चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुजरात से गुजर गया है, लेकिन अपने पीछे मुसीबत की मूसलाधार बारिश और आफत का सैलाब छोड़ गया है. लेकिन, इस बीच मुश्किलों को दरकिनार कर स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने भी गर्भवती महिलाओं की जान बचाई है. पिछले दो दिन के अंदर गुजरात के आपदा प्रभावित इलाके में 709 महिलाओं की डिलीवरी हुई है. कई केस ऐसे भी आए, जिनमें ऑपरेशन की जरूरत थी. लेकिन, डॉक्टर्स की सूझबूझ से नॉर्मल डिलीवरी हो गई और जच्चा-बच्चा दोनों पूरी तरह सुरक्षित हैं.
गुजरात में तूफान अपने पीछे तबाही भी छोड़ गया है. राज्य सरकार के सामने करीब 1,000 गांवों में बिजली बहाल करने और सड़कों पर गिरे पेड़ों को हटाने की तत्काल चुनौती बढ़ गई है. 5100 से ज्यादा खंभे उखड़ गए हैं. 600 पेड़ सड़कों पर गिरे हैं. तीन हाइवे तक बंद किए गए हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे और स्थिति के बारे में जानेंगे.
बता दें कि कच्छ और सौराष्ट्र क्षेत्रों में तबाही मचाने के बाद शुक्रवार को चक्रवात बिपरजॉय कमजोर पड़ गया और दक्षिण राजस्थान की ओर बढ़ गया. हालांकि, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने उत्तर गुजरात में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. सरकार ने बताया कि गुजरात में चक्रवात बिपरजॉय (जिसका अर्थ बंगाली में आपदा है) के कारण कोई जनहानि नहीं हुई है. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के हवाले से जारी बयान में कहा गया है कि राहत और बचाव कार्य में तेजी लाई जा रही है. अग्रिम योजनाएं और एक लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है.
709 गभर्वती महिलाओं की डिलीवरी
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, तूफान के बीच प्रभावित क्षेत्रों से 709 गर्भवती महिलाओं को अस्पतालों में लाया गया. यहां उन्होंने नवजात बच्चों को जन्म दिया. दो बच्चों का जन्म राज्य सरकार की '108' एंबुलेंस में हुआ. मांडवी के अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. ध्रुव ने बताया कि हमें एक गर्भवती महिला के बारे में फोन आया, जिसका मामला बहुत पेचीदा था. उसे अस्पताल पहुंचने में ढाई से तीन घंटे लग गए. ऑपरेशन से ही डिलीवरी हो सकती थी. हालांकि हम उसकी जगह नॉर्मल डिलीवरी करने में सफल हो गए. अब तक ऐसे 44-45 मामले हो चुके हैं और जच्चा-बच्चा दोनों अब सुरक्षित हैं.
युद्धस्तर पर चलाया जा रहा ऑपरेशन
बिजली बहाल करने के लिए कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर, मोरबी, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, राजकोट और पोरबंदर जिलों में 1,127 टीमें काम कर रही हैं. वन विभाग की टीमों ने सड़कों से गिरे 581 पेड़ों को हटा दिया है. चक्रवात की वजह से करीब एक हजार गांवों की बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है. ऐसे में सरकार के सामने चुनौती बढ़ गई है. पानी में गांव डूब गए हैं. ऐसे में गांवों की बिजली आपूर्ति बहाल करने और सड़कों पर गिरे पेड़ों को हटाने के लिए युद्धस्तर पर ऑपरेशन चलाया जा रहा है.
एक लाख से ज्यादा लोग आश्रय स्थलों में
इससे पहले राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने बताया था कि राज्य में चक्रवात से जुड़ी किसी भी घटना में जनहानि नहीं हुई है. उन्होंने इसे सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया था. तटीय क्षेत्रों से 1,09,000 लोगों को अस्थायी आश्रयों में भेजा गया है. इनमें 10,918 बच्चे, 5,070 वरिष्ठ नागरिक और 1,152 गर्भवती महिलाएं हैं.
कच्छ जिले में सबसे ज्यादा बिजली का संकट
राहत आयुक्त पांडेय ने बताया कि तूफान से राज्य में बिजली व्यवस्था लड़खड़ा गई है. पश्चिम गुजरात विज कंपनी लिमिटेड को बड़े तौर पर वित्तीय नुकसान हुआ है. करीब 5,120 बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त हो गए हैं. करीब 4,600 गांवों में ब्लैक आउट की स्थिति बन गई थी. बाद में 3,580 गांवों में बिजली की आपूर्ति बहाल कर दी गई. एक हजार से ज्यादा गांवों में बिजली नहीं है. इनमें 40 फीसदी संकट सिर्फ कच्छ जिले में है. चक्रवात संबंधी घटनाओं में करीब 23 लोग घायल हो गए. जबकि कई घर भी क्षतिग्रस्त हो गए.
9 पक्के और 20 कच्चे घर गिर गए
उन्होंने बताया कि तीन हाइवे को क्षतिग्रस्त होने के कारण बंद कर दिया गया है. कुल 581 पेड़ उखड़ गए. 9 पक्के और 20 कच्चे घर ढह गए. जबकि दो पक्के और 474 कच्चे घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा. 65 फूस के घरों को नष्ट कर दिया गया. जिन्हें नुकसान पहुंचा है, उन लोगों के लिए सरकार मुआवजे के तत्काल भुगतान की तैयारी कर रही है. तटीय जिलों के कई निचले इलाकों में तूफान के कारण पानी भर गया. लैंडफॉल के दौरान आठ मीटर तक ज्वार उठे थे.
चार दिन से आश्रय स्थल में रह रहे 400 लोग
मांडवी-जखाऊ हाइवे पर हर 100 या 200 मीटर पर गिरे पेड़ और बिजली के खंभे देखे जा सकते हैं. मांडवी के पास कचा गांव में करीब 25 कच्चे घर क्षतिग्रस्त हो गए. कच्छा के सरपंच राकेश गौड़ ने बताया कि हमारे यहां कल से बिजली नहीं है, लेकिन गांव में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है. हमने आश्रय गृहों में पिछले चार दिनों से अन्य गांवों के 400 लोगों को रखा है.
कच्छ समेत 4 जिले में भारी बारिश का अलर्ट
मांडवी शहर में करीब 30 पेड़ और 20 बिजली के खंभे उखड़ गए. मांडवी निवासी अब्दुल हुसैन ने बताया कि कल शाम 4 बजे से हमारे पास बिजली नहीं है. हमारे घरों की छप्पर उड़ गए और घरों में पानी भर गया. IMD ने बताया कि चक्रवात तूफान बिपरजॉय शुक्रवार को कमजोर हो गया. मौसम विभाग ने शनिवार सुबह तक जामनगर, देवभूमि द्वारका, मोरबी और कच्छ में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. IMD के अहमदाबाद केंद्र की निदेशक मनोरमा मोहंती ने बताया कि रविवार सुबह तक बनासकांठा और पाटन जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है.
निचले इलाके से निकाले जा रहे हैं लोग
बनासकांठा के कलेक्टर वरुण बरनवाल ने बताया कि 2,500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. निचले इलाकों से और लोगों को निकाला जा रहा है. जामनगर, कच्छ, देवभूमि द्वारका, राजकोट और मोरबी के कुछ हिस्सों में शुक्रवार सुबह छह घंटे तक भारी बारिश हुई.
तेज गति से चल रही हैं हवाएं
गुजरात में शुक्रवार को भी 35-45 किमी प्रति घंटे से लेकर 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज सतही हवाएं चलीं. उत्तरी गुजरात के जिले बनासकांठा, पाटन, मेहसाणा और साबरकांठा में 65-75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं. भावनगर जिले में गुरुवार को पिता और पुत्र की मौत हो गई. ये दोनों लोग बाढ़ वाले खड्ड में फंसी अपनी बकरियों को बचाने की कोशिश कर रहे थे. हालांकि, पांडे ने कहा कि चूंकि भावनगर जिला चक्रवात प्रभावित नहीं था, इसलिए उनकी मौतों को चक्रवात से संबंधित नहीं गिना गया है.
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अब राजस्थान के जालोर में बाढ़ का संकट
दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने बताया कि गुजरात में जिन 1,000 गांवों में बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है, उनमें से 40 प्रतिशत समस्या सिर्फ कच्छ जिले में हैं. चक्रवात अब दक्षिण राजस्थान की ओर बढ़ रहा है. एनडीआरएफ ने पहले ही जालोर जिले में एक टीम तैनात कर दी. वहां भारी बारिश से बाढ़ आ सकती है.
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गुजरात की 175 तहसीलों में बारिश रिकॉर्ड
इससे पहले चक्रवात ने गुरुवार शाम करीब 6:30 बजे जखाऊ के पास सौराष्ट्र-कच्छ तटों पर लैंडफॉल किया, जिससे लगातार बारिश और हवा की गति 140 किमी प्रति घंटे तक पहुंच गई. शुक्रवार दोपहर 2.30 बजे तक लैंडफॉल खत्म हो गया और कच्छ के कई हिस्सों के साथ-साथ सौराष्ट्र क्षेत्रों में देवभूमि द्वारका, जामनगर, राजकोट और मोरबी जिलों में 100-185 मिमी की भारी बारिश दर्ज की गई. साथ ही 95 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चलती रहीं. कुल मिलाकर राज्य के 175 तहसीलों में दिन के समय बारिश रिकॉर्ड की गई.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज कच्छ में जानेंगे हाल
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज कच्छ का दौरा करेंगे. वे सुबह 11 बजे भुज एयरपोर्ट पहुंचेंगे. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी उनके साथ रहेंगे. तूफान Biporjoy प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेंगे और कच्छ मे हुई तबाही का हाल जानेंगे. दोनों स्थिति की समीक्षा करेंगे. शाह पिछले 3 दिन से लगातार दिल्ली से नज़र रख रहे थे.
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