तेजस Mk1A में देरी जारी: GE का पांचवां इंजन भेजा गया, पहली डिलीवरी अब 2026 में

तेजस Mk1A की डिलीवरी में देरी जारी है. GE ने पांचवां F-404 इंजन HAL को भेजा, लेकिन सप्लाई चेन की समस्या से पहली डिलीवरी अब 2026 में होगी. HAL ने तेजस Mk1A की पहली उड़ान भर ली है. 10 विमान तैयार हैं. भारतीय वायुसेना बेसब्री से इंतजार कर रही है.

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HAL की फैक्ट्री में बनता तेजस Mk1A फाइटर जेट. (File Photo: PTI) HAL की फैक्ट्री में बनता तेजस Mk1A फाइटर जेट. (File Photo: PTI)

शिवानी शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 11 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:12 PM IST

भारत का स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस Mk1A अब भी देरी का शिकार है. जनरल इलेक्ट्रिक (GE) ने आखिरकार पांचवां F-404 इंजन हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को सौंप दिया है. ये इंजन पिछले हफ्ते अमेरिका से भारत के लिए रवाना हो चुका है. कुछ दिनों में HAL के पास पहुंच जाएगा. लेकिन इतने इंजनों के बावजूद, भारतीय वायुसेना (IAF) को पहला तेजस Mk1A मिलना अब 2026 तक टल गया है. वजह? GE की सप्लाई चेन की समस्याएं.

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तेजस Mk1A का सफर: पहली उड़ान तो हो गई, लेकिन डिलीवरी कब?

HAL ने 17 अक्टूबर 2025 को नासिक फैसिलिटी से तेजस Mk1A की पहली उड़ान भरी. ये एक बड़ा मील का पत्थर था. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस समारोह की अध्यक्षता की, जहां LCA Mk1A की तीसरी प्रोडक्शन लाइन और HTT-40 की दूसरी लाइन का भी उद्घाटन हुआ. HAL के मुताबिक पहली उड़ान सफल रही, लेकिन अब फ्लाइट ट्रायल्स, हथियार एकीकरण और टेस्टिंग बाकी हैं.

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HAL ने अभी तक 10 विमान बना लिए हैं. टेस्ट कर लिए हैं. लेकिन इंजन न आने से पहली डिलीवरी रुक गई. IAF चीफ एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने 3 अक्टूबर को कहा था कि हम तेजस Mk1A का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. ये हमारे लिए भोजन की तरह है. 

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GE इंजन की देरी: मुख्य वजह क्यों?

तेजस Mk1A को GE का F-404-IN20 इंजन चाहिए. HAL ने 2021 में 99 इंजनों का ऑर्डर दिया था, जो 2029 तक डिलीवर होने थे. लेकिन GE की प्रोडक्शन लाइन 5 साल बंद रहने से सप्लाई चेन बिगड़ गई. पहला इंजन मार्च 2025 में आया. दूसरा जुलाई में. तीसरा सितंबर में. चौथा अक्टूबर में. अब पांचवां दिसंबर में आ रहा है. HAL को इस महीने तक 12 इंजन मिलने थे, लेकिन सिर्फ 5 ही पहुंचे.

GE ने कहा कि सप्लाई चेन की चुनौतियां हैं, लेकिन हम HAL के साथ मिलकर इसे ठीक कर रहे हैं. भारत सरकार ने GE पर जुर्माना भी लगाया. नया प्लान: 2026 तक महीने में 2 इंजन. इसके अलावा, 10 F-414 इंजन (Mk2 के लिए) पहले ही आ चुके हैं. नवंबर 2025 में HAL ने 97 अतिरिक्त तेजस के लिए 113 इंजनों का 1 बिलियन डॉलर का डील साइन किया, जो 2027 से डिलीवर होंगे.

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देरी का असर: IAF की ताकत पर क्या पड़ेगा?

IAF को तेजस Mk1A की सख्त जरूरत है. ये AESA रडार, EW सूट, डिजिटल मैप्स और एडवांस्ड हथियारों से लैस है. Astra और ASRAAM मिसाइलों के ट्रायल सफल हो चुके हैं. लेकिन देरी से पुराने MiG-21 जैसे विमान ज्यादा समय तक चलाने पड़ेंगे. 83 Mk1A के ऑर्डर में 4 क्वार्टर की देरी हो चुकी है. अब 2029 तक पूरा होगा. 97 अतिरिक्त के लिए 2027-28 से डिलीवरी शुरू, 2033-34 तक खत्म.

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HAL चेयरमैन ने कहा कि इंजन सप्लाई सुधरेगी तो डिलीवरी तेज हो जाएगी. नासिक लाइन से 8 विमान सालाना, बेंगलुरु से 16. कुल मिलाकर, प्रोडक्शन रेट 24 विमान सालाना तक पहुंचेगा.

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आगे का रोडमैप: Mk2 और स्वदेशी इंजन की उम्मीद

तेजस Mk2 का रोलआउट 2027 में होगा. ये और एडवांस्ड होगा. लंबे समय में, भारत Kaveri इंजन पर काम कर रहा है, ताकि विदेशी निर्भरता कम हो. लेकिन फिलहाल GE पर भरोसा. विशेषज्ञ कहते हैं, देरी निराशाजनक है, लेकिन HAL की मेहनत से प्रोग्राम पटरी पर लौट रहा है. IAF को 2026 में पहला बैच मिलेगा, जो 'आत्मनिर्भर भारत' की मिसाल बनेगा.

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