SCO समिट में शामिल होने के लिए चीन जाएंगे PM... जानें नेहरू से मोदी तक, कब-कब चीन गए भारतीय प्रधानमंत्री

भारतीय प्रधानमंत्रियों ने अलग-अलग समय पर चीन का दौरा किया है. इन यात्राओं का मकसद 1962 के युद्ध के बाद बिगड़े रिश्तों को सामान्य करना, सीमा पर शांति स्थापित करना और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना रहा है.

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चीन के विदेश मंत्री ने PM मोदी को दिया SCO समिट का न्योता (Photo: X/@narendramodi) चीन के विदेश मंत्री ने PM मोदी को दिया SCO समिट का न्योता (Photo: X/@narendramodi)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 11:12 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी मंगलवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की. इस दौरान वांग यी ने तियानजिन में आयोजित होने जा रहे एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति शी का निमंत्रण प्रधानमंत्री को सौंपा. ऐसे में पीएम मोदी ने जल्द ही चीन के दौरे पर चीन जाएंगे.

चीनी विदेश मंत्री से मुलाकात के वक्त प्रधानमंत्री मोदी ने सीमा पर शांति और सौहार्द बनाए रखने की अहमियत पर जोर दिया. प्रधानमंत्री ने एससीओ शिखर सम्मेलन के निमंत्रण के लिए राष्ट्रपति शी जिनपिंग को धन्यवाद दिया और समिट में शामिल होने की सहमति जताई. पीएम मोदी की यह चीन की छठवीं यात्रा होगी.

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नरेंद्र मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन की चीन द्वारा अध्यक्षता किए जाने के प्रति समर्थन जताया और कहा कि वे तियानजिन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने के लिए उत्सुक हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि इससे पहले कब-कब भारतीय प्रधानमंत्री चीन के दौरे पर जा चुके हैं.

कब-कब भारतीय प्रधानमंत्रियों ने की चीन की यात्रा...

भारत के प्रधानमंत्रियों ने वक्त-वक्त पर चीन की यात्राएं की हैं. इन यात्राओं का मकसद दोनों देशों के रिश्तों को बेहतर बनाना, व्यापार और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना रहा है. चीन की पहली यात्रा भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1954 में की थी. उसके बाद से, राजीव गांधी, पी. वी. नरसिम्हा राव, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी ने चीन का दौरा किया है.

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भारतीय प्रधानमंत्रियों की चीन यात्राएं

भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1954 में चीन का दौरा किया था, जिसका मकसद भारत-चीन मैत्री और पंचशील समझौते को आधार बनाना था. इसके 34 साल बाद, 1988 में राजीव गांधी ने चीन की यात्रा की, जिसका मकसद 1962 के युद्ध के बाद बिगड़े रिश्तों को सामान्य करना था. 1993 में पी. वी. नरसिम्हा राव की यात्रा के दौरान टएलएसी पर शांति समझौता' साइन हुआ.

वाजपेयी से मोदी तक...

अटल बिहारी वाजपेयी ने 2003 में प्रधानमंत्री के रूप में चीन की यात्रा की, जिससे व्यापारिक और रणनीतिक रिश्ते मजबूत हुए. इसी यात्रा में सिक्किम को भारत का हिस्सा मानने पर सहमति बनी. 

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डॉ. मनमोहन सिंह ने 2008 और 2013 में दो बार चीन का दौरा किया, जिसमें उन्होंने व्यापार और सीमा सहयोग पर जोर दिया. भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 से 2018 के बीच पांच बार चीन का दौरा किया, जिसमें एससीओ, ब्रिक्स और जी-20 शिखर सम्मेलन शामिल थे. 

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