रूस ने दिया Su-57 जेट का शानदार ऑफर लेकिन फ्रांस ने भारत के लिए खोल दिया पिटारा... जानिए कौन बेहतर?
रूस ने Su-57E के लिए सस्ता ऑफर दिया. 126 विमान, 670 करोड़ रुपये में एक, स्टील्थ और तकनीक ट्रांसफर के साथ. फ्रांस का राफेल F4 (1,000 करोड़/विमान) और तेजस Mk-2 के लिए M88-4 इंजन ऑफर भरोसेमंद है. Su-57 सस्ता लेकिन जोखिम भरा, राफेल साबित और निर्यात में मददगार. भारत के लिए राफेल + M88-4 बेहतर, लेकिन आत्मनिर्भरता पर ध्यान देना होगा.
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बाएं से दाएं- फ्रांस अपने राफेल और रूस अपने Su-57 के लिए बेहतरीन ऑफर दे रहे हैं. (Photo: ITG)
भारत को फाइटर जेट्स के लिए रूस और फ्रांस दोनों तरफ से लुभावने ऑफर मिल रहे हैं. रूस ने Su-57E पर 60 से बढ़ाकर 126 विमानों का सौदा बढ़ाने का प्रस्ताव दिया, जो राफेल को टक्कर दे सकता है. वहीं, फ्रांस ने राफेल के साथ-साथ तेजस Mk-2 के लिए साफ्रान का M88-4 इंजन ऑफर किया, जो GE F414 का विकल्प है. ये ऑफर MRFA (मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट) टेंडर और तेजस प्रोग्राम को प्रभावित करेंगे.
फायदा: सस्ता, अपग्रेड फ्री, Su-30MKI से कम्पैटिबल. एयरो इंडिया 2025 में शोकेस किया.
कमियां: Su-57 की स्टील्थ रडार क्रॉस-सेक्शन (RCS) 0.1-1 m² (F-35 के 0.001 m² से ज्यादा), इंजन AL-41F1S (थ्रस्ट 147 kN, लेकिन अपरिपक्व). सैंक्शंस से डिलीवरी देरी. IAF को 5th जनरेशन चाहिए, लेकिन Su-57 अभी '4++' जैसा.
साफ्रान M88-4 इंजन (तेजस Mk-2 के लिए): GE F414 (98 kN थ्रस्ट) का विकल्प, M88-4 95-105 kN देगा. प्लग-एंड-प्ले (डिजाइन बदलाव कम), ToT पैकेज. तेजस Mk-2 का पहला फ्लाइट 2026 में F414 से, बाद में M88-4 शिफ्ट. AMCA के 120 kN इंजन के लिए भी ऑफर.
फायदा: साबित तकनीक (राफेल 500+ उड़ानें), फ्रांस के साथ मजबूत संबंध, निर्यात संभावना (M88 से यूरोपीय बाजार). GE देरी (F404 डिलीवरी लेट) से बैकअप.
कमियां: महंगा, अपग्रेड महंगे, 100% ToT नहीं. M88-4 का विकास 2-3 साल लेगा, देरी का रिस्क.
रूस का ऑफर सस्ता और स्टील्थी लगता है, लेकिन जोखिम भरा. फ्रांस का पैकेज विश्वसनीय और लंबे समय का फायदा देगा. IAF को 5th जनरेशन (AMCA) चाहिए, इसलिए राफेल + M88-4 बेहतर विकल्प. अंतिम फैसला रक्षा मंत्रालय का, लेकिन आत्मनिर्भरता और लागत पर फोकस रहेगा.
ऋचीक मिश्रा