जोया अख्तर
साल 2009 में जोया ने फिल्म लक बाय चांस से अपने करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद से उन्होंने हमेशा एक लेवल ऊपर जाने की कोशिश की है. जोया ने जिंदगी ना मिलेगी दोबारा, दिल धड़कने दो और गली बॉय जैसी फिल्में हिंदी सिनेमा को दी हैं. इन फिल्मों को न सिर्फ क्रिटिक्स ने काफी सराहा बल्कि इन्होंने बॉक्स ऑफिस पर भी जबरदस्त बिजनेस किया.
अश्वनी अय्यर तिवारी
अश्वनी को हिंदी सिनेमा की उस निर्देशक के तौर पर जाना जाता है जो महिलाओं से जुड़े मुद्दों को बड़े पर्दे पर दिखाती रही हैं. निल बट्टे सन्नाटा से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद उन्होंने बरेली की बर्फी और पंगा जैसी फिल्में की हैं.
गौरी शिंदे
साल 2012 में गौरी ने फिल्म इंग्लिश-विंग्लिश से अपने करियर की शुरुआत की थी. श्रीदेवी स्टारर इस फिल्म को क्रिटिक्स ने काफी सराहा. इसके बाद गौरी ने हिंदी सिनेमा को डियर जिंदगी जैसी फिल्म भी दी जिसमें महिलाओं की निजी जिंदगी में रिश्तों को लेकर होने वाली फ्लक्चुएशन के बारे में गहराई से बात की गई थी.
कोंकणा सेन शर्मा
बॉलीवुड एक्ट्रेस कोंकणा सेन शर्मा ने भले ही अपने करियर में अभी तक सिर्फ एक ही फिल्म डायरेक्ट की है लेकिन इस एक फिल्म के जरिए उन्होंने जाहिर कर दिया कि वह एक कमाल के निर्देशक हैं. कोंकणा की फिल्म का नाम था A Death in the Gunj.
मेघना गुलजार
तेवर, राजी और छपाक जैसी तमाम फिल्में मेघना के खाते में हैं. मेघना एक कमाल की निर्देशक हैं और वह हमेशा बिलकुल नए तरह के मुद्दे फिल्ममेकिंग के लिए पिक करती रही हैं.