय मुद्रा का जिक्र किया और कहा कि कोई भी धर्म हिंसा करना नहीं सिखाता. उन्होंने कहा कि शिव जी भी कहते हैं कि डरो मत, डराओ मत लेकिन जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं वो 24 घंटा हिंसा-हिंसा-हिंसा, नफरत-नफरत-नफरत, असत्य-असत्य-असत्य करते हैं.
राहुल के बयान पर मोदी-शाह ने जताई आपत्ति
राहुल गांधी की टिप्पणी के बाद सत्ता पक्ष के कई सांसद खड़े हो गए और राहुल के बयान की आलोचना की. उनसे माफी मांगने की अपील करने लगे. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खड़े हो गए. उन्होंने कहा, "विषय बहुत गंभीर है. पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना, ये गंभीर विषय है." राहुल गांधी ने भी प्रधानमंत्री की टिप्पणी का पुर्जोर विरोध किया और अपने बयान के बचाव में कहा, "नरेंद्र मोदी पूरा हिंदू समाज नहीं है, बीजेपी-आरएसएस पूरा हिंदू समाज नहीं है."
केंद्रीय मंत्री अमित शाह भी खड़े हो गए और राहुल गांधी के बयान का विरोध किया. उन्होंने विपक्ष के नेता से माफी मांगने की अपील की. अमित शाह ने कहा, "इस्लाम में अभय मुद्रा पर इस्लाम के विद्वानों का मत एक बार वो ले लें. गुरु नानक साहब के अभय मुद्रा पर सिख संगठन का मत एक बार वो ले लें."
राहुल गांधी सदन में फिर खड़े हुए अपने बयान को आगे बढ़ाते हुए कहा कि हिंदू कभी हिंसा नहीं फैला सकता. उन्होंने कहा, "अगर आप शिव जी को देखें तो उनकी इमेज से आपको पता लगता है कि हिंदू डर नहीं फैला सकता, हिंसा नहीं फैला सकता और हिंदू नफरत नहीं फैला सकता." राहुल गांधी ने कहा, "लेकिन बीजेपी 24 घंटा नफरत-हिंसा, नफरत-हिंसा" करती है.
अग्निवीर के दावों पर रक्षा मंत्री ने दिया जवाब
राहुल गांधी ने एक छोटे घर के अग्निवीर की मौत पर कहा कि वह उसे शहीद मानते हैं लेकिन भारत की सरकार उसे शहीद नहीं मानती. नरेंद्र मोदी उसे शहीद नहीं, उसे अग्निवीर कहते हैं. राहुल गांधी ने दावा किया कि अग्निवीर को पेंशन नहीं दिया जाता, उसे शहीद का दर्जा नहीं दिया जाता है. उन्होंने कहा, "अग्निवीर यूज एंड थ्रो मजदूर हैं." उन्होंने अग्निवीर के जरिए जवानों में फूट डालने का आरोप लगाया.
राहुल गांधी की टिप्पणी पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह खड़े हुए और उनके बयान का खंडन किया. रक्षा मंत्री ने LoP के बयान को गलत बताते हुए सदन में कहा, "गलतबयानी करके सदन को गुमराह किया जा रहा है." उन्होंने कहा, "अगर कोई अग्निवीर का जवान शहीद होता है तो उसके एक करोड़ रुपये की तनख्वाह सहायता के रूप में उसके परिवार को दिया जाता है."
राजनाथ सिंह ने कहा, "नेता प्रतिपक्ष अग्निवीर योजना पर सदन को गुमराह न करें. यह योजना बहुत सोच-समझकर लाई गई है. इस तरह की योजना कई देशों में है, यूएस में है, यूके में है और वहां किसी को कोई दिक्कत नहीं है." राजनाथ सिंह ने कहा, "बिना योजना के बारे में समझे, बिना पूरी जानकारी हासिल किए सदन को गुमराह करने को उचित नहीं ठहराया जा सकता और इसे सदन की कार्यवाही से हटा दिया जाना चाहिए."
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राहुल गांधी के अग्निवीर की टिप्पणी पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी खड़े होकर विरोध किया और कहा कि LoP रक्षा मंत्री के बयान को सीरियस नहीं ले रहे हैं. उन्होंने राहुल गांधी से इसका तथ्य पटल पर रखने को कहा. अमित शाह ने भी यही मांग रखी. इस बीच राहुल गांधी अपने बयान का बचाव करते रहे और कहा कि उनकी बात गलत नहीं है और बताया कि ये असली बात वो अग्निवीर ही जानते हैं.
एमएसपी पर दावा और शिवराज चौहान का जवाब
LoP राहुल गांधी ने दावा किया कि बीजेपी किसानों को आतंकवादी कहती थी. जिस रास्ते से वो आए (हरियाणा में एक-दो जगह है) बंद पड़ी है. उन्होंने किसानों को उचित एमएसपी नहीं दिए जाने का भी दावा किया. इस पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान खड़े हुए और राहुल गांधी के बयान का खंडन किया.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "गलतबयानी की जा रही है. उत्पादन की लागत पर किसानों को 50 फीसदी जोड़कर एमएसपी दी जा रही है. आज भी एमएसपी पर खरीद की जा रही है." उन्होंने राहुल गांधी से अपने बयान को सत्यापित करने की अपील की.
राहुल गांधी को 'ट्यूशन' करने की सलाह
राहुल गांधी ने सदन में फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद से हाथ मिलाया और उन्हें "शाब्बास" के साथ कहा कि "भगवान राम और अयोध्या ने आपको मैसेज भेजा है." इसके बाद अमित शाह फिर से खड़े हुए और राहुल गांधी को सदन के नियम जानने के लिए "ट्यूशन" करने की सलाह दी. दरअसल, उन्होंने सदन में बार-बार शिव जी की इमेज दिखाने का विरोध किया और कहा कि सदन इस तरह नहीं चल सकता.
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राहुल गांधी के भाषण के बीच केंद्रीय मंत्री लगातार उन्हें नियम याद दिलाते रहे. केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और प्रह्लाद जोशी ने भी राहुल गांधी को सदन की मर्यादा बनाए रखने की सलाह दी और नियम के मुताबिक, अपनी बात रखने की अपील की.
LoP की मणिपुर पर टिप्पणी
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, "जनता से राज्य छीने गए हैं. जम्मू-कश्मीर, लद्दाख से आपने राज्य का दर्जा छीना है. मणिपुर को आपने सिविल वॉर में डुबो दिया है. मणिपुर को आपने और आपकी योजनाओं ने जला दिया है. उन्होंने दावा किया कि पीएम मोदी वहां आजतक नहीं गए.
राहुल गांधी ने नोटबंदी और जीएसटी का भी विरोध किया और लोगों से बातचीत का हवाला देते हुए कहा कि नोटबंदी-जीएसटी अरबपतियों की मदद करने के लिए की गई. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी अरबपतियों के लिए काम करते हैं. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी के राज्यों में भूमि अधिग्रहण अधिनियम खत्म कर दिया गया है.
'विपक्ष के नेता को गंभीरता से लेना चाहिए' - पीएम मोदी
राहुल गांधी ने दावा किया कि पीएम मोदी अयोध्या से लड़ना चाहते थे लेकिन सर्वेअर्स के कहने पर वहां से नहीं लड़े. राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मुलाकात पर टिप्पणी की और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या के लोगों को तो छोड़ो बीजेपी के लोगों को भी डराकर रखते हैं. इसपर पीएम मोदी ने खड़े होकर कहा, "लोकतंत्र ने और संविधान ने मुझे सिखाया है कि विपक्ष के नेता को गंभीरता से लेना चाहिए."
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