देश की टॉप कंपनियों में शुमार माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, एबोड के बाद अब IBM कंपनी में भी भारतीय मूल के अरविंद कृष्ण को CEO चुना गया है. भारतीय मूल की ये मेधा इन कंपनियों के सर्वोच्च पदों पर है, आइए जानें इनके बारे में क्यों कंपनियों ने दी है इन्हे इतनी बड़ी जिम्मेदारी.
(फोटो: बायें से दायें सुंदर पिचाई, सत्या नडेला, अरविंद कृष्णा और शांतनु नारायण )
माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला का जन्म हैदराबाद में हुआ है जबकि बैचलर डिग्री कर्नाटक के मैंगलोर यूनिवर्सिटी से ली है. उन्होंने मैंगलोर यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. इसके बाद सत्या नडेला ने मास्टर्स की पढ़ाई अमेरिका से की. उन्होंने 1992 में माइक्रोसॉफ्ट को ज्वाइन किया.
फोटो: सत्या नडेला
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अब तक उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट में कई प्रोजेक्ट का नेतृत्व किया. इनमें से
कुछ प्रजोक्ट तो कंपनी के लिए बेहद लाभकारी साबित हुए, जैसे विंडो सर्वर और डेवलपर्स
टूल. आज 28 साल बाद वह माइक्रोसॉफ्ट के सबसे ताकतवर शख्स हैं. यहां बता
दें कि उन्हें फरवरी 2014 में माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ पद के लिए नामित किया
गया.
फोटो: सत्या नडेला
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300 करोड़ का पैकेज
16 अक्टूबर 2019 को माइक्रोसॉफ्ट के
एनुअल प्रॉक्सी स्टेटमेंट से सत्या नडेला की सैलरी का लेखाजोखा सामने आया.
वित्त वर्ष (2018-19) में नडेला को 4.29 करोड़ डॉलर सैलरी मिली, जो भारतीय
मुद्रा में 300 करोड़ के बराबर है.
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ये देश के लिए गौरव की बात है कि IBM जैसी नामी कंपनी में भारतीय मूल के
अरविंद कृष्णा को CEO पद की जिम्मेदारी दी है. अरविंद वर्तमान में
आईबीएम में एक एग्जीक्यूटिव के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें जनवरी में
CEO के तौर पर नामित किया गया था. छह अप्रैल से वो कंपनी में सीईओ पद की
जिम्मेदारी संभालेंगे.
फोटो: अरविंद कृष्णा
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अरविंद कृष्ण ने यूनिवर्सिटी ऑफ इलनॉइज, अर्बाना शैंपेन से इलेक्ट्रिकल और
कंप्यूटर इंजीनियरिंग में पीएच.डी. की पढ़ाई की. इससे पहले उन्होंने
स्टेन्स हायर सेकेंडरी स्कूल, कुन्नूर, और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान
कानपुर उत्तर प्रदेश भारत (1980 से 1985 तक) से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
में बैचलर इन इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी.
फोटो: अरविंद कृष्णा
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शांतनु नारायण
एडोब सिस्टम के CEO शांतनु नारायण इस लिस्ट
में छठे नंबर पर शामिल हैं. साल 2019 में पद्मश्री सम्मान से नवाजे गए
शांतनु ने हैदराबाद से अमेरिका तक अपनी सफलता का झंडा लहराया है. हैदराबाद
में जन्मे शांतनु एक तेलुगूभाषी परिवार से हैं.
फोटो: शांतनु नारायण
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उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई हैदराबाद पब्लिक स्कूल से की. इसके बाद
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग की डिग्री भी हैदराबाद की
ओस्मानिया यूनिवर्सिटी से ली. इसके बाद बर्कले स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ
कैलिफोर्निया से की. उन्होंने अपना करियर एप्पल कंपनी से शुरू किया था.
फोटो: शांतनु नारायण
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दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार गूगल और उसकी पैरेंट कंपनी
एल्फाबेट का हेड अब एक भारतीय मूल का नागरिक सुंदर पिचाई है, जो एक बड़ी उपलब्धि है.
बता दें कि गूगल की शुरुआत 1997 में हुई थी, जिसके बाद से इन्फोर्मेशन
टेक्नोलॉजी की दुनिया में बदलाव हो गया.
फोटो: सुंदर पिचाई
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सुंदर पिचाई 47 साल के हैं और 2015 से गूगल के सीईओ थे. उन्होंने 2004 में
गूगल ज्वाइन किया था. पिचाई मदुरई के एक मिडिल क्लास फैमिलि में पैदा हुए
थे. उन्होंने इंजीनियरिंग आईआईटी खड़गपुर से पूरी की है. एक बार उन्होंने
बताया था कि उन्होंने IIT Kharagpur के पेपर्स में C ग्रेड मिला था.लेकिन अपनी खूबियों से इतनी बेहतर जगह खुद बनाई है.
फोटो: सुंदर पिचाई
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