राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 28 दिसंबर को पनडुब्बी में करेंगी समुद्री यात्रा

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 28 दिसंबर को कर्नाटक के कारवार बंदरगाह से पनडुब्बी में समुद्री यात्रा करेंगी. चार दिन के दौरे में गोवा, कर्नाटक और झारखंड जाएंगी. जमशेदपुर में ओल चिकी शताब्दी समारोह और NIT दीक्षांत को संबोधित करेंगी. गुमला में जनसांस्कृतिक समागम में शामिल होंगी.

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कारवार बंदरगाह पर होगी पनडु्ब्बी से यात्रा. (Photo: Indian Navy/PTI) कारवार बंदरगाह पर होगी पनडु्ब्बी से यात्रा. (Photo: Indian Navy/PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:59 PM IST

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 28 दिसंबर को कर्नाटक के कारवार बंदरगाह से एक पनडुब्बी में समुद्री यात्रा (सी सॉर्टी) करेंगी. राष्ट्रपति भवन ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. यह यात्रा भारतीय नौसेना की ताकत और तकनीक को करीब से देखने का मौका देगी.

चार दिन का दौरा: गोवा, कर्नाटक और झारखंड

राष्ट्रपति मुर्मू का चार दिन का दौरा शनिवार से शुरू हो रहा है. वे 27 दिसंबर की शाम गोवा के लिए रवाना होंगी.

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  • 28 दिसंबर (कर्नाटक): कारवार हार्बर से पनडुब्बी में समुद्री यात्रा. यह किसी राष्ट्रपति का पनडुब्बी में सॉर्टी करना दुर्लभ और महत्वपूर्ण घटना है. इससे नौसेना के जवानों का मनोबल बढ़ेगा. राष्ट्रपति को पानी के नीचे की दुनिया का अनुभव मिलेगा.
  • 29 दिसंबर (झारखंड): जमशेदपुर में 'ओल चिकी' लिपि के शताब्दी समारोह में शामिल होंगी. ओल चिकी संथाली भाषा की लिपि है, जिसे पंडित रघुनाथ मुर्मू ने बनाया था.
  • उसी दिन: जमशेदपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) के 15वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करेंगी.
  • 30 दिसंबर (झारखंड): गुमला में अंतरराज्यीय जनसांस्कृतिक समागम और कार्तिक जात्रा कार्यक्रम को संबोधित करेंगी.

क्यों खास है पनडुब्बी यात्रा?

भारतीय राष्ट्रपति का पनडुब्बी में जाना बहुत कम होता है. इससे नौसेना की पनडुब्बी क्षमता और समुद्री सुरक्षा पर जोर मिलता है. कारवार में भारतीय नौसेना का बड़ा बेस है, जहां कई युद्धपोत और पनडुब्बियां तैनात हैं.

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राष्ट्रपति मुर्मू आदिवासी समुदाय से आने वाली पहली राष्ट्रपति हैं. झारखंड दौरे में ओल चिकी और जनजातीय संस्कृति से जुड़े कार्यक्रमों में उनकी मौजूदगी विशेष महत्व रखती है.

यह दौरा राष्ट्रपति के रूप में उनके सक्रिय भूमिका और देश के विभिन्न हिस्सों से जुड़ाव को दिखाता है. नौसेना से लेकर शिक्षा और संस्कृति तक, हर क्षेत्र में उनकी भागीदारी प्रेरणादायक है.

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