सुरक्षा चूक, ट्रंप के दावे, सैन्य नुकसान... राज्यसभा में खड़गे का केंद्र पर अटैक, PM मोदी से पूछे ये 4 तीखे सवाल

राज्यसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला. अपने संबोधन में खड़गे ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उनसे चार सवाल पूछे. राज्यसभा में बोलते हुए खड़गे ने कहा कि सरकार को अपनी विफलताओं को स्वीकार करना चाहिए और जवाबदेही तय करनी चाहिए.

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में केंद्र पर निशाना साधा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में केंद्र पर निशाना साधा

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 5:04 PM IST

संसद के मानसून सत्र में मंगलवार को राज्यसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला. अपने संबोधन में खड़गे ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उनसे चार सवाल पूछे और कहा कि पहलगाम आतंकी हमले को सुरक्षा चूक मानने वाले जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के बयान के बाद अब गृह मंत्री अमित शाह को भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए.

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राज्यसभा में बोलते हुए खड़गे ने कहा कि सरकार को अपनी विफलताओं को स्वीकार करना चाहिए और जवाबदेही तय करनी चाहिए. उन्होंने पूछा, "अगर देश में आतंकवाद का ढांचा नष्ट हो चुका है, जैसा सरकार दावा करती है, तो फिर पहलगाम में आतंकियों ने हमला कैसे कर दिया?"

इस दौरान खड़गे ने एक के बाद एक प्रधानमंत्री मोदी से चार सवाल पूछे-

1. किन शर्तों पर यह सीज़फायर हुआ और जब पाकिस्तान बैकफुट पर था, तो हमने इसे स्वीकार क्यों किया?

2. क्या अमेरिका ने इसमें मध्यस्थता की? अगर हां, तो किसके अनुरोध पर और किन शर्तों पर आपने यह स्वीकार किया?

3. क्या डोनाल्ड ट्रंप ने यह सीज़फायर कराया, जैसा कि वह बार-बार दावा कर रहे हैं? अगर हां, तो क्या यह भारत की ‘नो थर्ड पार्टी मेडिएशन’ नीति के खिलाफ नहीं है?

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4. क्या यह सीज़फायर ट्रेड टैक्स या अन्य आर्थिक दबाव (इकोनॉमिक ब्लैकमेल) के चलते कराया गया?

'प्रधानमंत्री मोदी ने सर्वदलीय बैठक से दूरी क्यों बनाई?'

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम तो पाकिस्तान की निंदा पहले भी करते रहे हैं, लेकिन आप बिना बुलाए वहां जाकर गले लगा लेते हैं. आप खुद ही ऐसी चीजें करते हो, और दूसरों को पाठ पढ़ाते हो. आप अगर सीरियस हो तो दूसरों पर टीका टिप्पणी करने की जरूरत नहीं है. हमारा इतिहास बड़ा लंबा है. आपने सिर्फ झूठ के कारखाने बनाए हैं, पब्लिक सेक्टर नहीं. आप उनकी ही कहानियां बताएंगे, जो हमने बनाया था. नेहरू जी को गालियां देते वक्त तालियां बजाते हैं. यही लोग जब बच्चे थे, 14 नवंबर को कहते थे, चाचा नेहरू आए.

उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी पूछा था लिखित में कि क्या आपको पहले से पता था कि कुछ होने वाला है, क्योंकि आप वहां (श्रीनगर) जाने वाले थे और दौरा रद्द कर दिया था. सरकार को सच सुनने का साहस दिखाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर कुछ गलत है तो सरकार खारिज कर दे. हमने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी, लेकिन कहा गया कि समय आने पर जवाब देंगे. कहा जा रहा है कि हमने देर से किया, अच्छा किया. अरे आपके पास पत्र पढ़ने की, लिखने की फुर्सत नहीं है. इतना घमंड अच्छा नहीं है. मोदी साहब सर्वदलीय मीटिंग में भी नहीं थे. पीएम उस समय समय कहां थे, वह बिहार चुनाव में प्रचार कर रहे थे. मोदी साहब को इस सदन में या उस सदन में बैठना चाहिए था. सुनना चाहिए था. सुनने की क्षमता जब नहीं है, तुम कुर्सी पर बैठने के लायक नहीं हो. क्या यही तुम्हारी देशभक्ति है?

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'पहलगाम आतंकी हमले का जिम्मेदार कौन?'

राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूछा कि पहलगाम आतंकी हमले का आखिर जिम्मेदार कौन है? क्या यही राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सरकार की निष्ठा है? उन्होंने पहलगाम हमले को इंटेलिजेंस फेल्योर बताते हुए गृह मंत्री से इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि एलजी मनोज सिन्हा का बयान गृह मंत्री को बचाने की कोशिश लगती है। बीजेपी राज में पहलगाम पर पांच बार हमला हुआ, पर सबक नहीं लिया गया। उन्होंने पूछा कि बचे हुए आतंकियों को कब पकड़ेंगे? ऑपरेशन सिंदूर पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने समर्थन दिया, राजनीति नहीं की, पर प्रधानमंत्री विपक्ष पर चुनावी हमले करते रहे।

'ट्रंप के दावे पर मोदी की चुप्पी क्यों?'

खड़गे ने बीजेपी मंत्री के विवादित बयान पर सवाल उठाया और पूछा कि क्या पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा इसका खंडन करेंगे? उन्होंने कहा कि विदेश सचिव और मेजर नरवाल की विधवा पर निजी हमले किए गए, ट्रोलिंग हुई। मोदी सिर्फ देशभक्ति की बातें करते हैं, लेकिन सच नहीं सुनते। पहलगाम के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर चलाया. सेना ने जोरदार अटैक किया. हम फ्रंटफुट पर थे, पाकिस्तान ने घुटने टेक दिए थे. ऐसा आपका कहना है. अचानक युद्ध विराम की घोषणा हुई.

उन्होंने आगे कहा कि सवाल है कि घोषणा किसने की, कहां से हुई? इसकी घोषणा हमारे प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री ने नहीं की. अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने वाशिंगटन से इसकी घोषणा की और दावा किया कि मैंने युद्ध रुकवाया. लेकिन ये मानने के लिए तैयार नहीं हैं. राष्ट्रपति ट्रंप 29 बार ये बात दोहरा चुके हैं.

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मोदी जी गाली का हिसाब रखते हैं, लेकिन भारत के खिलाफ ट्रंप की बात पर मोदी जी क्यों चुप्पी साधे हैं? ट्रंप ने कहा कि पांच जेट्स गिराए गए. आपका दोस्त बोल रहा है, जिसके प्रचार के लिए जाते हो. विदेश में जाकर किसी का प्रचार कोई करता है? आज तक किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया. इसको आप बता सकते हैं. मोदी जी से देश जानना चाहता है कि वो साफ-साफ कहें कि हमारा एक भी जेट नहीं गिरा.

'CDS ने माना टैक्टिकल मिस्टेक्स हुईं, पीएम की इस पर क्या राय?'

खड़गे ने सीडीएस के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि जनरल अनिल चौहान ने खुद ये माना है कि पहले दो दिनों में हमसे टैक्टिकल मिस्टेक्स हुईं. आपके (पीएम मोदी) लोग बाहर बोलते हैं, आप नहीं बोलते. इस पर आपकी क्या राय है? 30 जून 2025 को मिलिट्री अधिकारी ने मलेशिया में कहा कि हमें कुछ एयरक्राफ्ट का नुकसान हुआ है. सरकार जल्दी निर्णय नहीं ले रही है, जिसकी वजह से ये हुआ. आपके रक्षा अधिकारी ही कह रहे हैं कि आप निर्णय ही नहीं ले रहे थे, जिससे ये सब हुआ है.

उन्होंने कहा कि एक अधिकारी ने कहा कि भारत पाकिस्तान से नहीं, चीन से ही लड़ रहा था. ये वही चीन है, जिसे मोदी जी ने गलवान के बाद क्लीनचिट दी थी. पीएम ने कहा था कि न तो कोई घुसा था, ना ही कोई घुस आया है. पीएम से पूछना चाहूंगा कि रक्षा अधिकारियों के बयान पर उनका कहना क्या है? रक्षा मंत्री का कहना क्या है? हकीकत ये है कि हम सांसदों को अंधेरे में रखा गया, सभी जानकारी मीडिया के जरिये मिल रही थी और आज भी वैसे ही मिल रही है. किसी भी जानकारी को संसद के सामने पहले रखना चाहिए, खासकर संवेदनशील मामलों में. देश बड़ा है. इसको लेकर, सबसे राय-मशविरा लेकर आगे बढें.

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