रवींद्र कौशिक का जन्म 1952 में श्री गंगानगर, राजस्थान में हुआ था. वे पंजाबी परिवार से थे. टीनेज से ही थियेटर करते थे. तभी उन पर RAW की नजर पड़ी. 1975 में उन्होंने ग्रेजुएशन किया. इसके बाद उन्होंने RAW ज्वाइन कर ली.
अंडरकवर एजेंट बनने के बाद उनकी ट्रेनिंग दिल्ली में शुरू हुई. उन्होंने उर्दू सीखी, मुस्लिम धार्मिक ग्रंथ पढ़े. वे पूरी किसी भी मुस्लिम युवक से कम नहीं जानते थे.
1975 में उन्हें पाकिस्तान भेजा गया. उस समय भारत में मौजूद उनके सभी टेक्स्ट को नष्ट कर दिया गया और उन्हें एक नई पहचान दी गई, नबी अहमद शाकिर के नाम से.
नबी अहमद ने कराची यूनिवर्सिटी से LLB की पढ़ाई की जिससे वे पाकिस्तान में नौकरी करें तो किसी को उन पर शक ना हो. फिर उन्होंने पाक आर्मी ज्वाइन कर ली. जल्द ही उन्हें पाक आर्मी में प्रमोशन मिला और वे मेजर बना दिए गए. उस समय तक वे वहां की स्थानीय लड़की अमानत से शादी कर चुके थे. उनका एक बेटा भी था.
कहा जाता है कि 1979-1983 तक उन्होंने भारतीय फौज को कई खुफिया और अमूल्य जानकारियां दीं. उस समय भारतीय सेना में उन्हें 'द ब्लैक टाइगर' के नाम से जाना जाने लगा था. कहा जाता है कि उन्हें ये नाम तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दिया था.
1983 में RAW ने इनयात मसीहा नाम का एजेंट नबी अहमद से संपर्क के लिए भेजा. उसे पाकिस्तानी इंटेलीजेंस ने गिरफ्तार कर लिया. उसके साथ जब सेना ने सख्ती बरती तो उसने नबी अहमद के बारे में सारा खुलासा कर दिया.
इसके बाद पाक इंटेलीजेंस एजेंसी ने रवींद्र कौशिक को गिरफ्तार कर लिया. उन्हें दो साल तक जेल में रखा गया और 1985 में फांसी की सजा सुनाई गई.
बाद में उनकी सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया. कौशिक ने अपने जीवन के आखिरी 16 साल पाकिस्तान की विभिन्न जेलों में बिताए. जेल में रहते हुए उन्हें अस्थमा और टीबी की बीमारी हो गई थी.
नंवबर 2001 में टीवी और हृदय की बीमारी के चलते उनका निधन हुआ. मौत से पहले उन्होंने अपनी मां के लिए एक चिट्ठी लिखी थी. ये कोर्ड वर्ड में थी. कुछ साल पहले आई सलमान खान की फिल्म 'एक था टाइगर' इनकी ही कहानी से प्रेरित बताई जाती है.