बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान होंगे और नतीजा 14 नवंबर को आएगा. मतदान से पहले राजधानी पटना में आजतक के विशेष कार्यक्रम 'पंचायत आजतक बिहार' का आयोजन हुआ. इस कार्यक्रम में बिहार की पॉलिटिक्स, सामाजिक मुद्दों और इलेक्शन स्ट्रैटेजी पर चर्चा की गई. 'कांग्रेस का हाथ... पप्पू के साथ' सत्र में पूर्णिया से निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव शामिल हुए.
पप्पू यादव ने सीट बंटवारे के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि बिहार की राजनीति “खिचड़ी” बन चुकी है और नेताओं के अंदर आग लगी हुई है. जनता की चिंता कोई नहीं करता. राजनीतिक दल सिर्फ जातीय और चुनावी समीकरणों में उलझे रहते हैं, जबकि बिहार की असली समस्याओं पर बात नहीं होती.
पप्पू यादव ने कहा कि बिहार में कभी आर्थिक समाधान नहीं खोजा गया. हमेशा राजनीतिक समाधान की बात हुई. उन्होंने नीतीश कुमार और केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बिहार को केंद्रीय विश्वविद्यालय तक नहीं मिला. पहले 40 फीसदी चीनी उत्पादन वाला बिहार अब सिर्फ 4 फीसदी पर सिमट गया है. उन्होंने कहा कि चीनी मिलें बंद हो गईं, दूध और पेपर फैक्ट्रियां ठप हो गईं, और उद्योग खत्म हो गए.
‘विकास नहीं, वादों की राजनीति’
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पप्पू यादव ने नीतीश कुमार और एनडीए सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि पिछले 20 सालों से डबल इंजन की सरकार रही लेकिन बिहार की औसत आय 33 से 36 हजार रुपये ही है. उन्होंने कहा कि लगभग 4 करोड़ बिहारी राज्य से बाहर मजदूरी करने को मजबूर हैं, लेकिन इन मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं होती. चुनाव आते ही नेताओं को वेतनमान और भत्ते की याद आती है.
राजनीतिक गठबंधन पर तीखे बयान
एनडीए और इंडिया गठबंधन पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि कुशवाहा, मांझी और गिरिराज सिंह जैसे नेता एक-दूसरे पर बयानबाजी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी “मुगालते” में है और नीतीश कुमार ने अपने फायदे के लिए सबको इस्तेमाल किया. पप्पू यादव ने नीतीश कुमार पर “खंजर भोंकने” और “राम-हनुमान” के उदाहरण से हमला बोला.
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कांग्रेस-आरजेडी के सीट शेयरिंग के मुद्दे पर क्या बोले पप्पू यादव?
पप्पू यादव ने कहा कि आरजेडी के बारे में तो सब जानते हैं. हम तो आरजेडी के साथ आपसी समझ करके चलते रहते हैं. अब तो आदत सी हो गई है कि हम आरजेडी के तरीके के साथ चलत रहो. जो कांग्रेस देश को आज़ाद कराया, जो कांग्रेस देश के आर्थिक हालात को सुई से लेकर परमाणु तक पहुंचाया उसे इग्नोर नहीं किया जा सकता है. उस कांग्रेस को समझना पड़ेगा ही. उसके कार्यकर्ताओं के साथ छेड़छाड़ नहीं करिए. कांग्रेस आपका सम्मान कर रही है तो आपको भी करना होगा. कांग्रेस पार्टी सबसे ज्यादा गठबंधन को तवज्जो देती है. पार्टी को जो सीट मिलती है उसपर चुनाव लड़ती है. ऐसा कहा जाता आया है कि जिसका फल होता है वह झुक जाता है तो अगर आरजेडी को नेतृत्व करना है तो उन्हीं को रास्ता निकालने की ज़रूरत है. उन्हें अपने गठबंधन को समझना होगा.
उन्होंने कहा कि ज़रूरत है कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन पर ध्यान दिया जाए. सही मायने पर वह कैडर बेस्ड पार्टी है और हम उसे भूल जाते हैं. वह पार्टी सामाजिक न्याय की बात करती है. CPI(M) पर भी ध्यान देना होगा. कांग्रेस भी कभी भी अपने सिद्धांतों और मुल्यों से विपरीत नहीं चल सकती. कांग्रेस हमेशा देश के आम लोग, मिडिल क्लास के लोग और ग़रीब लोगों की चर्चा करता है. ये आज़ाद हिंदुस्तान से लेकर आज तक जारी है.
राहुल गांधी की नीतियों का समर्थन
उन्होंने राहुल गांधी की यात्राओं और उनकी पिछड़ों के लिए आरक्षण संबंधी नीतियों का समर्थन किया. कहा कि राहुल गांधी ने ओबीसी और कमजोर वर्गों के हक में काम किया. निजी क्षेत्र में आरक्षण और पंचायतों में प्रतिनिधित्व बढ़ाने की पहल की.
बीजेपी और घुसपैठ पर सवाल
पप्पू यादव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए पूछा कि 11 सालों में 400 भी घुसपैठिए तक क्यों नहीं निकाले गए? उन्होंने कहा कि एसआईआर और वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की जा रही है. “49 लाख लोगों को बाहर दिखा दिया गया, लेकिन नोटिस तक नहीं भेजा गया.”
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बिहार की जनता के लिए वादा
पप्पू यादव ने कहा कि जब तक वे जिंदा हैं, गरीबों का इलाज मुफ्त रहेगा और किसी से एक रुपये तक नहीं लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि उनके यहां राशन कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड सब फ्री बनते हैं.
कांग्रेस की भूमिका पर अंतिम बात
पप्पू यादव ने कहा कि कांग्रेस कुर्सी की भूखी नहीं है. “हमारे लिए सीएम या डिप्टी सीएम का मुद्दा नहीं, मुद्दा है बिहार के युवाओं, किसानों और आम लोगों का.” उन्होंने कहा कि बिहार के युवा रोजगार, शिक्षा और अवसर की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन टिकट अब उन्हीं को मिलता है जिनके पास पैसा और ताकत है.
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