पुतिन के डिनर में शामिल हुए शशि थरूर, पवन खेड़ा बोले- हैरान हैं न्योता स्वीकार कर लिया

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन का आयोजन किया गया था. कांग्रेस सांसद को शशि थरूर को न्योता भेजा गया लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को रूसी राष्ट्रपति पुतिन के सम्मान में आयोजित डिनर में आमंत्रित नहीं किया गया था.

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पुतिन के सम्मान में आयोजित डिनर में शशि थरूर भी शामिल हुए थे. (Photo: Social Media) पुतिन के सम्मान में आयोजित डिनर में शशि थरूर भी शामिल हुए थे. (Photo: Social Media)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:57 PM IST

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में शुक्रवार रात को राष्ट्रपति भवन में भव्य डिनर का आयोजन किया गया था. इस डिनर में शामिल होने के लिए कांग्रेस सांसद शशि थरूर को न्योता भेजा गया था. वह डिनर में शामिल भी हुए. लेकिन राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को कोई न्योता नहीं भेजा गया. कांग्रेस ने इस पर प्रतिक्रिया भी दी है.

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पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में दिए गए डिनर में कांग्रेस सांसद शामिल हुए थे. सोशल मीडिया पर थरूर का एक वीडियो शेयर हो रहा है, जिसमें उन्हें राष्ट्रपति भवन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बातचीत करते देखा जा सकता है. दोनों बातें करते हुए मुस्कुरा भी रहे हैं. 

लेकिन राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को डिनर के लिए न्योता नहीं भेजने पर कांग्रेस ने नाराजगी जाहिर की है. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने थरूर को पुतिन के सम्मान में आयोजित डिनर में आमंत्रित करने पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि यह बहुत आश्चर्यजनक है कि निमंत्रण भेजा गया और निमंत्रण स्वीकार भी कर लिया गया. हर व्यक्ति के अंतर्मन की एक आवाज होती है. जब मेरे नेता को आमंत्रित नहीं किया जाता, लेकिन मुझे बुलाया जाता है, तो हमें समझना चाहिए कि यह खेल क्या चल रहा है, यह खेल कौन खेल रहा है और हमें इस खेल का हिस्सा क्यों नहीं बनना चाहिए.

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वहीं, इससे पहले कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा था कि वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में आयोजित भोज में शामिल होंगे. उन्होंने कहा था कि पता नहीं किस आधार पर निमंत्रण दिया जा रहा है, लेकिन मैं जरूर जाऊंगा. यह ठीक नहीं है कि विपक्ष के नेताओं को आमंत्रित नहीं किया गया है.

बता दें कि एक दिन पहले ही कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगात हुए कहा था कि आमतौर पर परंपरा है कि जो भी बाहर से आता है, वह लीडर ऑफ अपोजिशन से मिलता है. ऐसा वाजपेयी जी, मनमोहन सिंह जी की सरकारों के दौरान होता था. लेकिन आजकल विदेशी मेहमान या जब मैं विदेश जाता हूं तो केंद्र सरकार उन्हें लीडर ऑफ अपोजिशन से न मिलने की सलाह देती है. 

राहुल गांधी के इस आरोपों को सरकारी सूत्रों ने निराधार बताते हुए खारिज किया था. सरकार ने बताया था कि राहुल गांधी नौ जून 2024 को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बने थे और वह अब तक चार राष्ट्राध्यक्षों से मिल चुके हैं. इनमें बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना भी शामिल हैं. 

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