Maldives का दोगलापन! मुइज्जू बोल रहे 'विदेशी मिलिट्री आउट', आज ही पहुंचेगा चीन का जासूसी जहाज

Maldives के राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा कि उनके देश में किसी भी विदेशी मिलिट्री की मौजूदगी नहीं रहेगी. लेकिन 8 फरवरी को ही चीन का जासूसी जहाज राजधानी माले पहुंच रहा है. पूरी दुनिया को पता है कि यह जहाज कोई रिसर्च वेसल नहीं बल्कि जासूसी के काम आता है. जानिए क्या बोला राष्ट्रपति मुइज्जू ने...

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ये है चीन का वो जासूसी जहाज जो 8 फरवरी 2024 को मालदीव्स की राजधानी माले पहुंच जाएगा. ये है चीन का वो जासूसी जहाज जो 8 फरवरी 2024 को मालदीव्स की राजधानी माले पहुंच जाएगा.

aajtak.in

  • माले,
  • 07 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 12:01 AM IST

मालदीव्स के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने दावा किया है कि उनके देश में किसी विदेशी मिलिट्री मौजूदगी नहीं है. उन्होंने कहा कि हम अपनी ताकत बढ़ा रहे हैं. जल्द ही एक समय ऐसा आएगा जब हमें किसी विदेशी मिलिट्री की जरूरत नहीं पड़ेगी. न ही कोई विदेशी सेना यहां होगी. लेकिन ये मालदीव्स के दोगलेपन का स्पष्ट नजारा है. जानिए कैसे? 

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मुइज्जू का यह बयान भारतीय सेना के वापस आने की खबर के बाद हफ्तों बाद आया है. मुइज्जू का मन है कि वह पूरे मालदीव्स पर समुद्री, हवाई और जमीनी स्तर पर अपनी ताकत बनाए रखे. इसलिए वह अपनी समुद्री इलाके का अंडरवाटर सर्वे कराना चाहता है. मुइज्जू पर चीन के प्रति के झुकाव का आरोप है. वह एक प्रो-चाइना लीडर हैं.

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मालदीव्स से भारतीय सेना के पहली खेप 10 मार्च तक निकल जाएगी. बाकी 10 मई तक. फिलहाल 88 भारतीय सैनिक मालदीव्स में मौजूद हैं. जो वहां पर हेलिकॉप्टर्स और एयरक्राफ्ट की उड़ानें संचालित कर रहे हैं. लेकिन यह राहत एवं बचाव कार्यों के लिए है. जो वहां पर पिछले कई सालों से चल रहा है. 

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23 जनवरी को खुद मालदीव ने बुलाया था चीनी जहाज को

मालदीव्स ने चीन के जासूसी जहाज जियांग यांग होंग 3 (Xiang Yang Hong 3), जिसे चीन रिसर्च वेसल कहता है. उसे अपने देश आने की अनुमति 23 जनवरी 2024 को दी थी. अब कल यानी 8 फरवरी 2024 तक यह जासूसी जहाज मालदीव्स की राजधानी माले पहुंच जाएगा. उसे तीन दिन पहले ही श्रीलंका से भगाया गया था. 

यह दावा किया जा रहा है कि मालदीव की सरकार की तरफ से कि चीन का जासूसी जहाज मालदीव में रहते समय कोई रिसर्च नहीं करेगा. लेकिन इस बात से भारत और दुनिया एकदम सहमति नहीं रखती. चीन की आदत है धोखा देना. वह मालदीव्स से यह समुद्री जासूसी का काम जरूर करेगा. हालांकि भारतीय नौसेना की पैनी नजर उसपर रहेगी.  

जासूसी जहाज का 'रिसर्च' असल नहीं, सिर्फ जासूसी ही है

श्रीलंका ने बार-बार आने वाले चीनी जासूसी जहाज को अपने यहां आने से मना कर दिया. कई बार भगाया भी. क्योंकि चीन का रिसर्च करने वाला यह जहाज सिर्फ रिसर्च नहीं करता. यह नक्शे बनाता है. समुद्री इलाकों की गहराई और जियोलॉजी समझने का प्रयास करता है. साथ ही भारत के डिफेंस फैसिलिटी की जांच-पड़ताल करता है. 

मुइज्जू ने इससे पहले पिछले साल नवंबर में भी कहा था कि अब मालदीव्स में भारतीय सैनिकों की जरूरत नहीं है. वो खुद अपने देश की सुरक्षा कर सकते हैं. उन्होंने अपने देश के लोगों को भरोसा दिलाने के लिए कहा था कि जल्द ही कोई भी विदेशी सेना मालदीव्स में नहीं रहेगी. 

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मालदीव का झुकाव चीन की तरफ बढ़ता जा रहा है 

भारत सरकार द्वारा मालदीव के खिलाफ कड़े कदम उठाने के बाद अब वहां की सरकार चीन की तरफ झुक रही है. इसलिए चीन ने हिंद महासागर क्षेत्र (Indian Ocean Region - IOR) में अपना जासूसी जहाज भेज दिया है.  इस बात की पुष्टि कई ओपन सोर्स इंटेलिजेंस ने भी की है. 

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भारतीय नौसेना (Indian Navy) लगातार इस जासूसी जहाज पर अपनी नजर रख रही है, जिसे चीन एक रिसर्च वेसल कहता है. इतना ही नहीं इंडियन नेवी ने अपने कुछ युद्धपोतों को इस पर नजर रखने को कहा है. हिंद महासागर में इनकी तैनाती कर दी गई है. मालदीव पहले भारत के साथ था लेकिन वर्तमान सरकार चीन की तरफ झुकाव रखती है. 

चीन जाकर कई समझौते करके आए हैं मुइज्जू

भारत का विरोध करने पर मालदीव की जनता और विपक्षी पार्टियों ने काफी हो-हल्ला किया लेकिन उसका कोई फर्क पड़ता नहीं दिख रहा है. हाल ही में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन गए थे. वहां कई नए समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं. श्रीलंका के ऊपर भारत ने दबाव बना रखा है कि वो चीन के किसी जहाज को अपने बंदरगाह पर आने नहीं देगा. 

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इसके बाद चीन ने मालदीव को अपना शिकार बनाया है. अब हिंद महासागर में अपनी पहुंच और ताकत दिखाने के लिए वह अपने जासूसी जहाज को मालदीव भेज रहा है. इसके पहले भी जियांग यांग होंग 03 बंगाल की खाड़ी, हिंद महासागर और अरब सागर में अपने ऑपरेशन कर चुका है. लेकिन मालदीव की तरफ इसका बढ़ना खतरे का संकेत हो सकता है. 

मालदीव जाकर यह जहाज क्या करेगा किसी को नहीं पता? 

चीन का यह जहाज माले क्यों जा रहा है... इसकी असली वजह तो पता नहीं है लेकिन भारतीय नौसेना नजदीक से इस जहाज पर नजर रख रही है. पर उसके पहले ये जानते हैं कि ये जहाज क्या-क्या करता है? चीन के पास इस नाम के दस जहाज हैं. जियांग यांग होंग 03 को 2016 में बनाया गया था. ये समुद्री सर्वे और रिसर्च करने वाले जहाज हैं. इसकी लंबाई 100 मीटर और बीम 18 मीटर है. 

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