BJP ने विधानसभा चुनाव की तैयारी तेज, असम और तमिलनाडु के लिए नए चुनाव प्रभारी किए नियुक्त

बीजेपी ने असम और तमिलनाडु विधानसभा चुनावों को लेकर संगठनात्मक स्तर पर बड़ा फैसला लिया है. पार्टी ने असम के लिए बैजयंत पांडा और तमिलनाडु के लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है.

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बीजेपी मुख्यालय में संगठनात्मक बदलाव की घोषणा (Photo: PTI) बीजेपी मुख्यालय में संगठनात्मक बदलाव की घोषणा (Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:14 PM IST

भारतीय जनता पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर संगठनात्मक स्तर पर महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं. पार्टी ने असम और तमिलनाडु के विधानसभा चुनावों की जिम्मेदारी संभालने के लिए नए चुनाव प्रभारी और सह-प्रभारी नियुक्त किए हैं. यह कदम ऐसे समय लिया गया है जब दोनों राज्यों में अगले साल चुनाव होने हैं और BJP अपनी मजबूती को ज़मीनी स्तर तक बढ़ाने की रणनीति बनाती दिख रही है.

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पार्टी की ओर से जारी आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार लोकसभा सांसद बैजयंत पांडा को असम विधानसभा चुनाव का प्रभारी नियुक्त किया गया है, जबकि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को तमिलनाडु चुनावों का प्रभारी बनाया गया है. दोनों नेता संगठन प्रबंधन और चुनावी रणनीति के क्षेत्रों में काफी अनुभवी हैं.

सह-प्रभारियों के रूप में भी पार्टी ने महत्वपूर्ण नामों का चुनाव किया है. तमिलनाडु के लिए केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और मुरलीधर मोहोळ को सह-प्रभारी बनाया गया है, जो पार्टी को राज्य में और अधिक सशक्त बनाने में मदद करेंगे. असम के लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुनील कुमार शर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री दर्शनाबेन जर्दोश को सह-प्रभारियों की जिम्मेदारी दी गई है.

BJP ने इस नियुक्ति के माध्यम से स्पष्ट संदेश दिया है कि वह दोनों राज्यों में चुनावी तैयारियों को गंभीरता से ले रही है. असम में पार्टी पहले से सत्ता में है और वहां अपनी सरकार को बनाए रखने के लिए रणनीति पर काम कर रही है, जबकि तमिलनाडु में BJP लगातार संगठन विस्तार की कोशिशों को गति प्रदान कर रही है ताकि राजनीतिक पकड़ मजबूत हो सके.

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राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह नियुक्ति BJP की रणनीति का हिस्सा है, जिसका मकसद केंद्र और राज्य स्तर के नेतृत्व में बेहतर समन्वय स्थापित करना है. आगामी महीनों में इन नेताओं की भूमिका चुनावी प्रबंधन, संगठन विस्तार और प्रचार में निर्णायक साबित होगी. यह बदलाव आगामी विधानसभा चुनावों में BJP की सफलताओं की कुंजी साबित हो सकते हैं.

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