संसद के मॉनसून सत्र का तीसरा हफ्ता शुरू हो चुका है और लोकसभा में एक भी बिल पर चर्चा तक शुरू नहीं हो सकी है. वोटर लिस्ट रिवीजन के मुद्दे पर गतिरोध जारी है. विपक्षी दलों ने आज भी कार्यवाही शुरू होने से पहले संसद भवन के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया. वहीं, एनडीए के सांसदों की भी बैठक हुई. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सम्मान किया गया.
लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों में वोटर लिस्ट रिवीजन के मुद्दे पर गतिरोध आज भी जारी रहा. लोकसभा में हंगामे के बीच गोवा विधानसभा में एसटी के लिए सीटें रिजर्व करने का प्रावधान करने से संबंधित बिल बिना चर्चा के पास हो गया. इसके बाद सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी गई. वहीं, राज्यसभा में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने से संबंधित संकल्प चर्चा के लिए लिए जाने के बाद कार्यवाही 6 अगस्त को दिन में 11 बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित करने का ऐलान हो गया.
गोवा विधानसभा में अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्वेशन का प्रावधान करने वाला बिल हंगामे के बीच बिना चर्चा के लोकसभा से पारित हो गया है. एसआईआर के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा में आसन से संध्या राय ने बिल को पारित किए जाने के लिए और ध्वनिमत से यह पारित हो गया.
राज्यसभा में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने के संकल्प को स्वीकार कर लिया गया है. विपक्ष के जोरदार हंगामे और एसआईआर पर नारेबाजी के बीच वाईएसआर कांग्रेस के सांसद ने इस प्रस्ताव पर बोलने की शुरुआत की है. बीजेडी सांसद मुजीबुल्ला खान इस संकल्प पर दूसरे वक्ता हैं. उनको टोकते हुए आसन से हरिवंश ने कहा कि आप नियम जानते हैं, जो मणिपुर पर बोलेंगे, वही रिकॉर्ड पर जाएगा. बाकी कुछ भी रिकॉर्ड पर नहीं जाएगा. ध्वनिमत से मतदान के बाद आसन से हरिवंश ने संकल्प को स्वीकार किए जाने की घोषणा की.
राज्यसभा में जोरदार हंगामे के बीच मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने का संकल्प पेश हो गया है. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने यह संकल्प पेश किया. विपक्ष से कार्यवाही चलने देने और चर्चा में भाग लेने की अपील करते हुए उपसभापति हरिवंश ने कहा कि हमारी कुछ लोकतांत्रिक ड्यूटी भी है. यह संवैधानिक संकल्प है. इस पर चर्चा होने दें. उन्होंने चर्चा शुरू करने के लिए कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी का नाम लिया. वह अपनी सीट पर नहीं थे. आसन से हरिवंश ने सुष्मिता देव का नाम लिया. सुष्मिता देव ने कहा कि सर एसआईआर पर चर्चा कराइए. आसन से हरिवंश ने इसके बाद तिरुचि शिवा का नाम लिया. तिरुचि शिवा ने भी एसआईआर का मुद्दा उठा दिया.
लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हो गई है. लोकसभा में आसन पर उपसभापति पैनल से संध्या राय आई हैं. वहीं, राज्यसभा आसन पर हरिवंश हैं.
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राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है. हंगामे के कारण उपसभापति हरिवंश ने कार्यवाही दो बजे तक स्थगित करने की घोषणा कर दी.
नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक दिन है. क्योंकि संसद में आपने जो दो ऑब्जर्वेशन दिए हैं, वे सदा सदा के लिए अंकित रहेंगे और रेफरेंस पॉइंट बनेंगे आगे भी राज्यसभा चलाने के लिए, आपने आज रूलिंग के माध्यम से दूध का दूध और पानी का पानी किया. आपने ये स्पष्ट बताया कि नइस पर विपक्ष ने हंगामा किया. जिस पर नड्डा ने कहा कि सच्चाई सुनने की ताकत नहीं होती तो यही शब्द निकलते हैं. आपने यह स्पष्ट किया कि प्रॉसीडिंग को डिस्टर्ब करना अलोकतांत्रिक और नियमों के खिलाफ है. आपने उन घटनाओं को उद्धृत किया, जो बाधित करने वाले थे. मेरे बगल में खड़े होकर कोई नारा लगाएगा, ये लोकतांत्रिक नहीं है. 40 साल से ज्यादा विपक्ष में रहा हूं, मेरे से ट्यूशन ले लो. मैं बता दूंगा कि विपक्ष कैसे होता है. अभी नए नए हो, 10 ही साल हुआ. विपक्ष के नेता ने जैसा कहा कि अरुण जेटली ने कहा था डिसरप्शन करना लोकतांत्रिक अधिकार है, फिर कहता हूं, इसके कई तरीके हैं. लाठी भांजना लोकतांत्रिक नहीं है.
लोकसभा में विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच स्पीकर ने प्रश्नकाल की कार्यवाही कुछ समय तक जारी रखी. नारेबाजी और हंगामा आसन से बार-बार अपील के बाद भी नहीं रुका. इसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी.
उपसभापति हरिवंश ने 267 के तहत मिले नोटिस की जानकारी देते हुए अपनी बात शुरू की. इस पर विपक्ष के सदस्य हंगामा करने लगे. विपक्ष पर भड़के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि आप चेयर को बोलने नहीं दे रहे, बता रहा हूं. उपसभापति ने आंकड़े भी गिनाए और कहा कि केवल एक नोटिस पर इस नियम के तहत चर्चा हुई है. उन्होंने एसआईआर को लेकर कहा कि चुनाव आयोग संवैधानिक बॉडी है, इस पर यहां चर्चा नहीं की जा सकती.
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम धन्यवाद करते हैं आपका, कि ज्ञान हमको दिया. इस पर उपसभापति ने कहा कि नहीं नहीं, हमने ज्ञान आपसे लिया. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि बहुत से रेफरेंस आपने पढ़ा दिया, जो हमने नहीं पढ़ा था. उन्होंने अपना पत्र पढ़कर सुनाया और कहा कि जब अरुण जेटली जी उच्च सदन में विपक्ष के नेता थे, उन्होंने कहा कि प्रोटेस्ट करना और डिस्टर्ब करना लोकतांत्रिक अधिकार है. यह हमारा अधिकार है और हम करते रहेंगे. हमने आपको लेटर लिखा, तो इतना क्या हो गया. इस पर हरिवंश ने आपत्ति करते हुए कहा कि पार्लियामेंट के बाहर ये सारी बातें कहना उचित नहीं है. हमारे पार्लियामेंट के लोग इतने सजग हैं, और आप यहां मीडिया को भी नहीं आने देते. क्या हाउस चलाना चाहते हैं. विट्ठलभाई पटेल से लेकर तमाम लोगों को कोट कर रहे हैं, क्या हमको समझ नहीं आता. ये सब प्रॉसीडिंग से हटाया जाना चाहिए.
राज्यसभा में उपसभापति ने लगातार गतिरोध को चिंताजनक बताया और कहा कि 28 जुलाई को वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य के बोलते समय कुछ सदस्य अपनी सीट से उठकर माइक पर जाकर व्यवधान उत्पन्न किया. क्या यह सदस्य के विशेषाधिकार का हनन नहीं था. 31 जुलाई को जब एक मंत्री स्वतः बयान दे रहे हैं, उनके बयान में भी बाधा डाली गई. कई और सदस्यों के बोलते समय भी माइक में जाकर नारेबाजी की गई. वेल में जाकर नारे लगाना अनुचित है. यह सदन की गरिमा गिराने वाली है. इस सदन में महत्वपूर्ण बिल की कॉपी छिनकर फाड़ी गई, उन्हें उछाला गया. इस सदन में सुरक्षाकर्मियों का उपस्थित रहना नई बात नहीं है. ये सुरक्षाकर्मी सदन की गरिमा का ध्यान रखकर काम करते हैं. जहां तक सदस्यों के लोकतांत्रिक अधिकार की बात है, वह उनका अधिकार है लेकिन सदन की गरिमा के अनुरूप ही. विपक्ष के नेता का लंबा संसदीय अनुभव है. वह विचार करें कि क्या सदन ने चलने देना उचित है. उन्होंने 1998 में, 2008 में वेल में घुसकर हंगामे पर तब के उपसभापतियों की ओर से कही गई बातों का भी जिक्र किया. 230वें सेशन में एक सदस्य जब वेल में घुसकर सदन की कार्यवाही बाधित कर रहे थे, तब उपसभापति ने इसको लेकर क्या कहा ? उपसभापति ने उसका भी जिक्र किया और कहा कि प्रश्नकाल और जीरो ऑवर महत्वपूर्ण समय होता है. हम हंगामे के कारण कार्यवाही के 41 घंटे से अधिक समय गंवा चुके हैं. पक्ष-विपक्ष, सबकी जिम्मेदारी है सदन चलने देना. कृपया चर्चा में भाग लें. उन्होंने पंडित जवाहरलाल नेहरू को कोट करते हुए अपनी बात पूरी की.
लोकसभा में प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू हो गई है. स्पीकर ओम बिरला ने प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू करते हुए माधवराव गोपछड़े का नाम लिया. गोपछड़े ने किसान सम्मान निधि से संबंधित सवाल पूछा. विपक्ष के हंगामे के बीच कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान जवाब दे रहे हैं. शिवराज ने विपक्ष के हंगामे पर कहा कि ये मुझे जवाब नहीं देने दे रहे हैं. ये लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं. ये मुझे जवाब देने से रोकने का प्रयास कर रहे हैं. इस पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि आप जवाब दो. हंगामे के बीच शिवराज सिंह चौहान जवाब दे रहे हैं. शिवराज ने कहा कि पिछले 11 साल में लाखों किसानों की आय दोगुनी हुई है. मोदी सरकार में 14 लाख 6 हजार करोड़ रुपया किसानों को मिला है. उन्होंने यूरिया और उर्वरक पर सब्सिडी के मद के खर्चे भी गिनाए.
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही स्पीकर ओम बिरला ने सदन के पूर्व सदस्यों शिबू सोरेन, तिलकधारी सिंह और रामरति बिंद के निधन की सूचना दी. स्पीकर ने पूर्व सहयोगियों के निधन पर गहरा शोक और उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की. लोकसभा में मौन रखकर भी दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी गई.
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संसद के मॉनसून सत्र के तीसरे हफ्ते की कार्यवाही का आज दूसरा दिन है. दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी दलों ने संसद भवन के मुख्य द्वार पर प्रोटेस्ट किया. विपक्षी दलों ने वोटर लिस्ट रिवीजन के मुद्दे पर प्रोटेस्ट किया.