केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाओं को लेकर तमाम अटकलें लगाई जा रही हैं. बची हुई परीक्षाएं कैसे और कब ली जाएंगी, 10वीं के बचे हुए पेपर होंगे या नहीं, 12वीं के एग्जाम होंगे कि नहीं, किताबें कहां और कैसे मिलेंगी. छात्रों और अभिभावकों के मन में आ रहे ऐसे ही तमाम तरह के सवालों पर सीबीएसई सचिव अनुराग त्रिपाठी से इंडिया टुडे ने खास बातचीत की है. जानिए उनके जवाब-
पहला सवाल- कब और कैसे होंगे बचे हुए बोर्ड एग्जाम
अनुराग त्रिपाठी ने कहा कि जैसा कि हमने एक अप्रैल के सर्कुलर में कहा था कि 10वीं के अब एग्जाम नहीं होंगे. जो एक दो पेपर बचे हैं, उन्हें इंटर्नल एसेसमेंट या हमारे पास अन्य कॉन्फिडेंशियल तरीके हैं, उसके आधार पर नंबर दिए जाएंगे.
12वीं की परीक्षा जरूरी, 10 से 12 दिन चाहिए
सीबीएसई सचिव ने कहा कि भले ही दसवीं में हम पास कर देंगे, लेकिन 12वीं के बचे हुए मेन सब्जेक्ट का एग्जाम कराना जरूरी है. इसकी वजह ये है कि कई यूनिवर्सिटी मेरिट के हिसाब से एडमिशन लेती हैं. अगर लॉकडाउन खुलने के बाद हमें दस से बारह दिन का मौका दिया जाएगा तो हम एग्जाम करा सकेंगे. बाकी अगर स्थिति नहीं बनती है तो उसके लिए भी आगे रास्ते निकाले जाएंगे.
कब तक आएगा रिजल्ट
इस पर सीबीएसई सचिव ने कहा कि हमें उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की अगर सरकार से इजाजत मिल जाती है तो इसमें कम से कम डेढ़ महीने का समय लगेगा. इस तरह हम दो माह में रिजल्ट घोषित कर देंगे. हम उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में पूरी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित कराएंगे.
परेशान न हों अभिभावक व छात्र
अनुराग त्रिपाठी ने कहा कि इन हालातों में अभिभावकों को किसी भी तरह पैनिक होने की जरूरत नहीं है. ये सिर्फ सीबीएसई की स्थिति नहीं है. देश के सारे बोर्ड और वर्ल्ड वाइड यही स्थिति है. इसलिए ऐसा सोचें कि किसी एक के साथ नहीं है जो होगा पूरे विश्व के साथ होगा.हम बची परीक्षा भी लेंगे, फिर रिजल्ट भी देंगे, बस धैर्य बनाए रखें.
कब होंगी प्रतियोगी परीक्षाएं
सीबीएसई सचिव ने कहा कि जैसा कि पहले भी होता आया है प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन बोर्ड एग्जाम के बाद होगा. अभी नीट और बाकी एग्जाम कैंसिल हुए हैं, ये सभी एग्जाम बोर्ड के रिजल्ट आने के बाद ही आयोजित होंगे.
लॉकडाउन के बाद क्लीयर होंगी डेट
सीबीएसई ने कहा कि जिस तरह दूसरे बोर्ड उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुरू कर चुके हैं. इसी तरह हम भी सरकार से मांग कर रहे हैं कि हमें इसकी इजाजत दी जाए. बाकी बोर्ड हर सिचुएशन से निकलने के लिए तैयार है. हम बोर्ड परीक्षाओं को लेकर हर तरह की तैयारी कर रहे हैं.
किताबें हैं फ्री, बच्चों पर बोझ न डालें पेरेंट्स और टीचर
बुक इनफार्मेंशन के बारे में उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चलते एनसीईआरटी ने सभी ऑनलाइन बुक्स एकदम फ्री कर दी हैं. बच्चे उन्हें ऑनलाइन या डाउनलोड करके प्रिंट निकालकर पढ़ सकते हैं. साथ ही ऑनलाइन शिक्षा के बारे में उन्होंने कहा कि टीचर्स की जिम्मेदारी है कि बच्चों को फेस टू फेस जोड़ें. बच्चे पहले से ही आइसोलेशन में रहकर प्रेशर में हैं, उन पर पढ़ाई का और ज्यादा प्रेशर नहीं पड़ना चाहिए.