रूस की किंझल मिसाइल युद्ध का एक ऐसा हथियार है, जो हाइपरसोनिक स्पीड से उड़ती है. दुश्मन इसे ट्रैक नहीं कर पाता. यह एयर-टू-ग्राउंड हमलों के लिए बनी है, जो यूक्रेन युद्ध में रूस की ताकत दिखा रही है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसे आदर्श हथियार कहा है, जो एयर डिफेंस सिस्टम को पार कर जाती है. मार्च 2022 से यूक्रेन में इस्तेमाल हो रही यह मिसाइल दुश्मन के मनोबल को तोड़ने का काम कर रही है.
किंझल का पूरा नाम Kh-47M2 है. यह रूस की एयर-लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइल है. यह जमीन से लॉन्च होने वाली इस्कंदर-एम मिसाइल से निकली है. मिग-31 या टु-22एम3 विमानों से छोड़ी जाती है. इसकी रेंज 460-480 किलोमीटर है. सबसे तेज स्पीड 12348 km/hr तक पहुंचती है. यह न्यूक्लियर हेड ले जा सकती है, लेकिन ज्यादातर पारंपरिक हमलों में इस्तेमाल होती है.
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यह मिसाइल हाइपरसोनिक कैटेगरी में आती है, क्योंकि इसकी स्पीड 5 माच से ज्यादा है. लेकिन कुछ विशेषज्ञ कहते हैं कि यह बैलिस्टिक मिसाइल है, जो हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल जैसी मैन्यूवर नहीं करती. फिर भी, इसकी तेजी दुश्मन के लिए सिरदर्द है.
किंझल की सबसे बड़ी ताकत इसकी हाइपरसोनिक स्पीड है. यह इतनी तेज उड़ती है कि रडार इसे ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है. सामान्य मिसाइलें धीमी होती हैं, लेकिन किंझल हवा में घुमावदार रास्ता ले सकती है, जिससे एयर डिफेंस सिस्टम कन्फ्यूज हो जाते हैं. पुतिन ने कहा कि यह हवा की रक्षा को आसानी से भेद लेती है. यूक्रेन के पैट्रियट सिस्टम ने इसे रोका है, लेकिन ज्यादातर मामलों में यह सफल रही.
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यह मिसाइल हवा से जमीन पर हमले के लिए बनी है. इसका वॉरहेड बहुउद्देशीय है – यह कमांड सेंटर, एयरबेस या चलते हुए टारगेट जैसे जहाजों को मार सकती है. यूक्रेन में रूस ने इसे हथियार डिपो, रनवे और ट्रेनिंग साइट्स पर दागा है. एक हमले में यह पूरे इलाके को तबाह कर देती है.
मार्च 2022 में रूस ने पहली बार किंझल का इस्तेमाल यूक्रेन में किया. तब से सैकड़ों मिसाइलें दागी गईं. हाल ही में कीव पर हमलों में भी यह इस्तेमाल हुई. रूस ने कहा कि यह यूक्रेन की आक्रामकता का जवाब है. लेकिन यूक्रेन के लिए यह मनोबल तोड़ने वाला हथियार है.
हर हमला डर फैलाता है, क्योंकि इसे रोकना कठिन है. विशेषज्ञ कहते हैं कि किंझल का प्रचार रूस की ताकत दिखाने के लिए है, लेकिन यूक्रेन ने कई को रोका भी है. फिर भी, लगातार हमलों से यूक्रेन की सेना और जनता का हौसला कमजोर हो रहा है.
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किंझल को अजेय कहा जाता है, लेकिन यूक्रेन ने पैट्रियट से इसे गिराया. फिर भी, इसकी स्पीड और रेंज से बचना मुश्किल है. अमेरिका और नाटो इसे हाइपरसोनिक हथियारों की होड़ का हिस्सा मानते हैं. रूस इसे अपनी सैन्य ताकत का प्रतीक बताता है.
किंझल जैसी मिसाइलें युद्ध को और खतरनाक बना रही हैं. यूक्रेन के लोग हौसले से लड़ रहे हैं, लेकिन रूस की यह ताकत दबाव बना रही है. दुनिया को शांति के लिए कदम उठाने चाहिए. यह हथियार तकनीक का कमाल है, लेकिन इसका दर्द इंसानों को झेलना पड़ता है.
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