Fake News कैसे पहचानें? इस राज्य में स्कूली बच्चों को मिलेगी ट्रेनिंग, सिलेबस में किया शामिल

नए पाठ्यक्रम के तहत छात्रों को न केवल फेक न्यूज की पहचान करना सिखाया जाएगा, बल्कि उन्हें यह भी समझाया जाएगा कि किसी भी जानकारी की सत्यता की जांच कैसे की जाती है. फिलहाल यह मॉड्यूल 5वीं और 7वीं क्लास की किताब में जोड़ा गया है, जबकि आगामी वर्षों में इसे 6वीं से 10वीं तक के बच्चों को पढ़ाया जा सकता है.

Advertisement
सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 3:31 PM IST

केरल सरकार ने राज्य के पांचवीं और सातवीं कक्षा के आईसीटी (सूचना और संचार प्रौद्योगिकी) किताबों में 'फेक न्यूज डिटेक्शन' यानी झूठी खबरों की पहचान करने के मॉड्यूल शामिल किए हैं. यह कदम बच्चों को डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रहने के लिए जरूरी कौशल सिखाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.

बच्चों को सिखाया जाएगा सच की पहचान करना
नए पाठ्यक्रम के तहत छात्रों को न केवल फेक न्यूज की पहचान करना सिखाया जाएगा, बल्कि उन्हें यह भी समझाया जाएगा कि किसी भी जानकारी की सत्यता की जांच कैसे की जाती है. पांचवीं कक्षा की आईसीटी किताब में ‘लेट्स सर्च द इंटरनेट’ नाम का एक चैप्टर है जिसमें स्क्रीन टाइम मैनेजमेंट के बारे में भी बताया गया है. वहीं, सातवीं कक्षा की किताब में ‘लेट्स सर्च एंड फाइंड’ अध्याय में जानकारी को सत्यापित करने के महत्व पर जोर दिया गया है और झूठी जानकारी फैलाने के कानूनी परिणामों के बारे में बताया गया है. केरल द्वारा यह कदम यू.के. द्वारा अपने प्राइमरी करिकुलम को संशोधित करने की इसी तरह की योजनाओं से पहले उठाया था. 

Advertisement

यह भी पढ़ें: हिजाब पहनकर स्कूल गईं छात्राओं को प्रिंसिपल ने लौटाया, दो चोटी बांधने का दिया आदेश

केरल पहले से ही डिजिटल साक्षरता में आगे
यह नया पाठ्यक्रम केरल की पहले की डिजिटल मीडिया साक्षरता पहलों पर आधारित है. साल 2022 में, केरल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड टेक्नोलॉजी फॉर एजुकेशन (KITE) ने 5वीं से 10वीं कक्षा के 19.72 लाख छात्रों को फेक न्यूज से बचाव और इसके सामाजिक प्रभाव को समझने के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया था. यह भारत में अपनी तरह का पहला प्रशिक्षण था.

इस पहल की अगुवाई करने वाले केरल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड टेक्नोलॉजी फॉर एजुकेशन (KITE) के सीईओ के अनवर सदाथ ने कहा, "नई ICT किताबों में ऐसे चैप्टर शामिल हैं जो छात्रों को सत्यमेव जयते की भावना को मूर्त रूप देते हुए फ़र्जी खबरों और दुर्भावनापूर्ण सामग्री की पहचान करने में सक्षम बनाते हैं." ये अध्याय छात्रों को न केवल फ़र्जी खबरों की पहचान करना सिखाते हैं बल्कि उनके सामने आने वाली जानकारी की प्रामाणिकता को सत्यापित करना भी सिखाते हैं.

Advertisement

यह भी पढ़ें: चिकोटी काटना, चांटा मारना, मुर्गा बनाना... यूपी के स्कूलों में छात्रों को डांटने-मारने पर होगी कार्रवाई

अगले साल और भी कक्षाओं में लागू होगा यह मॉड्यूल
केरल सरकार की योजना अगले शैक्षणिक सत्र से छठी, आठवीं, नौवीं और दसवीं कक्षा की आईसीटी किताबों में भी ये मॉड्यूल शामिल करने की है. इसके साथ ही, छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की बेसिक बातें भी सिखाई जाएंगी. इससे केरल स्कूल स्तर पर AI एजुकेशन शुरू करने वाले भारत के पहले राज्यों में शामिल हो जाएगा.
 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement