तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता अब खुलकर 'महाभारत' का रूप ले चुकी है. तेजस्वी यादव के विधानसभा क्षेत्र राघोपुर में तेजप्रताप यादव की लगातार सक्रियता और उनके तीखे बयानों ने इस सियासी जंग को और गर्मा दिया है.
'इस रणभूमि में कोई भाई-भतीजा नहीं, सिर्फ शत्रु'
राघोपुर में अपने ठेठ अंदा में जनता को संबोधित करते हुए तेजप्रताप यादव ने परिवार की लड़ाई को महाभारत की रणभूमि बताया. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, "अब इस महाभारत की रणभूमि में कोई भाई-भतीजा नहीं होता, सिर्फ शत्रु होता है."
इसके बाद, उन्होंने एक गीता का श्लोक पढ़ते हुए अपने बयान को धार्मिक रंग दिया. उन्होंने कहा, "धर्म का स्थापना करना है, धर्म गलत लोगों के बीच चला गया है. धर्म की स्थापना के लिए कृष्ण ने राघोपुर में अवतार लिया है." उन्होंने तेजस्वी यादव पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए चेतावनी दी, "कृष्ण का बात नहीं मानेगा और जयचंद के बात में रहेगा तो गढ्ढा में गिरेगा."
लाठी गाड़कर दिया संदेश, 'असली यादव की लाठी'
तेजप्रताप यादव ने अपने अंदाज़ में राघोपुर में एक लाठी गाड़ दी, जिसे उन्होंने 'तेलपीलावन लाठी' बताया. उन्होंने मंच पर लाठी घुमा-घुमाकर लोगों का भरपूर मनोरंजन किया और दावा किया कि यह "असली यादव का लाठी है."
बिहार चुनाव की विस्तृत कवरेज के लिए यहां क्लिक करें
बिहार विधानसभा की हर सीट का हर पहलू, हर विवरण यहां पढ़ें
राघोपुर में लगातार दौरा करने पर उन्होंने तेजस्वी पर हमला करते हुए कहा कि तेजस्वी को महुआ (उनका पूर्व क्षेत्र) नहीं जाना चाहिए था. उन्होंने चुनौती भरे अंदाज़ में कहा, "वो एक बार गया तो हम राघोपुर में दो-दो बार आ गए."
बता दें कि तेजस्वी के क्षेत्र राघोपुर में पिछले कुछ दिनों से तेजप्रताप का हेलीकॉप्टर लगातार उतर रहा है, जो दिखाता है कि दोनों भाइयों के बीच यह राजनीतिक संघर्ष अब चरम पर पहुंच चुका है और दोनों ही एक-दूसरे के प्रभाव क्षेत्र में अपनी शक्ति दिखाने की कोशिश कर रहे हैं.
aajtak.in