पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के संस्थापक इमरान खान के स्वास्थ्य को लेकर उड़ रही अफवाहों पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने चिंता जताई है. उन्होंने इस मुद्दे पर पाकिस्तानी सरकार की चुप्पी को चिंता जनक बताया है और कहा कि आप किसी को जेल में डालकर गायब नहीं कर सकते. साथ ही उन्होंने कहा कि ये पाकिस्तान का आंतरिक मामला है, लेकिन यहां एक इंसान की जिंदगी दांव पर है.
कांग्रेस सांसद ने इमरान खान के स्वास्थ्य की अफवाहों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'किसी दूसरे देश के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करना हमारे लिए सही नहीं है, लेकिन इस पूरे मामले में जिस तरह की खामोशी है, वह निश्चित रूप से चिंता की बात है. कई लोग ये दावा कर रहे हैं कि सबसे बुरी स्थिति आ चुकी है, लेकिन पाकिस्तान सरकार और वहां के अधिकारियों की ओर से कोई बयान नहीं आया है. ये चुप्पी अच्छी नहीं है.'
ये PAK का आंतरिक मामला
उन्होंने इमरान खान के बेटे के हालिया बयान का जिक्र करते हुए कहा, 'उनके बेटे ने कहा है कि वह अपने पिता के जिंदा होने का सबूत (proof of life) चाहते हैं. अभी तक किसी ने भी ये सबूत नहीं दिया है कि उनके पिता जिंदा हैं. यह बेहद चिंताजनक है, मैं सिर्फ एक सामान्य भारतीय नागरिक के तौर पर बोल रहा हूं, ये हमारी विदेश नीति का मामला नहीं है. यह पाकिस्तान का आंतरिक मामला है, लेकिन यहां एक इंसान की जिंदगी दांव पर है.'
सच्चाई आनी चाहिए सामने
थरूर ने आगे कहा, 'क्रिकेट प्रेमी और दूसरे लोग भी जानना चाहते हैं कि उस शख्स के साथ हुआ क्या है. आप किसी को जेल में डालकर उसे गायब नहीं कर सकते, अगर कुछ हुआ है तो अधिकारियों को साफ-साफ बताना चाहिए. मेरी निजी राय में, सच्चाई सामने आनी चाहिए.'
अफवाहों का PTI नेताओं का समर्थन
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया और कुछ पाकिस्तानी मीडिया चैनलों पर इमरान खान की सेहत बिगड़ने और यहां तक कि उनकी मौत तक की अफवाहें तेजी से फैल रही हैं. इन अफवाहों को उनके बेटे सुलेमान खान और कुछ PTI नेताओं ने भी समर्थन किया. सुलेमान ने हाल ही में सोशल मीडिया पर लिखा था कि उन्हें अपने पिता के जिंदा होने का कोई ठोस सबूत नहीं मिला.
उधर, पाकिस्तान सरकार और जेल प्रशासन ने अभी तक इन सभी अफवाहों पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, जिससे इमरान की सेहत को लेकर शक बढ़ता जा रहा है. इमरान खान मई 2023 से विभिन्न मामलों में जेल में बंद हैं और उनकी पार्टी का दावा है कि उन्हें राजनीतिक कारणों से निशाना बनाया जा रहा है.
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