कर्नाटक-महाराष्ट्र की 'वोट चोरी' के सबूत दिखाकर राहुल गांधी साध रहे हैं बिहार की चुनावी लड़ाई?

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी कर्नाटक के आलंद विधानसभा सीट पर वोट चोरी के सबूत रखकर चुनाव आयोग को कठघरे में खड़े करते नजर आए. कर्नाटक के बहाने क्या राहुल गांधी बिहार चुनाव का नैरेटिव सेट करने का दांव तो नहीं चल रहे हैं?

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी 'वोट चोरी' का सेट कर रहे नैरेटिव (Photo-PTI) कांग्रेस नेता राहुल गांधी 'वोट चोरी' का सेट कर रहे नैरेटिव (Photo-PTI)

कुबूल अहमद

  • नई दिल्ली ,
  • 18 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:20 PM IST

बिहार विधानसभा चुनाव की सियासी तपिश के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार 'वोट चोरी' के मुद्दे पर आक्रामक हैं. राहुल ने गुरुवार को दूसरी बार वोट चोरी पर प्रेजेंटेशन के ज़रिए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर हमला बोला है. क्या इस दौरान कर्नाटक और महाराष्ट्र की वोट चोरी का सबूत दिखाकर राहुल गांधी बिहार विधानसभा चुनाव की लड़ाई को साध रहे हैं?

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वोट चोरी के मुद्दे पर राहुल गांधी ने सात अगस्त को पहली बार कर्नाटक और महाराष्ट्र की सीटों पर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया था. अब दोबारा गुरुवार को फिर से कर्नाटक और महाराष्ट्र सीट पर वोट चोरी के सबूत रखे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग जानबूझकर कांग्रेस के वोटों को निशाना बना रहा है और उनके नाम हटा रहा है.

राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक के वोट किस तरह काटे जा रहे हैं, इसका मैं 100 फीसदी सबूत दे रहा हूँ. इसके बाद राहुल ने कर्नाटक के आलंद विधानसभा सीट पर काटे गए 6018 वोट की बात रखी और महाराष्ट्र के राजुरा सीट पर जोड़े गए 6850 वोट का मुद्दा उठाया. इस तरह राहुल गांधी ने एक पैटर्न बताया कि कैसे वोट चोरी की जा रही है.

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राहुल ने कर्नाटक-महाराष्ट्र के रखे सबूत

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राहुल गांधी ने कहा कि आलंद कर्नाटक का एक विधानसभा क्षेत्र है, वहाँ किसी ने 6018 वोट डिलीट करने की कोशिश की. हमें नहीं पता कि 2023 के चुनाव में कुल कितने वोट डिलीट किए गए, लेकिन यह संख्या 6,018 से कहीं ज़्यादा थी. इसके बाद राहुल ने एक कन्नड़ वोटर सूर्यकांत को मंच पर बुलाकर अपनी बात रखने को कहा, जिसके नाम पर 12 वोट काटे गए थे.

सूर्यकांत ने मंच से बताया कि मेरे नाम पर 12 लोगों का नाम हटाया गया है, हालाँकि, मुझे इसकी जानकारी भी नहीं. मैंने न ही किसी को मैसेज किया और न ही किसी को बुलाया. इसके अलावा, राहुल ने गोडाबाई नाम की महिला का एक वीडियो बाइट दिखाया, जिसके नाम पर 12 वोट काटे गए. इसके बाद राहुल ने बताया कि कैसे कर्नाटक में वोट चोरी का मामला पकड़ा गया.

राहुल ने कहा कि जिस तरीके से कर्नाटक के आलंद में प्रयोग किया गया, महाराष्ट्र में उसी सिस्टम के तहत वोटर जोड़े गए हैं. आलंद में वोट हटाए गए जबकि राजुरा में जोड़े गए. राहुल गांधी ने दावा किया कि राजुरा में 6850 वोटर्स जोड़े गए थे.

जानिए, कैसे पकड़ में आया मामला

राहुल गांधी ने बताया कि हुआ यूँ कि वहाँ की एक बूथ-लेवल अधिकारी ने देखा कि उसके चाचा का वोट हटा दिया गया है, उसने जाँच की कि उसके चाचा का वोट किसने हटाया, तो पता चला कि पड़ोसी ने हटाया, जब उसने अपने पड़ोसी से पूछा तो उसने कहा कि मैंने कोई वोट नहीं हटाया. यानी न तो जिस व्यक्ति ने वोट हटाया और न ही जिसका वोट हटाया गया, इस बारे में दोनों को कुछ पता नहीं था.

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राहुल ने कहा कि असल में किसी और ताकत ने सिस्टम को हाईजैक करके ये वोट हटाए थे. इसके लिए जो नंबर इस्तेमाल किया गया, वह कर्नाटक के बाहर का है. सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करके ये आवेदन स्वचालित रूप से दाखिल किए गए. कर्नाटक के बाहर, विभिन्न राज्यों के मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल आलंद में मतदाताओं को हटाने के लिए किया गया और यह कांग्रेस के मतदाताओं को निशाना बनाकर किया गया.

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि मैं ज्ञानेश कुमार पर इतना सीधा आरोप क्यों लगा रहा हूँ? कर्नाटक में इस मामले की जाँच चल रही है. कर्नाटक की CID ने चुनाव आयोग को 18 महीनों में 18 पत्र भेजे हैं, और उन्होंने चुनाव आयोग से कुछ बहुत ही सरल तथ्य माँगे हैं.

पहला, हमें वह डेस्टिनेशन IP बताएँ जहाँ से ये फ़ॉर्म भरे गए थे. दूसरा, हमें वह डिवाइस डेस्टिनेशन पोर्ट बताएँ जहाँ से ये आवेदन दाखिल किए गए थे. तीसरा, सबसे महत्वपूर्ण, हमें OTP ट्रेल्स बताएँ क्योंकि जब आप आवेदन दाखिल करते हैं, तो आपको OTP प्राप्त होता है. पिछले 18 महीनों में 18 बार CID ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा, पर चुनाव आयोग जवाब ही नहीं दे रहा.

कर्नाटक में 2023 और महाराष्ट्र में 2024 में विधानसभा चुनाव हुए हैं. कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है, जिसके चलते माना जा रहा है कि राहुल गांधी तथाकथित वोट चोरी की खामियों को आसानी से पकड़ पा रहे हैं. महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पाँच महीने का अंतर रहा है. लोकसभा में कांग्रेस के अगुवाई वाले इंडिया ब्लॉक को ज़बरदस्त जीत मिली थी, लेकिन पाँच महीने के बाद विधानसभा चुनाव में उसे करारी मात मिली. विधानसभा चुनाव की हार को राहुल पचा नहीं पा रहे, उन्होंने तथ्य जुटाना शुरू किया.

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बिहार की चुनावी लड़ाई साधने की कवायद

राहुल गांधी ने कर्नाटक और महाराष्ट्र के वोट चोरी का सबूत रखकर बिहार विधानसभा चुनाव की लड़ाई को साधने का दांव चला. उन्होंने जिस तरह साफ़-साफ़ शब्दों में कहा कि देश का दलित और ओबीसी इनके निशाने पर है. दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़ों के वोट काटे जा रहे हैं. यही बात राहुल गांधी बिहार में एसआईआर के मुद्दे पर 'वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान उठाकर सियासी नैरेटिव सेट करते नज़र आ रहे थे. इस तरह राहुल की रणनीति चुनाव आयोग को संदेह के घेरे में खड़ा करने की है.

बिहार में राहुल गांधी ने तेजस्वी यादव के साथ मिलकर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ 'वोटर अधिकार यात्रा' निकाली थी. इस यात्रा का उद्देश्य वोटर लिस्ट में अनियमितताओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना था, जिसे 'वोट चोरी' का नाम दिया गया. राहुल गांधी लगातार बीजेपी और चुनाव आयोग पर मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं.

उन्होंने कर्नाटक और महाराष्ट्र की वोटर लिस्ट में कथित गड़बड़ियों का हवाला देते हुए कहा है कि EC जानबूझकर इसकी जाँच नहीं कर रहा है और 'वोट चोरों' को बचा रहा है. उन्होंने यह भी दावा किया है कि उनके पास इसके पुख्ता सबूत हैं. राहुल गांधी अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस और जनसभाओं में इस मुद्दे को उठाकर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना चुके हैं.

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बिहार चुनाव नजदीक आने पर कांग्रेस के नेता उम्मीद कर रहे हैं कि राहुल के इन आरोपों का बिहार में अधिकतम राजनीतिक लाभ मिलेगा. राहुल गांधी इस 'वोट चोरी' के मुद्दे को बिहार में एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाकर, बीजेपी और चुनाव आयोग दोनों को घेरने की कोशिश कर रहे हैं. वे यह संदेश देना चाहते हैं कि बीजेपी 'वोट चुराकर' सरकार बना रही है, जो लोकतंत्र के लिए खतरा है.

राहुल गांधी ने बिहार में वोटर अधिकार यात्रा के आखिरी दिन रैली को संबोधित करते हुए कहा था, 'एटम बम से बड़ा हाइड्रोजन बम होता है, वह आ रहा है. वोट चोरी की सच्चाई पूरे देश को पता लगने वाली है. हाइड्रोजन बम के बाद नरेंद्र मोदी देश को अपना चेहरा नहीं दिखा पाएँगे.' राहुल गांधी ने यही बात अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली में दोहराई थी. राहुल ने गुरुवार को फिर कहा कि हाइड्रोजन बम अभी बाद में आएगा, दो-तीन महीने में वोट चोरी की सारी सच्चाई देश के सामने रख देंगे.

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