आंखों से एक्टिंग कर सभी को अपना दीवाना बनाने वाले बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान हमारे बीच में नहीं रहे. 29 अप्रैल को मुंबई में उनका निधन हो गया. इरफान खान का बचपन जयपुर में बीता. उस दौरान उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह एक एक्टर बनेंगे. वहीं एक्टर बनना उनके लिए आसान नहीं था. पिता के निधन के बाद अपने सपने को पूरा करना उनके लिए लोहे के चने चबाना जैसा था. आइए जानते हैं उनके संघर्ष के बारे में.
इरफान खान ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया था, "मेरा बचपन जयपुर में गुजरा. छुट्टियों में अक्सर अपने माता पिता के साथ राजस्थान के टोंक जिले में जाया करते थे. यहां दोस्तों के साथ कहानियां पढ़ते, नाटक किया करते थे. उस दौरान नहीं मालूम था कि कभी एक्टिंग में करियर बनाना है."
इरफान ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) में दाखिला लेने के लिए अपनी मां से झूठ बोला था. क्योंकि उनकी मां उन्हें लेक्चरर बनने के लिए कहती थीं, लेकिन इरफान को ये काम बहुत बोरिंग लगता था.
इरफान ने बताया था, "जब मैं 10वीं -11वीं में था तो परीक्षा खत्म होने के बाद मैं फिल्में देखने चला जाता था. उस दौरान दिलीप कुमार और नसीरुद्दीन शाह की कुछ फिल्में देखी थीं. उन फिल्मों ने मेरे ऊपर कुछ जादू किया और यहीं से मेरे अंदर एक्टर बनने का जुनून जागा."
उन्होंने आगे बताया " मैंने एक्टर बनने का सपना देखना तो शुरू कर दिया था, लेकिन अपने सपने के बारे में किसी दोस्त को बताने की हिम्मत नहीं हो रही थी. क्योंकि उस दौरान कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था कि मैं एक्टर बन सकता हूं."
जब इरफान खान NSD में पढ़ते तो उस दौरान उनके पिता का निधन हो गया था. ऐसे में घर की जिम्मेदारी उन पर आ गई थी. घर की जिम्मेदारियां निभाते हुए दूसरी तरफ उन्हें फिक्र अपने करियर की भी थी. वहीं पिता के चले जाने के बाद घर में पैसों की कमी भी होने लगी थी.
इरफान ने बताया, "जब मैं जयपुर में था और मुझे साइकिल लेनी थी. लेकिन पैसे नहीं थे. उस दौरान मैंने दो बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया था. उस समय मुझे करीब 15 रुपये महीना मिला करता था. उन्हीं पैसों को जोड़कर मैंने साइकिल खरीदी थी."
उन्होंने बतायाा, "बचपन में हमारे घर में पॉकेट मनी का कोई कॉन्सेप्ट नहीं हुआ करता था. माता- पिता कहते थे किसी भी चीज की जरूरत हो तो बता देना, लाकर दे देंगे."
पैसे कमाने के लिए इरफान ने पिताजी की दुकान में भी काम किया था. पिता के निधन के बाद वह परिवार की जिम्मेदारी तो निभा रहे थे लेकिन उनका एक्टर बनने का सपना पीछे छूटा जा रहा था.
ऐसे में इरफान के छोटे भाई ने परिवार की पूरी जिम्मेदारी उठा ली और इरफान को घर की जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया. जिसके बाद इरफान ने NSD में अपनी पढ़ाई जारी रखी और कुछ साल बाद एक्टिंग की दुनिया के चमकते हुए सितारे के रूप में उभर कर सामने आए थे.