प्रियंका को बड़ी जिम्मेदारी, कई राज्यों में नए अध्यक्ष, राजस्थान में भी निकलेगा हल...2024 से पहले बड़े बदलाव की तैयारी में कांग्रेस

कांग्रेस ने हाल ही में कर्नाटक में प्रचंड बहुमत हासिल किया. कर्नाटक में मिली जीत के बाद पार्टी बड़े फेरबदल की तैयारी में है. कांग्रेस का सबसे पहला फोकस राजस्थान पर है. जहां इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है और राज्य के दो सबसे बड़े चेहरों अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच विवाद चल रहा है.

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मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रियंका गांधी, अशोक गहलोत और सचिन पायलट मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रियंका गांधी, अशोक गहलोत और सचिन पायलट

राहुल गौतम

  • नई दिल्ली,
  • 09 जून 2023,
  • अपडेटेड 8:52 AM IST

कर्नाटक में मिली जीत ने कांग्रेस और उसके कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया है. ऐसे में कांग्रेस अब 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. सबसे पहले संगठनात्मक फेरबदल की योजना है. इसी क्रम में कांग्रेस राजस्थान, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और झारखंड में जल्द नए अध्यक्ष का ऐलान कर सकती है. इसके साथ ही पार्टी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकती है. 

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सूत्रों ने आज तक को बताया कि ओडिशा, हरियाणा और बिहार में कांग्रेस जल्द नए प्रभारी नियुक्त करेगी. इसके साथ ही महाराष्ट्र और तमिलनाडु में भी प्रभारी बदले जाएंगे. दरअसल, इन दोनों राज्यों के मौजूदा प्रभारी दिनेश गुंडो राव और एचके पाटिल को हाल ही में कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार में मंत्री बनाया गया है. 

राजस्थान में भी बड़े बदलाव की तैयारी 

सबसे दिलचस्प बात ये है कि राजस्थान में भी जल्द नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर मुहर लग सकती है. क्योंकि राज्य में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच मनमुटाव खुलकर सामने आ गया है. इसके अलावा युवा चेहरों को मौका देने के उद्देश्य से जल्द ही एक नई कांग्रेस वर्किंग कमेटी चुनी जाएगी. रायपुर के अधिवेशन में इसे लेकर प्रस्ताव भी पारित हुआ था. 

सूत्रों के मुताबिक, पूरे सांगठनिक फेरबदल की प्रक्रिया अगले एक से तीन सप्ताह में पूरी कर ली जाएगी. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पास इन पदों के लिए उम्मीदवारों के नाम पहुंच चुके हैं. 

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क्या राजस्थान में जारी घमासान पर लगेगा विराम?

राजस्थान में लंबे वक्त से गहलोत और पायलट के बीच विवाद चल रहा है. पिछले कुछ दिनों से दोनों नेताओं ने खुले तौर पर एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. वहीं, कांग्रेस कई महीनों से राजस्थान का संकट टाल रही है. 

राहुल ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दोनों नेताओं को साथ लाने की कोशिश की थी. कर्नाटक चुनाव के बाद दोनों नेताओं से बातचीत भी की गई. अमेरिका दौरे पर जाने से ठीक पहले राहुल गांधी ने दोनों से मुलाकात की थी. इस दौरान पायलट और गहलोत को समझाने की कोशिश भी की गई. ताकि राजस्थान चुनाव से पहले एकजुटता का संदेश दिया जा सके. हालांकि अभी तक कोई फॉर्मूला नहीं निकल सका है, क्योंकि दोनों नेता अपने-अपने स्टैंड पर अड़े हैं. 

प्रियंका गांधी को मिलेगी अहम भूमिका

हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में प्रियंका गांधी ने चुनाव प्रचार का नेतृत्व किया था, दोनों ही राज्यों में कांग्रेस को जीत मिली. माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी जल्द ही बड़ी भूमिका में नजर आ सकती हैं. इससे पहले उन्हें यूपी का प्रभारी बनाया गया था. हालांकि, राज्य में मिली हार के बाद उन्होंने हिमाचल और कर्नाटक का रुख किया. ऐसे में माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश का प्रभार छोड़ सकती हैं, ताकि वे अन्य राज्यों में ध्यान केंद्रित कर सकें.

 

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