संसद में पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा चल रही है. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, "जिस वक्त ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ, वास्तव में शुरू होने से पहले ही, विपक्ष ने खुद को, सभी दलों ने, प्रतिबद्ध किया कि हम सेनाओं और भारत की निर्वाचित सरकार के साथ चट्टान की तरह खड़े रहेंगे."
उन्होंने मोदी सरकार की ओर मुखातिब होते हुए कहा, "आपने ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत में ही सीजफायर कर लिया. अगर नरेंद्र मोदी में इंदिरा गांधी का 50% भी साहस है, तो उन्हें सदन में कहना चाहिए कि ट्रम्प युद्धविराम के बारे में झूठ बोल रहे हैं.राष्ट्र आपकी राजनीति, इमेज और पीआर से ऊपर है."
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, "हम राजनीतिक काम से लोगों से मिलते रहते हैं. जब हाथ मिलाते हो तब पता चल जाता है कि ये टाइगर है. टाइगर को आजादी देनी पड़ती है. सेना को पूरी आजादी देनी होती है. राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत होती है. सेना के उपयोग के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति जरूरी है. 1971 में तब की प्रधानमंत्री ने अमेरिका की परवाह नहीं की. एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों ने सरेंडर किया."
'आपके पास लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं...'
राहुल गांधी ने आगे कहा, "कल सैम मानेकशॉ को कोट किया गया. इंदिरा जी से सैम मॉनेकशॉ ने कहा कि हम अभी ऑपरेशन नहीं कर सकते. हमें छह महीने का समय चाहिए, गर्मियों में करेंगे. इंदिरा जी ने पूरा समय दिया था. रक्षा मंत्री ने सदन में कहा कि हमने 1.35 पर पाकिस्तान को यह बताया कि हमने आतंकी ठिकानों पर हमला किया है. यह एस्केलेटरी नहीं थी. अब कोई एस्केलेशन नहीं होना चाहिए. आपने 30 मिनट में ही पाकिस्तान के सामने सरेंडर कर दिया. यह बता दिया कि आपके पास लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं है. सरकार ने पायलट्स के हाथ-पांव बांध दिए."
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हम एकजुट होकर खड़े रहे...'
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से पहले ही, सभी विपक्षी दलों ने हमारे सशस्त्र बलों और भारत की निर्वाचित सरकार के साथ चट्टान की तरह खड़े रहने का संकल्प लिया था. हमने कुछ बीजेपी नेताओं की तरफ से कुछ व्यंग्यात्मक टिप्पणियां सुनीं, लेकिन हमने एक शब्द भी नहीं कहा. हमें इस बात पर बहुत गर्व है कि विपक्ष के रूप में हम एकजुट होकर खड़े रहे, जैसा कि हमें होना चाहिए था."
उन्होंने आगे कहा कि पहलगाम आतंकी घटना होने के बाद मैं करनाल में नरवाल जी के घर गया, उनके बेटे नेवी में थे और वो CRPF में थे. मुझे ऐसा लगा कि मैं अपने परिवार के साथ बैठा हूं. उन्होंने अपने बेटे का फोटो एल्बम दिखाया, उसके बारे में बताया कि वो बहुत हंसी-मजाक करता था. उसके बाद मैं यूपी में एक और परिवार से मिला, जिसमें पति को पत्नी के सामने गोली मार दी गई थी. ये देखकर हर हिंदुस्तानी को दर्द होता है, दुख होता है, जो हुआ, बहुत गलत हुआ.
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