90 के दशक में लालू के करीबी, फिर अनंत सिंह से अदावत, कौन थे दुलारचंद यादव जिनकी हत्या से हिला मोकामा

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मोकामा में जनसुराज समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या ने सियासत गरमा दी है. हत्या के आरोप जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह के समर्थकों पर लगे हैं, जबकि अनंत सिंह ने इसे विरोधियों की साजिश बताया है. घटना के बाद इलाके में तनाव है. सांसद पप्पू यादव ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए साजिश की आशंका जताई है.

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दुलारचंद यादव की हत्या से गरमाई बिहार की सियासत (Photo: ITG) दुलारचंद यादव की हत्या से गरमाई बिहार की सियासत (Photo: ITG)

शशि भूषण कुमार

  • मोकामा,
  • 31 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 10:44 AM IST

बिहार विधानसभा चुनाव में पहले चरण की वोटिंग के लिए अब सिर्फ 6 दिन बचे हैं लेकिन उससे पहले मोकामा में जनसुराज के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या ने बिहार की राजनीति को हिला कर रख दिया हैं. इस हत्याकांड को लेकर मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह के समर्थकों पर हत्या के आरोप लगे हैं. 

मोकामा से जनसुराज के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी उर्फ लल्लू मुखिया के समर्थन में दुलारचंद यादव लगातार प्रचार कर रहे थे और इस दौरान वो अनंत सिंह के खिलाफ बयानबाजी भी कर रहे थे.  कभी लालू यादव के बेहद करीबी और भरोसेमंद रहे दुलारचंद यादव का मोकामा में राजनीतिक प्रभाव के पीछे उनका आपराधिक इतिहास भी रहा है. टाल क्षेत्र में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती थी. साल 2019 में पटना पुलिस ने दुलारचंद यादव को कुख्यात बदमाश बताकर गिरफ्तार किया था. 

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दुलारचंद यादव की हत्या तारतर गांव में हुई है. उनका जन्म भी इसी गांव में हुआ था लेकिन अभी वो बाढ़ में रहते थे. पटना जिले के घोषबरी और बाढ़ थानों में उनके ऊपर कई मामले दर्ज हैं. दुलारचंद यादव पहलवानी का भी शौक रखते थे.

कभी लालू के करीबी थे दुलारचंद यादव

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दुलारचंद यादव कभी टाल क्षेत्र के सबसे चर्चित व्यक्ति थे. 80 और 90 के दशक में उनका नाम इलाके के सबसे प्रभावशाली लोगों में गिना जाता था. 90 के दशक में वो राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के संपर्क में आए और मोकामा विधानसभा से चुनाव भी लड़ा था, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा. बाद में वो कई दलों और नेताओं के साथ सक्रिय रहे. 

बाहुबली अनंत सिंह से भी उनके अच्छे रिश्ते हुआ करते थे और उनका भी गुणगान करते थे. लेकिन इसी साल दुलारचंद यादव अनंत सिंह को छोड़कर पीयूष प्रियदर्शी के साथ चले गए थे और काफी समय से सोशल मीडिया पर अनंत सिंह के खिलाफ बोल रहे थे. इससे दोनों के बीच तनाव बढ़ गया था.
 

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लल्लू मुखिया के लिए प्रचार कर रहे थे दुलारचंद यादव

चुनाव में धानुक समाज से आने वाले पीयूष प्रियदर्शी उर्फ लल्लू मुखिया के लिए प्रचार की कमान संभाल रहे दुलारचंद यादव को गुरुवार को पहले मोकामा में ही लाठी-डंडों से पीटा गया और फिर उन्हें गोली मार दी गई. लल्लू मुखिया ने अनंत सिंह के समर्थकों पर हत्या करने का आरोप लगाया है.

अनंत सिंह ने सूरजभान सिंह पर लगाया हत्या का आरोप

वहीं इस हत्याकांड को लेकर बाहुबली नेता और मोकामा से एनडीए के प्रत्याशी अनंत सिंह ने कहा कि वो अपने काफिले के साथ जा रहे थे तभी दुलारचंद के लोगों ने उनके समर्थकों पर हमला कर दिया था. इसी दौरान भीड़ में किसी ने गोली चला दी. अनंत सिंह ने कहा ये पूरा खेला सूरजभान सिंह का है. उन्होंने आरोप लगाया कि सूरजभान ने ही दुलारचंद यादव की हत्या कराई है ताकि चुनाव में नुकसान पहुंचाया जा सके.

हत्या के बाद गांव में फैला तनाव

हत्या की घटना के पांच घंटे बाद तक ग्रामीणों ने शव उठाने नहीं दिया, जिससे वहां हालात तनावपूर्ण हो गए थे. मौके पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है. मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह के समर्थकों ने पहले दुलारचंद यादव के पैर में गोली मारी और फिर कार से कुचल दिया, जिससे उनकी मौत हो गई. वहीं, अनंत सिंह समर्थकों ने इस आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कई वीडियो और फोटो जारी किए हैं. 

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तेजस्वी यादव ने साधा निशाना

उनका कहना है कि पहले जनसुराज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अनंत सिंह के काफिले पर हमला किया और जमकर पथराव किया, जिसमें दर्जनभर वाहनों को नुकसान पहुंचा और आधा दर्जन से अधिक समर्थक घायल हो गए. वहीं दुलारचंद यादव की हत्या को लेकर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी प्रशासन पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि जब बिहार में इस समय आचार संहिता लगी हुई है तो कोई भी व्यक्ति हथियार लेकर कैसे चल रहा है.

पप्पू यादव दुलारचंद के परिजनों से मिलने पहुंचे

दुलारचंद यादव हत्याकांड को लेकर पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव देर रात पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे. उन्होंने बिना नाम लिए बाहुबली नेता अनंत सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि 'हर बड़ी घटना में आखिर उनका ही नाम क्यों सामने आता है?

पप्पू यादव ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि वह असली अपराधियों को छोड़ विपक्षी दलों के लोगों को फंसाने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने आशंका जताई कि यदि हालात ऐसे ही रहे तो कहीं सूरजभान सिंह की हत्या न हो जाए.

 

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इनपुट - कमलुद्दीन

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