आखिरकार वो दिन आ ही गया जब निर्भया को इंसाफ मिला. निर्भया के दोषियों को 20 मार्च को फांसी पर लटका दिया गया. पाटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट की रोक की अर्जी को खारिज कर दिया. लंबे समय से निर्भया के दोषियों की फांसी की तारीख टल रही थी. इससे पहले फांसी के लिए तारीख 3 मार्च तय की गई थी. जो टल गई थी. आइए ऐसे में जानते हैं फांसी से पहले उन्हें क्या खिलाया पिलाया गया.
निर्भया के चार आरोपी राम सिंह, मुकेश, विनय शर्मा और पवन गुप्ता को 20 मार्च की सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दी गई. जल्लाद पवन ने इन सभी को फांसी के फंदे पर लटका दिया.
बता दें, इससे पहले वह पांच लोगों को फांसी दे चुके हैं. दो पटियाला, एक आगरा, एक इलाहाबाद, एक मेरठ.
आपको बता दें, फांसी देने से पहले आरोपियों को सुबह चाय जेल प्रशासन की ओर से दी गई. जेल मेन्युअल के अनुसार फांसी से पहले कैदी को चाय की दी जाती है.
चाय और बिस्किट देने के बाद उन्हें नहाने देते हैं. फिर उन्हें काले कपड़े पहनाए जाते हैं.
जब आरोपियों का फांसी के लिए ले जाया जाता तो उनके चेहरे पर काला थैला लटका दिया जाएगा और पैरों में रस्सी बांध दी जाती है. साथ ही हाथों में हथकड़ी लगा दी जाती है.
बता दें, बक्सर से फांसी की रस्सी लाई गई है. जेल में आखिरी फांसी 2013 में अफजल गुरु को दी गई थी.
फांसी देने के बाद 2 घंटे तक फांसी के फंदे पर शरीर लटकता रहता है, फिर डॉक्टर चेक करके अपराधी के शरीर को मृत घोषित करते हैं.
फांसी के दौरान इशारों में बात की जाती है. सुप्रीटेंडेंट के इशारे पर जल्लाद लीवर खींचता है और दोषी लटक जाता है. इशारों में बातचीत इसलिए होती है ताकि कैदी का ध्यान न भटके.