निर्वाचन आयोग सोमवार को असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु समेत 10 से 15 राज्यों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) अभियान का औपचारिक ऐलान कर सकता है. ये देशव्यापी अभियान का पहला चरण होगा, जिसमें बिहार को छोड़कर अन्य राज्य शामिल होंगे. आयोग ने इसके लिए सारी तैयारियां कर पूरी तरह से कमर कस ली है.
निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को मद्रास हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया कि तमिलनाडु में अगले हफ्ते से मतदाता सूची की अधिकतम शुचिता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान शुरू होने वाला है. ये कदम राज्य में मतदाता सूची में गड़बड़ियों की शिकायतों के बाद उठाया गया है.
पहले चरण में ये राज्य नहीं होंगे शामिल
निर्वाचन आयोग में कार्यरत उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार, मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के देशव्यापी अभियान के पहले चरण में उन राज्यों को छोड़ दिया जाएगा, जहां सर्दियों में मौसम प्रतिकूल रहता है और जिन राज्यों में स्थानीय निकायों के चुनाव निकट भविष्य में प्रस्तावित हैं.
निर्वाचन आयोग देशव्यापी अभियान से पहले देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ पिछले दो महीनों में दो सम्मेलन कर इस गंभीर मुद्दे की रूपरेखा पर विस्तृत चर्चा और एहतियाती तैयारी कर चुका है. पहला सम्मेलन 10 सितंबर को और दूसरा हाल ही में 22 और 23 अक्टूबर को हुआ है.
21-23 साल बाद होगा SIR
सूत्रों के मुताबिक, देश के अधिकतर राज्यों में पिछला विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान 2002 से 2004 के बीच चला था. यानी 21 से 23 साल के बाद इसे दोहराया जा रहा है.
आयोग का ये भी कहना है कि ये संभवत: इस पैमाने पर किया जा रहा अंतिम विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान हो, क्योंकि अब पुराना सारा डाटा डिजिटल किया जा रहा है. पिछले कुछ सालों से मतदाता सूची का सारा डाटा डिजिटल रूप से ही तैयार होता है. मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करते वक्त चुनाव विभाग को भी सूचना देकर वोटर कार्ड निरस्त करने की प्रक्रिया तय है.
संजय शर्मा