'15 अगस्त पर 19 बम ब्लास्ट की थी योजना लेकिन...', प्रतिबंधित संगठन ULFA-I ने किया दावा

उल्फा-आई का कहना है कि उन्होंने शिवसागर, डिब्रूगढ़ और गुवाहाटी सहित असम के कई इलाकों में ये बम प्लांट किए थे. संगठन ने जारी बयान में कहा कि वे स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सुबह छह बजे से दोपहर 12 बजे तक कई स्थानों पर बम विस्फोट कर अपनी ताकत दिखाना चाहते थे. लेकिन तकनीकी कारणों से संगठन को इस योजना को स्थगित करना पड़ा.

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असम में उल्फा का क्या था प्लान असम में उल्फा का क्या था प्लान

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 3:01 PM IST

असम के प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम-इंडिपेंडेंट (ULFA-I) का दावा है कि उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रमों को बाधित करने के लिए राज्य में 19 बम प्लांट किए थे. उनका मकसद स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बम ब्लास्ट कर अपनी ताकत दिखाने का था.

उल्फा-आई का कहना है कि उन्होंने शिवसागर, डिब्रूगढ़ और गुवाहाटी सहित असम के कई इलाकों में ये बम प्लांट किए थे. संगठन ने जारी बयान में कहा कि वे स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सुबह छह बजे से दोपहर 12 बजे तक कई स्थानों पर बम विस्फोट कर अपनी ताकत दिखाना चाहते थे. लेकिन तकनीकी कारणों से यह योजना फेल हो गई.

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इतना ही नहीं संगठन ने बयान जारी कर इन विस्फोटकों को ढूंढ कर इन्हें डिएक्टिवेट करने का भी अनुरोध किया है ताकि वे आम जनता के लिए किसी तरह का खतरा नहीं बन सके. वहीं, इस बीच पुलिस का कहना है कि उन्होंने शिवसागर और नगांव से कुछ संदिग्ध सामान बरामद किया है.

बता दें कि असम के कई इलाकों में इन बमों को प्लांट किया गया था, जिनमें डीटीओ ऑफिस, ओएनजीसी के गेट नंबर 5, डिब्रूगढ़ लकुआ तिनाली, एएसटीसी, लखीमपुर एएसटीसी, एसपी ऑफिस, लालुक डेली मार्केट, बरघट पुलिस आउटपोस्ट, नगांव मेडिकल कॉलेज, गुवाहाटी, गांधी मंडप, नारेंगी आर्मी कैंप, पान बाजार, जोरबाट ओवरब्रिज, भेटापारा, मालीगांव, राजगढ़, नलबाड़ी और रंगिया जैसी जगह शामिल हैं. 

1979 में हुआ था उल्फा का गठन

उल्फा का गठन 1979 में "संप्रभु असम" की मांग के साथ किया गया था. तब से यह विध्वंसक गतिविधियों में शामिल रहा है जिसके कारण केंद्र सरकार ने 1990 में इसे प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया था.  2010 में उल्फा दो भागों में बंट गया था. उल्फा-आई ने 22 नवंबर 2023 को असम के तिनसुकिया जिले के काकोपर में स्थित सेना के शिविर पर हमले की साजिश रची थी.

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