साल 2017 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत को "दुनिया का सबसे निराशाजनक देश (Depressing Country)" करार दिया था और कहा गया था कि भारत में सात में से एक व्यक्ति किसी न किसी तरह की मानसिक बीमारी से पीड़ित है.
वहीं अगर आज की स्थिति देखें तो ज्यादातर लोग डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं. दिन प्रतिदिन डिप्रेशन गंभीर विषय बनता जा रहा है.
ऐसे में साइकायट्रिस्ट की मांग सबसे ज्यादा हो रही है, लेकिन परेशानी वाली बात ये हैं कि युवा इस क्षेत्र को करियर के रूप में कम देखते हैं, इसिलए अब भारत में हायर एजुकेशन में साइकोलॉजी (मनोविज्ञान) कोर्सेज को शामिल करने पर विचार -विमर्श किया जा रहा है.
कोरोना वायरस आ जाने के कारण और लॉकडाउन की वजह से लोग दिमागी रूप से काफी परेशान हुए हैं. ऐसे में तनाव के साथ रहना हर किसी के लिए आसान नहीं है. इससे निपटने के लिए अतिरिक्त सहायता प्रणाली की आवश्यकता होती है.
"Indian Psychiatry Society" ने लॉकडाउन के एक सप्ताह के भीतर 20 प्रतिशत मानसिक बीमारी की वृद्धि की सूचना दी थी.
उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा था, 'बेरोजगारी, आर्थिक कठिनाई और बीमारी का डर तनाव के स्तर को तेजी से बढ़ा रहा है. जो लोग पहले से ही चिंता या तनाव से जूझ रहे हैं उन्हें इस समय सबसे ज्यादा खतरा है.'
साल 2017 में WHO की रिपोर्ट के अनुसार, 1.3 बिलियन भारतीयों के लिए केवल 9000 साइकायट्रिस्ट उपलब्ध हैं . इस हिसाब से 10 मिलियन की आबादी के लिए सात से कम साइकायट्रिस्ट उपलब्ध हैं. यह अंतर बहुत बड़ा है. ऐसा इसलिए है क्योंकि ज्यादातर युवा साइकायट्रिस्ट को एक करियर रूप में नहीं देखते हैं.
बहुत से लोगों को अब प्रोफेशनल साइकायट्रिस्ट की सलाह की आवश्यकता होती है, लेकिन कम ही लोग साइकायट्रिस्ट के संपर्क में आ पाते हैं. ये एक ऐसा समय हैं जब लोगों को भावनात्मक समर्थन की सबसे ज्यादा जरूरत है. इस समय इसकी मांग सबसे ज्यादा है.
लोग दिमागी परेशानी से काफी जूझ रहे हैं. जहां लोगों के ये परेशानी आम लगती है, वहीं देश में इसी परेशानी के चलते आत्महत्या करने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. इन्हीं सब चीजों क देखते हुए भारत में हायर एजुकेशन में साइकोलॉजी (मनोविज्ञान) कोर्सेज को शामिल करने पर विचार विमर्श किया जा रहा है, ताकि भविष्य में साइकायट्रिस्ट की संख्या बढ़ सके.
क्या है साइकोलॉजी (मनोविज्ञान)
साइकोलॉजी (मनोविज्ञान) ऐसा विषय है, जिसके अंतर्गत मानवीय व्यवहार और उसकी प्रतिक्रियाओं का विस्तार से अध्ययन किया जाता है. सही मायने में देखा जाए तो मनोविज्ञान व्यक्ति के व्यवहार का विज्ञान है. इस पेशे के लोगों को साइकायट्रिस्ट कहा जाता है. जो लोगों को अपने जीवन में विभिन्न परिस्थितियों को जीना और कंट्रोल में रखने में मदद करते हैं.
कौन कर सकते हैं कोर्सेज
किसी भी स्ट्रीम से 12वीं कक्षा पास करने वाले उम्मीदवार इस कोर्स को कर सकते हैं. 12वीं के बाद BSc, BA, BSc (Psychology), Bachelor of Science in Psychology कोर्से में दाखिला ले सकते हैं.
BSc (Psychology) का समय तीन साल है और कोर्सेज को 6 सेमेस्टर में बांटा गया है. इसके पूरा होने के बाद यह उम्मीदवारों को नौकरी के कई अवसर प्रदान किए जाते हैं.
इन कॉलेज से कर सकते हैं कोर्स
- George Mason University US
- Carroll University
- Harvard University
- Stanford University
- University of Oxford
- University of Cambridge
साइकोलॉजी (मनोविज्ञान) डिग्री कोर्सेज की लिस्ट
1.Clinical psychologist, clinical counsellor, community counsellor
2 Neuropsychology
3 Cognitive psychology
4 Developmental psychology
5 Social psychology
6 Organisational Psychology
7 School psychology, educational and Mental retardation
8 Criminal psychologist
9 Forensic Psychologist
10 Learning disorders therapist
11 As an academician
12 As a researcher