चांद पर पहुंचने के लिए मानव की ओर कई मिशन
किए जा रहे हैं. विज्ञान इस खोज में लगा है कि क्या
चांद पर जीवन संभव है या नहीं? लेकिन क्या आप जानते हैं जीवन की तलाश के दौरान चांद पर कई किलो कूड़ा कचरा जमा
हो गया है. जो मानव द्वारा ही निर्मित है. जानें- क्या कहती है रिपोर्ट.
वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि अगर कुछ उपकरण
पीछे छोड़ दिए जाएं तो वहां पहुंचे अंतरिक्ष यात्रियों
को वापस लाना सस्ता और आसान होता है. ऐसे में
मानव रहित मिशनों से कूड़ा चांद पर जमा हो गया
है.
वहीं चांद पर कूड़ा जमा होने का दूसरा कारण भेजे
गए यानों का दुर्घटनाग्रस्त होना भी है. जो चांद पर रह
जाते हैं.
आपको बता दें, सिर्फ चंद्रमा की सतह पर कूड़ा नहीं
है, बल्कि वैज्ञानिक बताते हैं कि शुक्र और मंगल की
सतहों पर कूड़ा-कचरा है.
अंतरिक्ष में तैरता हुआ कबाड़
4 अक्टूबर 1957, आज से ठीक 62 साल पहले की
एक तारीख. इस दिन सोवियत संघ ने अंतरिक्ष में पहला कृत्रिम
उपग्रह छोड़ा था. सैटेलाइट का नाम था
स्पूतनिक था. उसके बाद से कई उपग्रह पृथ्वी की कक्षा
में लॉन्च किए गए. इसके बाद अधिक अंतरिक्ष
गतिविधि मंगल, शुक्र और चांद पर बढ़ते हुए कचरे का
कारण बनी.
बता दें, लाखों-करोड़ों टुकड़े सौरमंडल में पृथ्वी
के करीब तैर रहे हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार,
अंतरिक्ष से निकलने वाले कंट्रोल स्टेशन, रॉकेट पार्ट्स,
मृत उपग्रह, खोए हुए अंतरिक्ष यात्री के उपकरण ही
अंतरिक्ष में 95 प्रतिशत कूड़ा फैलाते हैं.
एक एयरोस्पेस इंजीनियर और वायुमंडलीय विशेषज्ञ बिल ऐलोर के अनुसार अंतरिक्ष
में मलबे सैकड़ों वर्षों के लिए रह सकते हैं, उच्च
कक्षाओं में वस्तुएं हजारों वर्षों तक तैरती रह सकती हैं.
स्पेस-ट्रैक के आंकड़ों के अनुसार, रूस और चीन के
बाद अमेरिका सबसे अधिक कचरे के लिए जिम्मेदार है.
अंतरिक्षयात्री चांद पर छोड़ आए कई चीजें
चांद पर जाने के दौरान कई
अंतरिक्ष यात्री अपना सामान वहीं छोड़ कर आ गए थे.
अमेरिका के अपोलो 11 मिशन के दौरान जब चांद पर
नील आर्मस्ट्रॉग और बज़ एल्ड्रिन ने कदम रखा था तो
वह 100 से ज्यादा चीजें चांद पर छोड़ कर आए थे.
जब अपोलो 11 मिशन को सफल माना गया था, तो
यह पता चला कि दो अंतरिक्ष यात्रियों ने चंद्रमा पर
वायुमंडल के बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा करने के
लिए यांत्रिक सेंसर के अलावा कई वस्तुओं को चंद्रमा पर
छोड़ दिया था.
अंतरिक्ष यात्री अपने स्पेसफ्लाइट पर भार को कम
करना चाहते थे ताकि उड़ान के दौरान ईंधन को पृथ्वी
पर वापस लाया जा सके. यही वजह है कि उन्होंने चंद्रमा
की सतह पर कुछ और वस्तुओं को छोड़ने का फैसला
किया. इसमें प्रमुख रूप से भारी धातु मशीनरी, कार्बन
फाइबर और दुर्घटनाग्रस्त ऑर्बिटर्स शामिल थे. वहीं इसी
के साथ खाने- पीने की चीजों के पैकेट, चीमटे की एक
जोड़ी, टीवी कैमरा, फिल्म मैगजीन, कंटेनर और कुछ
डिस्पोसल कंटेनर भी चांद पर ही छोड़ दिए थे.
इसी के साथ उन्होंने सिलिकॉन डिस्क भी छोड़ी
जिसमें अमेरिका के 37वें राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन और
75 अन्य अंतरराष्ट्रीय विश्व नेताओं द्वारा टेप किए गए
संदेश थे. इसी के साथ उन्होंने अपने साथ लगभग 380
किलो चांद के पत्थर भी लिए, जिनकी कीमत और
करोड़ों-अरबों में है.
बता दें, मनुष्य ने 1969 से 1972 तक 181,437
किलोग्राम कूड़ा चंद्रमा की सतह पर छोड़ा है. अब
अंतरिक्ष प्रहरी के लिए चिंता का एक बड़ा मुद्दा बन गया
है.