बिहार में चुनावी सरगर्मी बढ़ने के साथ ही राजनीतिक दलों की गतिविधियां भी तेज हो गई हैं. इसी बीच जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर की राघोपुर (तेजस्वी यादव का विधानसभा क्षेत्र) में हुई जनसभा पर विवाद खड़ा हो गया है. पुलिस ने आचार संहिता उल्लंघन (MCC Violation) का मामला दर्ज किया है.
एफआईआर में प्रशांत किशोर का नाम नहीं
हाजीपुर के डीएसपी सुभोध कुमार के अनुसार, मामला वैशाली जिले के राघोपुर थाना में दर्ज किया गया है, लेकिन एफआईआर में प्रशांत किशोर का नाम शामिल नहीं है. उन्होंने बताया कि कार्यक्रम की अनुमति सत्येन्द्र प्रसाद सिंह के नाम पर ली गई थी, इसलिए उन्हें मुख्य आरोपी बनाया गया है. डीएसपी ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद अन्य नाम भी जोड़े जा सकते हैं.
सभा में जुटी अनुमति से ज्यादा भीड़
हाजीपुर के एसडीओ और राघोपुर के रिटर्निंग ऑफिसर राम बाबू बैथा ने बताया कि एफआईआर मुख्य रूप से आयोजनकर्ता के खिलाफ दर्ज की गई है क्योंकि सभा में अनुमति से कहीं ज्यादा भीड़ इकट्ठा हो गई थी. उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रशांत किशोर को फिलहाल आरोपी के तौर पर नहीं देखा जा रहा है.
प्रशांत किशोर ने कहा, एक और केस हो जाए
जब मीडिया ने इस मामले पर प्रशांत किशोर से सवाल किया तो उन्होंने हल्के अंदाज में कहा, 'मेरे खिलाफ पहले से कई एफआईआर हैं, एक और हो जाए तो कोई बात नहीं.' उन्होंने आगे कहा, 'अगर चुनाव आयोग मुझे प्रचार से रोकता है, तो मैं रुक जाऊंगा.'
बिहार चुनाव की विस्तृत कवरेज के लिए यहां क्लिक करें
बिहार विधानसभा की हर सीट का हर पहलू, हर विवरण यहां पढ़ें
तेजस्वी के गढ़ में बढ़ी सियासी हलचल
जन सुराज पार्टी अब तक 243 में से 51 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर चुकी है. राघोपुर में जनसभा के बाद यह अटकलें और तेज हो गई हैं कि प्रशांत किशोर खुद तेजस्वी यादव के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर सकते हैं. तेजस्वी यहां से दो बार विधायक रह चुके हैं, जबकि इससे पहले उनके माता-पिता लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी भी इसी सीट से चुनाव जीत चुके हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी. राघोपुर में आचार संहिता उल्लंघन का यह मामला अब प्रशासनिक और राजनीतिक दोनों दृष्टि से चर्चा में है.
aajtak.in