फैक्ट चेक: बिहार बंद से जोड़कर शेयर की जा रही, जमीन पर लेटे पप्पू यादव की ये तस्वीर पुरानी है

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि इस फोटो का 9 जुलाई को हुए ‘बिहार बंद’ से कोई लेना-देना नहीं है. ये दिसंबर 2020 की तस्वीर है, जब पप्पू यादव, पटना में किसान आंदोलन से संबंधित एक प्रदर्शन में शामिल हुए थे.

Advertisement

आजतक फैक्ट चेक

दावा
सड़क पर लेटे पप्पू यादव की ये तस्वीर बिहार बंद के वक्त की है, जब उनके साथ धक्का-मुक्की हुुई थी.  
सच्चाई
ये दिसंबर 2020 की तस्वीर है, जब पप्पू यादव किसान आंदोलन में शामिल हुए थे.

संजना सक्सेना

  • नई दिल्ली,
  • 14 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 1:10 PM IST

बिहार चुनाव की गहमागहमी के बीच पूर्णिया सांसद पप्पू यादव की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इसमें पप्पू सड़क पर लेटे हुए दिख रहे हैं. उनके ठीक पीछे, सड़क पर बैरिकेड लगे हैं.

कई लोगों का कहना है कि ये फोटो 9 जुलाई को आयोजित बिहार बंद के दौरान की है जब पप्पू एक ओपन वैन में चढ़ने का प्रयास कर रहे थे, जिसमें राहुल गांधी और तेजस्वी यादव सवार थे. हालांकि वो इस वैन पर चढ़ नहीं पाए थे. इस घटना का एक वीडियो सामने आया था जिसमें पप्पू के साथ धक्का-मुक्की होती दिख रही थी. हालांकि पप्पू ने बाद में बयान दिया था कि वो वैन में चढ़ते समय खुद ही गलती से गिर गए थे.

Advertisement

सड़क पर लेटे पप्पू यादव की वायरल तस्वीर को इंस्टाग्राम पर शेयर करते हुए एक व्यक्ति ने लिखा, “पप्पू को पप्पू की गाड़ी पर चढ़ने से रोक दिया गया! माना कि पप्पू यादव का वजन 100- 150 किलो ज्यादा है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि बाघ का करेजा रखने वाले यादव जी का आप ऐसा अपमान करेंगे! मतलब सुरक्षा गार्डों ने गाड़ी से नीचे ही फेंक दिया. इस बात का में घोर समर्थन करता हूं. #तेजस्वीयादव #पप्पु_यादव #बिहार_बंद.”

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि इस फोटो का 9 जुलाई को हुए ‘बिहार बंद’ से कोई लेना-देना नहीं है. ये दिसंबर 2020 की तस्वीर है, जब पप्पू यादव, पटना में किसान आंदोलन से संबंधित एक प्रदर्शन में शामिल हुए थे.

कैसे पता लगाई सच्चाई?

रिवर्स सर्च करने पर हमें ये तस्वीर 28 अक्टूबर, 2024 के एक इंस्टाग्राम पोस्ट में मिली. थोड़ा और खोजने पर ये हमें 2020 के कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में भी मिली. जाहिर है, ये फोटो 9 जुलाई को हुई रैली से संबंधित नहीं है.

Advertisement

कीवर्ड सर्च करने पर हमें इस घटना से संबंधित कुछ न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं. इनके मुताबिक पप्पू यादव 22 दिसंबर, 2020 को पटना के अगमकुआं में प्रदर्शन कर रहे थे. ये प्रदर्शन तीन कृषि कानूनों के विरोध में था, जिन्हें सरकार अब वापस ले चुकी है.

हमें इस प्रदर्शन से संबंधित एक वीडियो रिपोर्ट भी मिली. इसमें पप्पू यादव को वायरल फोटो की तरह ही बैरिकेड के बगल में, सड़क पर लेटे हुए देखा जा सकता है.

दरअसल उस वक्त अगमकुआं के पहाड़ी मोड़ पर पप्पू यादव और जन अधिकार पार्टी (जिसका अब कांग्रेस में विलय हो चुका है) के कार्यकर्ता करीब एक हफ्ते तक धरने पर बैठे थे. 22 दिसंबर, 2020 को इन कार्यकर्ताओं ने पप्पू यादव के साथ आक्रोश जुलूस निकालने का फैसला लिया था. कार्यकर्ताओं को मार्च करते हुए राजभवन की ओर कूच करना था. लेकिन, पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर प्रदर्शनकारियों के जुलूस को धरना स्थल पर ही रोक दिया था.

नाराज कार्यकर्ता, पप्पू यादव के साथ सड़क पर ही धरने पर बैठ कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे थे. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया था और लाठीचार्ज किया था.

इस मार्च में हजारों की संख्या में किसान भी शामिल हुए थे. मामले में पुलिस ने पप्पू यादव समेत सैकड़ों अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

Advertisement

पप्पू यादव के आधिकारिक X अकाउंट पर भी इस रैली की तस्वीरें 22 दिसंबर, 2020 को पोस्ट की गई थीं. इनमें भी उन्हें सड़क पर लेटे हुए देखा जा सकता है.

बता दें कि 12 जुलाई को पप्पू यादव ने एक एक्स पोस्ट के जरिये मांग की थी कि पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों को ध्यान में रखते हुए ही इंडिया गठबंधन में सीटों का बंटवारा करना चाहिए. वहीं, राष्ट्रीय जनता दल और तेजस्वी यादव का नाम लिए बिना, पप्पू यादव ने 13 जुलाई को कहा कि अगर चुनाव में कांग्रेस साथ न हो तो उनकी जमानत जब्त हो जाएगी.

---- समाप्त ----

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement