देश को आज मिलेगा स्वदेशी एयरक्राफ्ट करियर IAC Vikrant, क्या है इसकी ताकत, रेंज... जानिए सबकुछ

भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक युद्दपोत को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कमीशन करेंगे. दुनिया के दस सबसे ताकतवर एयरक्राफ्ट करियर में शामिल IAC Vikrant के शामिल होने से भारतीय नौसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. आइए जानते हैं इसके बारे में वो सबकुछ जो इसे 'समंदर का महाबली' बनाती है.

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आज कोच्चि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी IAC Vikrant को भारतीय नौसेना को सौपेंगे. (फोटोः Indian Navy) आज कोच्चि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी IAC Vikrant को भारतीय नौसेना को सौपेंगे. (फोटोः Indian Navy)

ऋचीक मिश्रा

  • कोच्चि/नई दिल्ली,
  • 01 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:06 AM IST

देश को आज यानी 2 सितंबर 2022 को अपना ताकतवर स्वदेशी एयरक्राफ्ट करियर IAC Vikrant मिल जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) कोच्चि में इसे भारतीय नौसेना को सौपेंगे. एयरक्राफ्ट करियर मतलब समुद्र में तैरता एयरफोर्स स्टेशन. जहां से फाइटर जेट्स, मिसाइलें, ड्रोन्स उड़कर दुश्मन के छक्के छुड़ा सकते हैं. ये जल, जमीन और आसमान में शोले बरसा सकते हैं. आपको जानकर ये हैरानी होगी कि IAC Vikrant दुनिया के दस सबसे ताकतवर विमानवाहक युद्धपोतों में शामिल है. 

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दुनिया के 10 ताकतवर विमानवाहक युद्धपोतों में शामिल है IAC Vikrant. (फोटोः Indian Navy)

क्योंकि जिस भी देश के पास ज्यादा एयरक्राफ्ट करियर होते हैं, उसे किसी भी युद्ध में सफलता मिलती है. वो दुनिया के किसी भी देश को घेर सकता है. जहां से मिसाइलें, फाइटर जेट्स, लड़ाकू हेलिकॉप्टर और स्पेशल फोर्सेज कमांडों दुश्मन के इलाके में आसानी से हमला बोल सकते हैं. आइए जानते हैं इस शानदार एयरक्राफ्ट करियर की ताकत, क्षमता, रेंज, सुविधाएं और हथियारों के बारे में.

सबसे पहले जानते हैं इसके हथियारों के बारे में...

आईएसी विक्रांत (IAC Vikrant) से 32 बराक-8 मिसाइलें दागी जा सकती हैं. लॉन्चिंग वर्टिकल सिस्टम (VLS) से होती है. सतह से हवा में (Surface to Air) मार करने वाली बराक मिसाइलें 500 मीटर से 100 KM तक हमला या बचाव के लिए दाग सकते हैं. 60 KG का वॉरहेड ले जाने वाली मिसाइल का डेटोनेशन सिस्टम हार्ड टू किल है. इसकी अधिकतम गति 2469 किमी प्रतिघंटा होती है. 

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IAC विक्रांत पर मौजूद AK-630 गन जब चलती है दुश्मनों के होश उड़ जाते हैं. (फोटोः Indian Navy)

इसके बाद इसमें चार ओटोब्रेडा (Otobreda) 76 mm के ड्यूल पर्पज कैनन लगे हैं. इसे रिमोट से चलाते हैं. यह 76.2 मिलिमीटर कैलिबर की तोप है. 360 डिग्री घूमकर दुश्मन के विमान, हेलिकॉप्टर, फाइटर जेट या युद्धपोत पर फायरिंग कर सकती है. इसकी रेंज 16 से 20 किलोमीटर तक होती है. इसके अलावा विक्रांत पर चार AK 630 CIWS प्वाइंट डिफेंस सिस्टम गन लगी है. यह एक घूमने वाली तोप होती है, जो टारगेट की दिशा में घूमकर फायरिंग करती रहती है. इसे चलाने के लिए सिर्फ एक आदमी की जरुरत होती है. यह 10 हजार राउंड्स प्रति मिनट की दर से फायरिंग करती है. 

अब जानते हैं IAC Vikrant की क्षमताओं के बारे में

आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) को कोचीन शिपयार्ड में बनाया गया है. डिस्प्लेसमेंट 45 हजार टन है. यह अपने ऊपर 30 से 35 विमान ढो सकता है. लंबाई 860 फीट और चौड़ाई 203 फीट है. कुल क्षेत्रफल 2.5 एकड़ है. अधिकतम गति 52 KM प्रतिघंटा है. भाविष्य में ब्रह्मोस मिसाइलें भी तैनात की जा सकती हैं. इसमें जनरल इलेक्ट्रिक टरबाइन लगे हैं, जो इसे 1.10 लाख हॉर्सपावर की ताकत देते हैं. इसकी स्ट्राइक रेंज 1500 KM है. लेकिन सेलिंग रेंज 15 हजार किमी है. एयरक्राफ्ट करियर को बनाने में 76% स्वदेशी सामग्रियों का उपयोग किया गया है. 

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इस युद्धपोत पर कामोव, रोमियो हेलिकॉप्टर और मिग-29 फाइटर जेट्स तैयार हैं. (फोटोः Indian Navy)

Vikrant पर तैनात फाइटर जेट्स और हेलिकॉप्टर्स

IAC Vikrant पर MiG-29K फाइटर जेट्स, अमेरिकी MH-60R मल्टीरोल नेवल हेलिकॉप्टर, भारतीय ALH Dhruv और कामोव केए-31 AEW हेलिकॉप्टर तैनात होंगे. एमएच-60आर को रोमियो हेलिकॉप्टर भी बुलाया जाता है. भविष्य में इस पर दुनिया के बेस्ट नौसैनिक फाइटर जेट्स की तैनाती भी की जा सकती है. जिसके लिए फिलहाल राफेल, सुपर हॉर्नेट समेत कई फाइटर जेट्स में जंग चल रही है. 

16 बेड का अस्पताल जिसमें कई तरह के एक्सरे और सीटी स्कैन की सुविधा भी मौजूद है. (फोटोः ट्विटर/LCA Tejas Fans)

IAC विक्रांत पर मौजूद है 16 बेड का अस्पताल

आईएसी विक्रांत (IAC Vikrant) के अंदर 16 बेड का असप्ताल है. दो ऑपरेशन थियेटर हैं. प्राइमरी मेडिकल कॉम्प्लेक्स हैं. इसमें 40 कंपार्टमेंट्स हैं, जो पूरे जहाज पर फैले हुए हैं. सीटी स्कैन, लेबोरेटरी, अल्ट्रासोनोग्राफी, एक्स-रे की सुविधा भी है. इसके अलावा दो डेंटल चेयर और ट्रीटमेंट फैसिलिटी भी है. हमारी टीम में 5 मेडिकल ऑफिसर और 16 पैरामेडिक्स शामिल हैं. 

किचेन में लगे हैं ऐसी आटोमैटिक मशीनें जो तेजी से खाना बनाती हैं. 

किचेन इतना शानदार कि 5000 थाली तैयार कर दे

IAC विक्रांत पर अत्याधुनिक किचेन जो दिन भर में 5000 थाली तैयार कर सकती है. किचेन संबंधी यंत्र ऑटोमैटिक हैं, जिनमें मटेरियल डालो वो खुद ही खाना तैयार कर देते हैं. इस युद्धपोत पर किसी भी समय 1500 से 1700 नौसैनिक तैनात रहेंगे. इसमें तीन गैली है, जो मिलकर दिनभर में 5000 मील्स बना सकते हैं. यानी इमरजेंसी या युद्ध की स्थिति में किसी भी सैनिक को किचन में लगने की जरुरत नहीं पडे़गी. किचेन में नौसैनिक तीन शिफ्ट में 20 घंटे लगातार काम करते हैं. 

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1971 के युद्धपोत से लिया गया नाम, बनाने में पूरा देश शामिल

IAC Vikrant का नौसेना में शामिल होना भारत के लिए ऐतिहासिक मौका है. इसी नाम से 1971 के युद्ध में युद्धपोत का उपयोग किया गया था. विक्रांत की डिजाइन और निर्माण दोनों देश में ही किया गया है. इसे बेहतरीन ऑटोमेटेड मशीनों, ऑपरेशन, शिप नेविगेशन और बचाव प्रणाली से लैस किया गया है. इसे बनाने में कोचीन शिपयार्ड के साथ-साथ 550 भारतीय कंपनियों ने मदद की है. इसके अलावा 100 MSME कंपनियां भी शामिल थी. इस युद्धपोत के अलग-अलग हिस्सों को अलग-अलग कंपनियों ने बनाया है. हिंद महासागर, प्रशांत महासागर और दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए भारतीय नौसेना लगातार अपनी क्षमताओं को बढ़ा रही है.  

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