रणबीर कपूर स्टारर 'रामायणम्' का फर्स्ट लुक जबसे रिवील किया गया है, भारतीय फिल्म फिन्स की एक्साइटमेंट इस फिल्म के लिए तभी से सातवें आसमान पर है. शानदार विजुअल्स हों या म्यूजिक, 'रामायणम्' की एक झलक से ही ये नजर आने लगा है कि फाइनली इंडियन सिनेमा से कुछ ऐसा निकलकर आ रहा है जो भारतीय संस्कृति की जड़ों से जुड़ा होने के साथ-साथ हॉलीवुड जैसे ग्रैंड स्केल पर तैयार किया गया है.
'रामायणम्' के लिए बन रहा माहौल हाल ही में तब और भी तगड़ा हो गया जब इसके प्रोड्यूसर नमित मल्होत्रा ने प्रखर गुप्ता के पॉडकास्ट में फिल्म का बजट रिवील किया. नमित ने बताया कि तैयार होकर स्क्रीन पर पहुंचने तक, दो पार्ट में बन रहे इस प्रोजेक्ट का बजट 500 मिलियन डॉलर या 4000 करोड़ रुपये से ज्यादा पहुंचने वाला है. भारतीय सिनेमा के इतिहास में अभी तक सबसे महंगी फिल्म प्रभास स्टारर 'कल्कि 2898 AD' है जिसका बजट 600 करोड़ रुपये बताया गया था.
'रामायणम्' सिर्फ इंडिया ही नहीं, बल्कि दुनिया भर की सबसे महंगी फिल्मों में से एक है. यहां तक कि इसके दोनों पार्ट्स का कुल बजट 'अवतार 3' जैसी एपिक का दोगुना है. 'रामायणम्' का बजट जानने के बाद एक तरफ तो फैन्स इस बात के लिए एक्साइटेड हैं कि कोई इंडियन प्रोड्यूसर, भारतीय फिल्म पर इस तरह का खर्च करने जा रहा है.
दूसरी तरफ फिल्म बिजनेस में दिलचस्पी रखने वाले लोगों में ये एक सवाल भी है कि क्या 'रामायणम्' सिर्फ थिएटर्स से इतना बड़ा बजट रिकवर कर पाएगी? लेकिन अगर संभावनाओं के लेंस से देखा जाए तो इस प्रोजेक्ट के पक्ष में कुछ ऐसी चीजें हैं जो इसे बॉक्स ऑफिस पर, भारी भरकम बजट के बावजूद तगड़ी कामयाबी दिला सकता है. चलिए बताते हैं ये चीजें क्या हैं...
पूरे इंडिया के दर्शकों को थिएटर्स में खींचने का दम
भारत की फिल्म इंडस्ट्रीज ज्यादातर एक भाषा या क्षेत्र के दर्शकों और सिनेमाई स्वाद को ध्यान में रखकर फिल्में बनाती हैं. हिंदी बोलने वालों के लिए प्राइमरी फिल्म इंडस्ट्री बॉलीवुड है, पंजाब के लिए पंजाबी, साउथ में मलयालम-तमिल-तेलुगू-कन्नड़ वगैरह. देश के बॉक्स ऑफिस पर सबसे बड़ी फिल्में वो हैं जिनकी अपील क्षेत्र और भाषा से ऊपर थी, जिन्हें देखने के लिए देश भर में लोग घरों से निकलकर थिएटर्स तक पहुंचे. चाहे वो 'बाहुबली 2' हो या 'KGF 2' या 'पुष्पा 2', 'जवान' और 'एनिमल'.
रामायण भारत के डीएनए में घुली कहानी है जिसका सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक प्रभाव किसी भी क्षेत्र या भाषा की बाध्यता से ऊपर है. ये एक ऐसी एपिक कहानी है जिससे हर भारतीय जुड़ा हुआ है. ऐसे में 'रामायणम्' एक ऐसी फिल्म बन जाती है कि अगर इसकी स्टोरीटेलिंग और सिनेमाई जादू पर जनता का विश्वास बैठ गया (जो 'आदिपुरुष' के मामले में नहीं हुआ) तो इसके लिए थिएटर्स में पहुंचना जनता के लिए एक मिशन बन जाएगा.
भारतीय बॉक्स ऑफिस का पक्का साइज अभी तक कोई फिल्म नहीं नाप पाई है. अल्लू अर्जुन की 'पुष्पा 2' ने अभी तक भारतीय बॉक्स ऑफिस पर सबसे ज्यादा, करीब 1400 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया. जबकि केरल की टेरेटरी में इस फिल्म की बॉक्स ऑफिस परफॉरमेंस बहुत कमजोर मानी जाती है. यानी अगर 'पुष्पा 2' जैसी फिल्म भारतीय बॉक्स ऑफिस पर 1500-1600 करोड़ ग्रॉस कलेक्शन करने का पोटेंशियल रखती है, तो घर-घर से पूरे-पूरे परिवारों को थिएटर्स में लाने वाली फिल्म का पोटेंशियल कितना होगा, इसका सटीक अनुमान भी लगा पाना मुश्किल है.
साउथ से नॉर्थ तक की बड़ी स्टार पावर
किसी फिल्म की पॉपुलैरिटी के लिए उसकी कहानी के साथ-साथ स्टार पावर का भी बड़ा रोल होता है. 'रामायणम्' की पूरी कास्ट तो अभी अनाउंस भी नहीं हुई है फिर भी प्रमुख नामों में बॉलीवुड सुपरस्टार रणबीर कपूर, सनी देओल, पैन इंडिया सुपरस्टार यश और साउथ में बेहद सराही गईं साई पल्लवी जैसे नाम शामिल हैं. पूरा चांस है कि मेकर्स 'रामायणम्' में कुछ दमदार कैमियो भी रखेंगे जो एक्टर्स के फैन्स को भी थिएटर्स तक सिर्फ एक बार नहीं, बार-बार आने के लिए मोटिवेट करेंगे.
ओवरसीज मार्किट में कमाल
विदेशी मार्किट को अपने पॉपुलर एंटरटेनमेंट का डोज हॉलीवुड से ही भरपूर मिलता रहता है. ऐसे में वहां उन फिल्मों का जादू खास तौर से चलता है जो किसी दूसरे कल्चर या देश के इतिहास पर बेस्ड हों. 'बाहुबली' फ्रैंचाइजी की ओवरसीज कमाई के पीछे भी यही कारण था और 'RRR' की जबरदस्त इंटरनेशनल पॉपुलैरिटी के पीछे भी.
रामायण भारतीय संस्कृति का वो आधार है जिसके बारे में विदेशी जनता में भी बहुत जिज्ञासा रही है. नई सदी में जैसे-जैसे भारतीय संस्कृति और मूल्यों का विदेशों में प्रसार बढ़ा है, वैसे-वैसे रामायण का नाम और उसकी कुछ बेसिक शिक्षाएं और कहानियां भी बाहर पहुंची हैं. मगर विदेशी लोगों के सामने रामायण का कोई विजुअल रिप्रेजेंटेशन नहीं रहा है. 'रामायणम्' इस कमी को पूरा करेगी. विदेशों में जिन्होंने रामायण का नाम नहीं भी सुना है, वो सिर्फ भारतीय संस्कृति से जुड़ी और यहां पर बनी ग्रैंड फिल्म की जिज्ञासा में थिएटर्स तक पहुंच सकते हैं.
नमित मल्होत्रा के नाम का असर
'रामायणम्' के प्रोड्यूसर नमित मल्होत्रा की कंपनियां प्राइम फोकस और DNEG पूरी दुनिया में स्पेशल इफेक्ट्स की सबसे बड़ी कंपनियों में शामिल हैं. उनकी कंपनी को विजुअल्स इफेक्ट्स के लिए 8 ऑस्कर अवॉर्ड्स मिल चुके हैं और जिन फिल्मों पर उन्होंने काम किया है उनके नाम देखिए- इंसेप्शन, इंटरस्टेलर, ड्यून, टेनेट, ब्लेड रनर 2049. बल्कि ये कहना भी गलत नहीं होगा कि पिछले 10 सालों में जिन हॉलीवुड प्रोजेक्ट्स ने विजुअली दुनिया को सबसे ज्यादा अपील किया है, पूरा चांस रहता है कि उनके स्पेशल इफेक्ट्स पर काम DNEG ने ही किया होगा.
इस रिकॉर्ड के साथ नमित मल्होत्रा बतौर प्रोड्यूसर अपना पहला प्रोजेक्ट 'रामायणम्' लेकर आ रहे हैं. इसका विजुअल इफेक्ट किस लेवल का होगा, वो तो एक झलक में देखकर लोग सरप्राइज हो ही चुके हैं. मगर नमित का नाम, इंटरनेशनल फिल्म ऑडियंस में 'रामायणम्' के लिए एक अलग एक्साइटमेंट की वजह बनेगा. इंटरनेशनल फिल्म कम्युनिटी में भी उनके नाम की वजह से 'रामायणम्' को एक्स्ट्रा-अटेंशन और मीडिया कवरेज मिलेगी, जो विदेशी दर्शकों को थिएटर्स तक खींचने में बहुत काम आएगा.
मिल सकता है चाइनीज दर्शकों का साथ
भारत की सबसे कमाऊ फिल्में 'बाहुबली 2', 'KGF 2', 'पुष्पा 2', 'जवान', 'RRR' या 'एनिमल' भी अभी तक एक रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाई हैं. ये फिल्में आज भी आमिर खान की 'दंगल' से पीछे हैं जो 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा ग्रॉस कलेक्शन के साथ भारत की सबसे कमाऊ फिल्म है. वजह ये है कि इन फिल्मों ने चीन में उस तरह का बिजनेस नहीं किया जैसा 'दंगल' ने किया था. आमिर की फिल्म के 2000 करोड़ से ज्यादा ग्रॉस कलेक्शन में भारतीय बॉक्स ऑफिस का योगदान पूरे 600 करोड़ भी नहीं है. जबकि चीन के बॉक्स ऑफिस से 'दंगल' ने 1300 करोड़ से ज्यादा कलेक्शन किया था. ये है चीन की ऑडियंस और वहां के बॉक्स ऑफिस का साइज.
एक और उदाहरण लीजिए- इस समय दुनिया में 5वीं सबसे कमाऊ फिल्म चीन की 'Ne Zha 2' है, जिसका टोटल वर्ल्डवाइड कलेक्शन 2.2 बिलियन डॉलर से ज्यादा है. इसमें से 1.6 बिलियन डॉलर इस फिल्म ने केवल चीन के बॉक्स ऑफिस से ही कमाए हैं. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि चीन कितना बड़ा फिल्म मार्किट है.
चीन अपने यहां हर साल कुछ गिनी चुनी फिल्मों को ही रिलीज की इजाजत देता है. 'रामायणम्' का चांस चीन में रिलीज के लिए इसलिए भी तगड़ा रहेगा क्योंकि रामायण का एक सांस्कृतिक कनेक्शन चीन में भी पाया जाता है. रामायण की कहानियों का जिक्र बौद्ध धर्मग्रंथों में भी मिलता है. ये एक कनेक्शन 'रामायणम्' को चाइनीज दर्शकों के लिए भी एक एक्साइटटिंग प्रोजेक्ट बनाता है.
चीन के अलावा जापान की ऑडियंस भी 'रामायणम्' के लिए एक्साइटेड होगी क्योंकि वहां की संस्कृति में भी रामायण के कनेक्शन हैं. रामायण पर बनी सबसे दमदार फिल्मों में गिनी जाने वाली एनिमेटेड फिल्म 'रामायण: द लेजेंड ऑफ प्रिंस राम' जापानी प्रोडक्शन थी.
'रामायणम्' अगर उस वादे और विजन पर खरी उतरी, जिसका दावा नमित मल्होत्रा दर्शकों से कर रहे हैं, तो इस फिल्म की अपील बहुत बड़ी होगी. ये सिर्फ भारतीय बॉक्स ऑफिस ही नहीं, कई एशियाई देशों और ओवरसीज में भी कमाई के ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाने का दम रखती है. अगर 'रामायणम्' पूरे पोटेंशियल पर परफॉर्म कर पाई तो फिल्म पर खर्च हुआ 4000 करोड़ रुपये का बजट, इसके वर्ल्डवाइड कलेक्शन के आगे छोटा नजर आने लगेगा.
सुबोध मिश्रा