छत्तीसगढ़: AAP कार्यकर्ताओं को महंगा पड़ा PM मोदी का विरोध, 9 दिन से जेल में बंद

इस दौरान एयरपोर्ट पर पुलिस ने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर जेल में डाल दिया. उनपर ऐसी धराए लगाई गईं कि कार्यकर्ताओं की जेल से रिहाई संभव नहीं हो पा रही है.

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पीएम मोदी पीएम मोदी

सुनील नामदेव / देवांग दुबे गौतम

  • रायपुर,
  • 23 जून 2018,
  • अपडेटेड 12:11 AM IST

दिल्ली में आम आदमी पार्टी का एलजी और पीएम मोदी के खिलाफ आंदोलन अभी खत्म ही हुआ कि छत्तीसगढ़ में पार्टी के 14 कार्यकर्ताओं की रिहाई को लेकर AAP को पसीना बहाना पड़ रहा है.  दरअसल 14 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दिन के प्रवास पर रायपुर पहुंचे थे.  इस दौरान 'आप' कार्यकर्ताओ ने उनसे मिलने की जिद कर उन्हें ज्ञापन सौंपने की कोशिश की.

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इस दौरान एयरपोर्ट पर पुलिस ने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर जेल में डाल दिया. उनपर ऐसी धाराएं लगाई गईं कि कार्यकर्ताओं की जेल से रिहाई संभव नहीं हो पा रही है.

कांग्रेसी कार्यकर्ताओ ने भी किया था विरोध

आम आदमी पार्टी का आरोप है कि इसी दिन प्रधानमंत्री मोदी का विरोध कांग्रेसी कार्यकर्ताओ ने भी किया था. लेकिन पुलिस ने उन्हें सुबह गिरफ्तार कर शाम को छोड़ दिया. आम आदमी पार्टी इसके लिए भी मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है.

दिल्ली में AAP की एलजी के साथ रस्सा कस्सी अब खत्म ही हुई थी कि पार्टी नेतृत्व रायपुर में अपने कार्यकर्ताओं की रिहाई को लेकर सड़कों पर हैं. वे सड़कों पर उतरकर जेल में बंद अपने साथी कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग कर रहे हैं.  मामला 14 जून को पीएम मोदी के भिलाई दौरे से जुड़ा है.

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पार्टी के कार्यकर्ता प्रदेश की समस्याओं को लेकर मोदी को ज्ञापन सौंपना चाहते थे. लेकिन पुलिस ने उन्हें  पीएम मोदी के करीब जाने की इजाजत नहीं दी. उन्हें एयरपोर्ट के मेन गेट पर ही रोक लिया गया. इससे नाराज होकर आप पार्टी कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए और उन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.  

उधर पुलिस ने 'आप' के दर्जन भर कार्यकर्ताओ  के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने और शांति भंग करने के मामले में अपराध दर्ज कर जेल भेज दिया. पीएम मोदी 14 जून की शाम वापस दिल्ली चले गए. लेकिन 'आप' के दर्जन भर कार्यकर्ता बीते नौ दिन से जेल से अपनी रिहाई का इंतजार कर रहे हैं.

दूसरी ओर कांग्रेसी कार्यकर्ताओ ने भी पीएम मोदी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. लेकिन पुलिस ने उन्हें सुबह अपने कब्जे में लिया और शाम को छोड़ दिया. 'आप' के केंद्रीय नेतृत्व ने इन कार्यकर्ताओं की रिहाई के लिए अपने महत्वपूर्ण नेताओं को दिल्ली से रायपुर भेजने का फैसला किया है. ताकि छत्तीसगढ़ में उनकी पार्टी की कार्यकर्ताओं के साथ हो रही नाइंसाफी को जोरशोर से उठाया जा सके.

छत्तीसगढ़ पुलिस के खिलाफ दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप

'आप' पार्टी के कार्यकर्ता राज्य की बीजेपी सरकार और छत्तीसगढ़ पुलिस के खिलाफ दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगा रहे हैं. हालांकि कांग्रेसियों ने भी प्रधानमंत्री मोदी का रायपुर से लेकर भिलाई तक जमकर विरोध किया था. कांग्रेसियों ने प्रधानमंत्री को काले झंडे दिखाने की तैयारी भी की थी. हालांकि इसे पुलिस ने नाकाम कर दिया था.

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AAP कार्यकर्ताओं के साथ हुई इस कार्रवाई को लेकर कांग्रेस ने चुप्पी साध रखी है.  उधर सरकार की दलील है कि 'आप' पार्टी का धरना प्रदर्शन नहीं बल्कि वो आपराधिक कृत्य था. सरकारी प्रवक्ता श्रीचंद सुंदरानी के मुताबिक धरना प्रदर्शन के दौरान कानून हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं है.

एयरपोर्ट पर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कायदे कानूनों की धज्जियां उड़ा दी थी. उधर रायपुर के एडिशनल एस.पी. प्रफुल्ल  ठाकुर ने पुलिस कार्रवाई को जायज ठहराते हुए कहा कि मामला अदालत में है, अब 'आप' को अपना पक्ष अदालत में ही रखना होगा.   

पुलिस ने आम आदमी पार्टी के 14 कार्यकर्ताओं के खिलाफ सभी पांच गैर जमानती धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है. ये धाराएं हैं 147 ,186 ,332 ,353 और 419. कानून के जानकारों के अनुसार आमतौर पर ऐसी कड़ी धाराएं राजनैतिक धरना प्रदर्शन और विरोध करने वालों के बजाए पेशेवर अपराधी और गुंडे बदमाशों पर लगाई जाती हैं. 

रायपुर की निचली अदालत में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओ की जमानत की अर्जी को दो बार ख़ारिज हो चुकी है. जिला अदालत में अब मामले की सुनवाई अब 27 जून को होगी.

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