'कुंभ में भगदड़ पर किसी ने इस्तीफा दिया?', बेंगलुरु हादसे पर खड़गे का बीजेपी पर पलटवार

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पलटवार करते हुए कहा कि क्या कुंभ मेले के दौरान हुई भगदड़ के लिए किसी ने इस्तीफा दिया? लाखों लोगों ने वहां (कुंभ मेले में) डुबकी लगाई और मेरे एक बयान की आलोचना की गई. हमने कई लाशें बहते हुए देखीं. ऐसा सिर्फ़ यहीं नहीं, बल्कि कोविड के दौरान भी हुआ. क्या सीएम योगी ने इस्तीफा दिया?

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बेंगलुरु भगदड़ पर बीजेपी के सवालों पर खड़गे ने पलटवार किया है बेंगलुरु भगदड़ पर बीजेपी के सवालों पर खड़गे ने पलटवार किया है

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 जून 2025,
  • अपडेटेड 2:51 PM IST

बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में RCB की जीत के जश्न के दौरान भगदड़ मची थी. इसमें 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 47 लोग घायल हुए थे. अब इस मामले में सियासी आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गया है. भाजपा ने इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और गृहमंत्री जी परमेश्वर से इस्तीफे की मांग की है. इसके जवाब में कांग्रेस ने भाजपा पर राजनीतिक लाभ लेने का आरोप लगाया है.

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पलटवार करते हुए कहा कि क्या कुंभ मेले के दौरान हुई भगदड़ के लिए किसी ने इस्तीफा दिया? लाखों लोगों ने वहां (कुंभ मेले में) डुबकी लगाई और मेरे एक बयान की आलोचना की गई. हमने कई लाशें बहते हुए देखीं. ऐसा सिर्फ़ यहीं नहीं, बल्कि कोविड के दौरान भी हुआ. क्या सीएम योगी ने इस्तीफा दिया? अगर कोई घटना जानबूझकर होती है तो हम जरूर एक्शन लेंगे, लेकिन ये एक दुर्घटना है, हमारे नेताओं ने इसके लिए माफी भी मांगी है.

वहीं, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने भी भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा हर बार तथ्यों को तोड़-मरोड़कर जनता को गुमराह करती है. इस्तीफे की उनकी मांग का कोई आधार नहीं है. उन्होंने भाजपा की कई पुराने हादसों पर चुप्पी को लेकर भी सवाल उठाया. सिद्धारमैया ने पूछा कि कुंभ मेले में 40-50 मौतें हुईं, क्या तब इस्तीफे की मांग की गई थी? एक फ्लाईओवर उद्घाटन के दिन गिरा था, जिसमें 140 लोग मारे गए, क्या तब इस्तीफा मांगा गया? चामराजनगर में ऑक्सीजन की कमी से दर्जनों मौत हुईं, तब क्या बोम्मई से इस्तीफा मांगा गया था?

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सिद्धारमैया ने कहा कि सरकार घटना की जांच के आधार पर उचित कार्रवाई करेगी और पीड़ितों को न्याय मिलेगा. लेकिन भाजपा की मांग पूरी तरह राजनीतिक और अवसरवादी है.

बता दें कि 4 जून को DCP द्वारा कर्नाटक सरकार को लिखित चिट्ठी में ये बताया गया था कि आरसीबी की लोकप्रियता को देखते हुए लाखों की भीड़ एकत्रित हो सकती है, जबकि सुरक्षा स्टाफ की भारी कमी है. बड़े स्तर पर प्रशंसकों की भीड़ से अप्रिय घटनाएं हो सकती है. DCP ने चिट्ठी में सार्वजनिक प्रवेश पास को रद्द करने की सिफारिश की गई थी. साथ में यह भी बताया गया था कि विधान सौधा परिसर में CCTV निगरानी अधूरी है, जिससे सुरक्षा व्यवस्था बिगड़ सकती है.

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