Advertisement

एजुकेशन

पुलवामा में शहीद पति से किया वादा निभाया, अफसर बनेंगी निकिता

aajtak.in
  • 19 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 7:42 PM IST
  • 1/9

पुलवामा में शहीद हुए मेजर विभूति ढौंढियाल की पत्नी निकिता कौल का वो वीडियो आज भी आंखों के सामने तैर जाता है. जब वो पति को अंतिम सैल्यूट दे रही होती हैं. पति से जन्म-जन्म का साथ निभाने का वादा कर आई निकिता ने उसे हमेशा आसपास महसूस करने के लिए इंडियन आर्मी ज्वाइन कर रही हैं. उन्होंने शॉ‍र्ट सेलेक्शन कमीशन की परीक्षा और इंटरव्यू पास कर लिया है. जल्द ही वो आर्मी अफसर कहलाएंगी.

  • 2/9

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन में मेजर विभूति शंकर ढौंढियाल शहीद हो गए थे. उनकी 28 साल की पत्नी निकिता कौल अब भारतीय सेना ज्वाइन कर रही हैं. निकिता मूल रूप से कश्मीर की रहने वाली हैं.

  • 3/9

निकिता कौल ने एसएससी (शॉर्ट सेलेक्शन कमीशन) की परीक्षा के साथ-साथ इंटरव्यू भी पास कर लिया है. फिलहाल उन्हें मेरिट लिस्ट के जारी होने का इंतजार है. मेरिट में नाम आने के बाद वो कैडेट के तौर पर सेना में शामिल होंगी. जहां उनकी कठिन ट्रेनिंग शुरू होगी.

Advertisement
  • 4/9

18 फरवरी, 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुई आतंकी हमले के जवाब में चलाए गए ऑपरेशन में मेजर विभूति शहीद हो गए थे. तब उनकी शादी को एक साल भी पूरा नहीं हुआ था.

  • 5/9

निकिता कौल दिल्ली में अपने माता-पिता के साथ रहकर तभी से आर्मी की तैयारी में जुट गई थीं. फिलहाल वो एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करती हैं. लेकिन पति का साथ निभाने का वादा वो एक अच्छा आर्मी अफसर बनकर निभाना चाहती हैं.

  • 6/9

निकिता कौल ने मीडिया से कहा कि मुझे अपने पति की मौत के सदमे से उबरने में समय लगा. इसके साथ ही मैंने लघु सेवा आयोग (एसएससी) की परीक्षा में बैठने का निर्णय लिया. पिछले साल सितंबर में फॉर्म भरना मेरे लिए एक बड़ा फैसला था. मैंने तय कर लिया था कि मैं अपने पति की तरह ही आगे बढ़ूंगी.

Advertisement
  • 7/9

अपनी तैयारी से लेकर परीक्षा देने का दौर उनके लिए भावुक रहा. यहां तक कि परीक्षा हॉल में भी उन्होंने यही सोचा कि मेरे पति ने भी ऐसे ही परीक्षा दी होगी. निकिता का कहना है कि इससे वो पति के और करीब खुद को महसूस कर पाती हैं.

  • 8/9

निकिता के लिए फिर से सामान्य जीवन में लौट पाना इतना आसान नहीं था. लेकिन वो दर्द कम होने की उम्मीद के साथ तैयारी में जुटीं. अब अफसर बनने के अहसास से उन्हें उम्मीद है कि ये दर्द कुछ कम होगा.

  • 9/9

वैसे निकिता खुद को व्यस्त रखने के लिए पति की मौत के 15 दिन बाद ही ऑफिस जाने लगी थीं. वो कहती हैं कि इंसान का टूट जाना आसान है, लेकिन उस दौर में सकारात्मकता तलाश करके फिर खुद को खड़ा कर पाना बहुत मुश्क‍िल है.

Advertisement
Advertisement

लेटेस्ट फोटो

Advertisement