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PAK में है 102 साल पुरानी कपूर खानदान की हवेली, अब दिखती है ऐसी

प्रियंका शर्मा
  • 01 मई 2020,
  • अपडेटेड 2:13 PM IST
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महान एक्टर ऋषि कपूर अब हमारे बीच नहीं रहे. 67 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. उन्होंने उस परिवार में जन्म लिया था, जिनके खून में एक्टिंग दौड़ती है. भले ही ऋषि कपूर ने दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन उनसे जुड़ी तमाम यादें और विरासत हमेशा जिंदा रहेगी. उन्हीं में एक विरासत है पाकिस्तान के पेशावर शहर में स्थित 'कपूर हवेली'. आइए जानते हैं इस हवेली के बारे में, क्या है इसका इतिहास.

(फोटो: ये तस्वीर कपूर हवेली की है, जिसमें ऋषि (दाएं), रणधीर कपूर (बाएं) माला पहने नजर आ रहे हैं)

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भारतीय सिनेमा के शोमैन कहे जाने वाले पृथ्वीराज कपूर का जन्म पाकिस्तान में बनी इस पुश्तैनी हवेली में हुआ था. इस हवेली को 'कपूर हवेली' के नाम  से जाना जाता है. यह हवेली पेशावर के किस्सा ख्वानी बाजार में स्थित है. वहीं यहीं पर ऋषि कपूर के पिता राज कपूर का भी जन्म  हुआ था.


(फोटो- राज कपूर)

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साल 2018 में ऋषि कपूर ने अपनी पुश्तैनी हवेली को  म्यूजियम में बदलने का अनुरोध पाकिस्तान सरकार से किया था. जिसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने उनका अनुरोध स्वीकार कर लिया था.


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पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था- "हमें ऋषि कपूर ने फोन किया था. उन्होंने अपने पेशावर स्थित घर को किसी संस्थान या म्यूजियम में बदलने की गुजारिश की थी. हमने इस मांग को स्वीकार कर लिया है."


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कब बनी थी कपूर हवेली

कपूर हवेली का निर्माण भारत- पाकिस्तान के विभाजन से पहले हुआ था. ये हवेली 1918 से 1922 के बीच  बनकर तैयार हुई थी. इसे राज कपूर के दादा और पृथ्वीराज कपूर के पिता दीवान बशेश्वरनाथ ने बनवाया था. जिसके बाद इसे 'कपूर हवेली' के नाम से पहचाने जाने लगा.


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जब भारत आया कपूर खानदान

1947 में भारत-पाक बंटवारे के बाद कपूर खानदान अपनी पुश्तैनी हवेली छोड़कर मुंबई आ गया. जिसके बाद यहां पर फिल्मों  में काम करना शुरू कर दिया.

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साल 2016 में ऋषि कपूर ने पुश्तैनी हवेली को लेकर एक ट्वीट करते हुए तस्वीर शेयर की थी. जिसमें लिखा था, "किसी ने मुझे ये भेजी है, पेशावर में स्थित हवेली के बाहर मैं और रणधीर दिखाई दे रहे हैं. जिसमें हमारा स्वागत किया जा रहा है."

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ऋषि ने साल 2017 में एक  ट्वीट किया था. जिसमें उन्होंने लिखा था "मैं 65 साल का हूं और मैं मरने से पहले पाकिस्तान देखना चाहता हूं. मैं चाहता हूं कि मेरे बच्चे भी अपनी जड़ों को देखें. बस करवा दीजिए. जय माता दी"

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बता दें, 20 साल पहले इस हवेली की ऊपरी तीन मंजिलों को ध्वस्त कर दिया गया था, क्योंकि इसके ऊपरी हिस्से में भूकंप के कारण दरारें पैदा हो गई थीं. यह इमारत आज व्यावसायिक भवनों से घिरी हुई है.


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हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार पांच मंजिल में से तीन मंजिल सालों पहले ढह गई थीं, लेकिन अभी भी लगभग 60 कमरे बचे हुए हैं. बॉलीवुड आइकन दिलीप कुमार का पैतृक घर भी किस्सा ख्वानी बाजार के पास स्थित है. जहां पर कपूर हवेली है.

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ऋषि ने एक इंटरव्यू में बताया था, साल 1990 में मैं पेशावर हवेली देखने जा चुका हूं. जहां पर हमें बताया गया था ये मेरे पिताजी और दादाजी का जन्म स्थान है.

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उन्होंने एक  इंटरव्यू में कहा था, मुझे  बस एक बात कभी समझ मैं नहीं आई कि मेरे पिताजी और दादाजी अमीर लोग नहीं थे, वह बहुत ही आम लोग थे. ऐसे में मुझे समझ नहीं आया कि वह हवेली के मालिक कैसे बन गए

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उन्होंने कहा था, "मैं अपने बच्चों को पेशावर की ये हवेली दिखाना चाहता हूं. मेरे पिताजी,  माताजी, दादाजी, सभी का जन्म पेशावर में हुआ था और मेरा मुंबई में. ऐसे में मैं अपने बच्चों को पुश्तैनी हवेली से रूबरू कराना चाहता हूं."


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"अगर कभी मौका मिला तो जरूर हवेली देखने जाएंगे और नहीं मिला तो मैं ये चाहूंगा की मेरे बेटे रणबीर के बच्चे जरूर जाकर देखें कि हमारी शुरुआत इस जगह से हुई थी."

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