एक फरवरी 2003, आज की ही वो तारीख था, जब भारत की बहादुर बेटी ने हमेशा- हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह दिया था. यहां हम बात कर रहे हैं भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री और अंतरिक्ष शटल मिशन स्पेशलिस्ट कल्पना चावला की. वह अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम भारतीय महिला थी. आइए कल्पना चावला की 17वीं पुण्यतिथि पर जानते हैं उनके बारे में.
कैसे हुआ था हादसा
16 जनवरी, 2003 को 'कोलंबिया स्पेस शटल' से उनकी अंतिम उड़ान शुरू हुई थी. यह 16 दिन का अंतरिक्ष मिशन था, जो पूरी तरह से विज्ञान और अनुसंधान पर आधारित था. अंतरिक्ष में ये कल्पना चावला की दूसरी और आखिरी उड़ान साबित हुई.
जब उनका यान एक फरवरी 2003 धरती की ओर लौट रहा था, उस समय कोलंबिया स्पेस शटल दुर्घटनाग्रस्त हो गया. जिसके बाद कल्पना समेत 6 अंतरिक्ष यात्रियों की मृत्यु हो गई थी. दुनिया के लिए ये खबर किसी बुरे सपने की तरह थी.
'कोलंबिया स्पेस शटल' STS-107 उड़ान भरने वाला पहला अंतरिक्ष यान था, इसकी पहली उड़ान अप्रैल 1981 में हुई और इसने दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले 27 मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा किया था. जिसके बाद 16 जनवरी 2003 को उसकी 28वीं और आखिरी उड़ान साबित हुई.
कौन थे वो सात अंतरिक्षयात्री जिन्होंने 'कोलंबिया स्पेस शटल' STS-107 में भरी थी उड़ान
ये थे सात अंतरिक्षयात्री
1. रिक हसबैंड, कमांडर
2 माइकल एंडरसन, पेलोड कमांडर
3 डेविड ब्राउन, मिशन स्पेशलिस्ट
4. कल्पना चावला,मिशन स्पेशलिस्ट
5. लॉरेल क्लार्क, मिशन स्पेशलिस्ट
6. विलियम मैककूल, पायलट
7. इलियन रेमन, इजरायल स्पेस एजेंसी के पेलोड स्पेशलिस्ट-
अंतरिक्ष में उन्होंने जीवन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, द्रव भौतिकी और अन्य मामलों में लगभग 80 प्रयोग किए थे.
बता दें, कल्पना का अंतरिक्ष यान कोलंबिया शटल STS-107 धरती से महज 16 मिनट की दूरी पर था.
उस वक्त यान की धरती से दूरी थी करीब 2 लाख फीट और उसकी रफ्तार 20 हजार किलोमीटर प्रति घंटा थी. कल्पना और उनके दल की वापसी का अमेरिका के टैक्सास शहर में बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था.
क्या पहले ही तय हो गई थी कल्पना चावला की मौत?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोलंबिया स्पेस शटल के उड़ान भरते ही पता चल गया था कि ये सुरक्षित जमीन पर नहीं उतरेगा, तय हो गया था कि सातों अंतरिक्ष यात्री मौत के मुंह में ही समाएंगे. फिर भी उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी गई. बात हैरान करने वाली है, लेकिन यही सच है. इसका खुलासा मिशन कोलंबिया के प्रोग्राम मैनेजर ने किया था. हालांकि इस पूरे मामले पर नासा की ओर से आधिकारिक तौर पर कोई बयान नहीं आया है.
कैसी थी कल्पना
करनाल में बनारसी लाल चावला के घर 17 मार्च 1962 को जन्मीं कल्पना अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटी थीं. घर में सब उन्हें प्यार से मोंटू कहते थे. शुरुआती पढ़ाई करनाल के टैगोर बाल निकेतन में हुई. जब वह 8वीं क्लास में पहुंचीं तो उन्होंने अपने पिता से इंजीनियर बनने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन कल्पना अपने जीवन में कुछ अलग करना चाहती थी. उनकी दिलचस्पी अंतरिक्ष और खगोलीय परिवर्तन में थी.
जिसके बाद कल्पना ने अपने सपनों को साकार करने के लिए साल 1982 में अंतरिक्ष विज्ञान की पढ़ाई के लिए अमेरिका रवाना हो गई थी.
फिर साल 1988 में वो नासा अनुसंधान के साथ जुड़ीं. जिसके बाद 1995 में नासा ने अंतरिक्ष यात्रा के लिए कल्पना चावला का चयन किया. बता दें, उन्होंने अंतरिक्ष की प्रथम उड़ान एस टी एस 87 कोलंबिया शटल से संपन्न की. इसकी अवधि 19 नवंबर 1997 से 5 दिसंबर 1997 थी.
कल्पना चावला ने 1983 में फ्रांस के जान पियर ( Jean-Pierre Harrison) से शादी की थी. वह पेशे से फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर थे.