राज्यसभा में मंगलवार को जोरदार हंगामा हुआ. इस दौरान आसन और विपक्ष के नेता के साथ ही पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी तकरार भी देखने को मिली. विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे अरुण जेटली को कोट कर डिसरप्शन को विपक्ष का लोकतांत्रिक अधिकार बताया.
वहीं, नेता सदन जेपी नड्डा ने विपक्ष को ट्यूशन लेने की नसीहत दे दी. हंगामे के बाद उच्च सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी. नेता सदन जेपी नड्डा ने आज का दिन बहुत ही ऐतिहासिक दिन है. क्योंकि संसद में आपने (चेयर से हरिवंश ने) जो दो ऑब्जर्वेशन दिए हैं, वे सदा-सदा के लिए अंकित रहेंगे और रेफरेंस पॉइंट बनेंगे आगे भी राज्यसभा चलाने के लिए.
उन्होंने उपसभापति हरिवंश को संबोधित करते हुए कहा कि आपने आज रूलिंग के माध्यम से दूध का दूध और पानी का पानी किया. जेपी नड्डा बोल ही रहे थे कि विपक्षी सदस्यों ने हंगामा तेज कर दिया. इस पर भड़के नेता सदन ने नसीहत देते हुए कहा कि जब सच्चाई सुनने की ताकत नहीं होती, तो यही शब्द निकलते हैं.
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जेपी नड्डा ने उपसभापति को संबोधित करते हुए कहा कि आपने यह स्पष्ट किया कि प्रॉसीडिंग को डिस्टर्ब करना अलोकतांत्रिक और नियमों के खिलाफ है. आपने उन घटनाओं का भी उल्लेख किया, जो बाधित करने वाली थीं. जेपी नड्डा ने कहा कि मेरे बगल में खड़े होकर कोई नारा लगाएगा, ये लोकतांत्रिक नहीं है.
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उन्होंने यह भी कहा कि 40 साल से ज्यादा विपक्ष में रहा हूं, मेरे से ट्यूशन ले लो. नड्डा ने कहा कि मैं बता दूंगा कि विपक्ष कैसे होता है. अभी नए नए हो, 10 ही साल हुआ. अभी 30-40 साल वहां रहना है. उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष के नेता ने जैसा कहा कि अरुण जेटली ने कहा था डिसरप्शन करना लोकतांत्रिक अधिकार है, फिर कहता हूं, डिसरप्शन के कई तरीके हैं. सदन में लाठी भांजना लोकतांत्रिक अधिकार नहीं है.
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