फैक्ट चेक: जामिया के बाहर प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने वाले इस युवक ने नहीं ली बीजेपी की सदस्यता

शाहीन बाग प्रदर्शन के दौरान गोलीबारी करने वाले युवक कपिल गुर्जर ने 30 दिसंबर बीजेपी की सदस्यता ली तो हर कोई हैरान रह गया. सोशल मीडिया पर इसका काफी विरोध हुआ जिसके कुछ घंटों बाद ही पार्टी ने आनन-फानन में कपिल की सदस्यता रद्द कर दी. इस बीच सोशल मीडिया पर बंदूक ताने एक युवक और बीजेपी की सदस्यता लेते कपिल की तस्वीरों का कोलाज वायरल हो रहा है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
शाहीन बाग के सीएए विरोधी आंदोलन में गोली चलाने वाले कपिल गुर्जर नाम के युवक ने भाजपा की सदस्यता ली.
सच्चाई
वायरल कोलाज में बंदूक ताने खड़ा युवक कपिल गुर्जर नहीं बल्कि रामभक्त गोपाल है जिसने सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी के बाहर गोली चलाई थी.

ज्योति द्विवेदी

  • नई दिल्ली,
  • 31 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 11:53 PM IST

शाहीन बाग प्रदर्शन के दौरान गोलीबारी करने वाले युवक कपिल गुर्जर ने 30 दिसंबर बीजेपी की सदस्यता ली तो हर कोई हैरान रह गया. सोशल मीडिया पर इसका काफी विरोध हुआ जिसके कुछ घंटों बाद ही पार्टी ने आनन-फानन में कपिल की सदस्यता रद्द कर दी. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने ट्विटर पर लिखा, “गाजियाबाद के कपिल गुर्जर की विचारधारा भाजपा के अनुरूप नहीं है. कपिल गुर्जर की सदस्यता को भारतीय जनता पार्टी द्वारा अमान्य करार किया जाता है.” बीजेपी के महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा ने सफाई देते हुए कहा कि कपिल गुर्जर के शाहीन बाग में गोली चलाने वाला प्रकरण उनके संज्ञान में नहीं था.

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इन घटनाक्रमों के बीच सोशल मीडिया पर बंदूक ताने एक युवक और बीजेपी की सदस्यता लेते कपिल की तस्वीरों का कोलाज वायरल हो रहा है. ऐसा कहा जा रहा है कि फोटो में जिस युवक ने बंदूक तान रखी है, वो वही कपिल गुर्जर है, जिसने शाहीन बाग में गोलियां चलाई थीं.

एक फेसबुक यूजर ने ये कोलाज शेयर करते हुए अंग्रेजी में लिखा, जिसका हिंदी अनुवाद है, “शाहीन बाग का शूटर कपिल गुर्जर जिसने नागरिकता कानून के खिलाफ शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलियां बरसाई थीं, वो 30 दिसंबर को भाजपा में शामिल हो गया.” 

इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है. 

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल कोलाज में बंदूक ताने जिस युवक को कपिल गुर्जर बताया जा रहा है, वह दरअसल रामभक्त गोपाल है. रामभक्त गोपाल ने जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के बाहर चल रहे नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शन के दौरान वहां फायरिंग की थी. 

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फेसबुक पर ये दावा काफी वायरल है.

क्या है सच्चाई

ये भ्रम संभवत: इसलिए फैला क्योंकि कपिल गुर्जर और रामभक्त गोपाल- दोनों ने ही नागरिकता कानून विरोधी आंदोलन के दौरान फायरिंग की थी. एक-एक कर इन दोनों युवकों के बारे में बात करते हैं.

कपिल गुर्जर
साल की शुरुआत में शाहीन बाग इलाके में नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के दौरान दिल्ली के दल्लूपुरा गांव निवासी कपिल गुर्जर ने तीन हवाई फायर किए थे. फायरिंग के बाद जब पुलिस ने कपिल को पकड़ा था, तो उसने जय श्रीराम का नारा लगाया था और कहा था, 'हमारे देश में और किसी की नहीं चलेगी, सिर्फ हिंदुओं की चलेगी.' वहीं, कपिल के परिजनों ने मीडिया को दिए गए एक बयान में कहा था कि वो शाहीन बाग आंदोलन की वजह से कई महीनों से बंद पड़ी सड़कों को लेकर परेशान था. 

रामभक्त गोपाल
सोशल मीडिया पर वायरल कोलाज में रिवॉल्वर ताने जिस युवक की फोटो है, वो ‘इकोनॉमिक टाइम्स’ की 30 जनवरी की इस रिपोर्ट में देखी जा सकती है. ये रिपोर्ट जेवर निवासी रामभक्त गोपाल नाम के युवक के बारे में है, जिसने जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के बाहर नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाई थीं. भारी-भरकम पुलिस बल की मौजूदगी में गोलियां चलाते हुए वह फिल्मी अंदाज में चिल्लाया था, “ये लो आजादी”. इस गोलीबारी में एक प्रदर्शनकारी जख्मी भी हुआ था. ‘लाइवमिंट’ की इस रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने युवक की पहचान रामभक्त गोपाल शर्मा के रूप में की थी.

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हमें ‘टाइम्स नाउ’ की एक वीडियो रिपोर्ट मिली जिसमें बताया गया है कि 28 जनवरी से 1 फरवरी के बीच नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन करने वालों पर गोलीबारी की तीन घटनाएं सामने आईं. इस वीडियो में 30 जनवरी को जामिया नगर में फायरिंग करते रामभक्त गोपाल के विजुअल और 1 फरवरी को हवाई फायरिंग करने वाले कपिल गुर्जर की गिरफ्तारी के विजुअल- दोनों देखे जा सकते है.

हमने कपिल गुर्जर और रामभक्त गोपाल की तस्वीरों को सामने रखकर दोनों की तुलना भी की. साफ देखा जा सकता है कि दोनों युवक अलग-अलग हैं.

 

यानी ये बात स्पष्ट है कि सोशल मीडिया पर वायरल कोलाज में जो युवक बंदूक ताने नजर आ रहा है, वो रामभक्त गोपाल है, न कि कपिल गुर्जर.

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