देशभर के विश्वविद्यालयों में फाइनल परीक्षा रद्द करने की मांग के मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 14 अगस्त को होगी. कोरोना के चलते महाराष्ट्र और दिल्ली सरकार द्वारा राज्यों की यूनिवर्सिटी में परीक्षा नहीं करवाने के फैसले पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने सवाल उठाया है. वहीं यूजीसी ने पहले कहा था कि अगर लॉकडाउन का समय बढ़ता है, तो आगे बढ़ी तो परीक्षाएं कैंसिल कराई जा सकती हैं. लेकिन बाद में संशोधित गाइडलाइन जारी करके कहा कि परीक्षाएं सितंबर माह में होंगी. ऐसे में छात्र परेशान है, क्योंकि एक दिन में कई छात्रों की तीन परीक्षा आयोजित हो रही है. जानिए- छात्रों के मन की बात.
MERI UNIVERSITY के छात्र समर्थ सिंह ने बताया, अभी काफी परेशानी है. यूनिवर्सिटी एक दिन में तीन परीक्षा करा रही है. इसी के साथ परीक्षा का पैटर्न भी बदल गया है.
परीक्षा के पैटर्न में Descriptive की जगह, MCQs कर दिया है. जिससे नंबर स्कोर करने थोड़े मुश्किल होंगे.
समर्थ ने कहा, Descriptive परीक्षा में स्टेप मेकिंग मार्किंग होती है, कमजोर छात्र आधा क्ववेश्चन करके भी पासिंग मार्क्स ले आते थे, लेकिन MCQs में ऐसा संभव नहीं है. इस पैटर्न में अधिकतम औसत बच्चे फेल हो जाएंगे.
इतना बड़ा पैटर्न तो सालों में चेंज होता है, लेकिन यूनिवर्सिटी ने एकदम से कर दिया. ऑनलाइन परीक्षा का भी कोई ऑप्शन नहीं दिया. इसी के साथ ये भी नहीं बताया ऑफलाइन परीक्षा होगी या नहीं.
आपको बता दें, Abdul Kalam Technical University (APJAKTU) में 1 सितंबर से बीटेक के फाइनल ईयर के एग्जाम है. तीन फाइनल ईयर में तीन सब्जेक्ट होते हैं, तीनों ही एक ही दिन में आयोजित हो रहे हैं. तीन शिफ्ट में तीनों एग्जाम एक ही शिफ्ट में आयोजित होंगे, ऐसे में छात्रों को परेशानी हो रही है.
छात्र परेशान हैं कि एक दिन में तीन विषयों की पढ़ाई कैसे देंगे और कैसे रीविजन दे पाएंगे.
आपको बता दें, यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने जुलाई महीने में एक प्रेस रिलीज जारी कर घोषणा की थी कि भारत में 560 विश्वविद्यालयों ने यूजीसी के दिशानिर्देशों का अनुपालन किया है और इस साल टर्मिनल सेमेस्टर के छात्रों के लिए फाइनल परीक्षा आयोजित करने की योजना बनाई गई है.
यूजीसी ने कहा कि उन 560 विश्वविद्यालयों में से जिन्होंने परीक्षा के संचालन के संबंध में अपने निर्णय की घोषणा की है उनमें से 366 विश्वविद्यालय अगस्त या सितंबर में परीक्षा आयोजित करेंगे, और बाकी ने पहले ही परीक्षा आयोजित कर दी थी.
यूजीसी ने विश्वविद्यालय में परीक्षा के संचालन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिसमें कहा गया था कि देश भर के सभी विश्वविद्यालयों को इस साल टर्मिनल सेमेस्टर के छात्रों के लिए फाइनल परीक्षा आयोजित करनी चाहिए.
परीक्षा को लेकर क्या है UGC का कहना
UGC ने परीक्षाओं को शिक्षा प्रणाली का अभिन्न अंग बताया है, उन्होंने कहा कि जो छात्र विदेशी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश चाहते हैं, उनके लिए परीक्षा आवश्यक है यदि परीक्षा का आयोजन नहीं होती है डिग्रियां अमान्य होगी.