कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए एक जुलाई से 15 जुलाई के बीच हो रही परीक्षाओं को लेकर अभिभावकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को हुई सुनवाई में सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड ने अपनी बची हुई परीक्षाएं निरस्त कर
दी हैं. यह जानकारी दोनों बोर्ड ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
के दौरान दी. इसके बाद कोर्ट ने केंद्र और सीबीएसई को 12वीं क्लास की
परीक्षा को लेकर नया नोटिफिकेशन जारी करने को कहा है. इस मामले में कल फिर
से सुनवाई होगी. जानें- कोर्ट में क्या हुआ? बोर्ड ने क्या दलील दी.
सुनवाई के दौरान CBSE और केंद्र से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नए नोटिफिकेशन में आंतरिक
मूल्यांकन और परीक्षा के बीच विकल्प का स्पष्ट करें. साथ ही स्टेट बोर्ड
एग्जाम की वर्तमान स्थिति, परीक्षाओं की तारीख के बारे में बताएं.
कोर्ट ने कल यानी 26 जून की सुबह तक सीबीएसई से नया नोटिफिकेशन और हलफनामा मांगा है. इसमें बोर्ड को ये बताना होगा कि वो तीन लास्ट एग्जाम कौन से होंगे, और इससे रिजल्ट किस तरह तैयार किया जाएगा.
सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं पर सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से दलील रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार
मेहता ने कहा कि 1 से 15 जुलाई तक होने वाली परीक्षाओं को कैंसिल कर दिया
गया है. महाराष्ट्र, दिल्ली और ओडिशा ने हलफनामा दाखिल करके परीक्षाएं आयोजित कराने में असमर्थता जताई है. अब परीक्षाएं तब होंगी, जब माहौल अनुकूल होगा.
यह दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या सरकार और बोर्ड के बीच
तालमेल नहीं है? इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार और
बोर्ड आपस में तालमेल से चल रहे हैं. कल यानी शुक्रवार तक परीक्षा
कार्यक्रम रद्द करने की नई अधिसूचना जारी हो जाएगी.
बता दें कि कोरोना और लॉकडाउन की वजह से सीबीएसई ने बारहवीं के बचे हुए एग्जाम टाल दिए थे. बाद में बोर्ड ने सरकार के आदेश के बाद 29 मुख्य विषयों की लिखित परीक्षाएं कराने का फैसला लिया था. इसके लिए बोर्ड ने एक से 15 जुलाई के
बीच ये परीक्षा कराने का कार्यक्रम भी जारी कर दिया था.
लेकिन देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों की संख्या कम न होने के कारण चिंतित अभिभावकों ने सीबीएसई के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी. याचिका में मांग की गई कि सीबीएसई बोर्ड ये परीक्षाएं भी रद्द कर दे और इंटरनल असेसमेंट के आधार पर रिजल्ट घोषित कर दे.
जब ये मसला सुप्रीम कोर्ट में
गया तो बोर्ड और केंद्र सरकार ने कहा कि हमने परीक्षाएं कैंसिल कर दी हैं. सीबीएसई ने अपना अंतिम निर्णय देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुरुवार 25 जून तक का समय मांगा था.
अब सीबीएसई ने कोर्ट में यह कहा है कि बोर्ड ने कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए पूरी
तरह से परीक्षाएं कैंसिल कर दी हैं, लेकिन कक्षा 12वीं के छात्र वैकल्पिक रूप से
सीबीएसई बोर्ड परीक्षा के लिए उपस्थित हो सकते हैं.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में दलील देते हुए ये भी कहा कि स्कूलों में तो कोविड आइसोलेशन सेंटर चल रहे हैं, वहीं उत्तर पूर्व में बारिश है और वहां के छात्र भी इम्तहान के लिए तैयार नहीं हैं, ऐसे में परीक्षाएं कराना मुश्किल होगा.
बता दें कि इस साल सीबीएसई को बची हुई परीक्षाओं में देश भर में 31 लाख से अधिक छात्रों
को शामिल होना था. वहीं जहां एक ओर सीबीएसई ने बची हुई परीक्षा को
कैंसिल कर दिया है, वहीं इसका असर सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों की प्रवेश
प्रक्रिया के साथ-साथ जेईई मेन और नीट 2020 सहित राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा
पर भी पड़ेगा.