दिल्ली में संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत होने वाली है, लेकिन राजधानी का सियासी माहौल इससे पहले ही गर्म हो चुका है. कांग्रेस ने 14 दिसंबर को रामलीला मैदान में एक बड़ी रैली आयोजित करने का फैसला किया है, जिसमें पार्टी मतदाता सूची में गड़बड़ी और ‘वोट चोरी’ के मुद्दे को प्रमुखता से उठाएगी.
कांग्रेस का आरोप है कि कई राज्यों से उन्हें लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि मतदाता सूचियों में जानबूझकर छेड़छाड़ की जा रही है - कहीं नाम हटाए जा रहे हैं, कहीं गलत तरीके से जोड़े जा रहे हैं. पार्टी का कहना है कि ऐसी गड़बड़ियां चुनाव की निष्पक्षता पर सीधा हमला हैं.
कौन होंगे रैली में?
इस रैली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा मौजूद रहेंगे. सोनिया गांधी की उपस्थिति उनके स्वास्थ्य पर निर्भर करेगी. कांग्रेस के मुताबिक यह सिर्फ एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक अभियान है - लोकतंत्र और मतदान प्रक्रिया को साफ और विश्वसनीय बनाए रखने का.
कांग्रेस चुनाव आयोग से इस पूरे मामले की जांच की मांग कर रही है ताकि मतदाता सूची पारदर्शी और विश्वसनीय बनी रहे.
यह भी पढ़ें: लोकतंत्र को 'थियेटर' मत बनाओ... राहुल गांधी के खिलाफ जजों-ब्यूरोक्रेट्स ने क्या लिखा, पढ़ें पूरा लेटर
राजनीतिक महत्व - 2025 और 2026 की तैयारी?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह रैली कांग्रेस के लिए दो महत्वपूर्ण काम करेगी. पहला - विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने का प्रयास. दूसरा - 2025 के विधानसभा चुनाव और 2026 के लोकसभा चुनावों से पहले कार्यकर्ताओं को सक्रिय करना. वहीं बीजेपी इस रैली को कांग्रेस की “राजनीतिक हताशा” बताकर पलटवार कर सकती है.
ऐतिहासिक रामलीला मैदान
दिल्ली का रामलीला मैदान पहले भी बड़े आंदोलनों और लोकतांत्रिक अभियानों का केंद्र रहा है. कांग्रेस चाहती है कि 14 दिसंबर की रैली भी उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए एक यादगार राजनीतिक संदेश भेजे.
राहुल गौतम