ईरान की हाइपरसोनिक मिसाइल से डरा इजरायल? बना डाला नया एयर डिफेंस सिस्टम Arrow 4

इजरायल ने Arrow 4 एयर डिफेंस सिस्टम बनाया, जो हाइपरसोनिक मिसाइलों को गिरा सकता है. IAI CEO बोआज़ लेवी ने इसकी घोषणा की. यह तेज, सटीक और सस्ता है. जर्मनी इसे खरीदने में रुचि दिखा रहा है. यह इजरायल और दुनिया की सुरक्षा के लिए नई उम्मीद है.

Advertisement
इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज से मिली ऐरो-4 मिसाइल की तस्वीर. (File Photo: IAI) इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज से मिली ऐरो-4 मिसाइल की तस्वीर. (File Photo: IAI)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 15 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 7:33 PM IST

इजरायल ने अपनी नई हाइपरसोनिक मिसाइल रक्षा प्रणाली Arrow 4 को विकसित करने की घोषणा की है. यह सिस्टम किसी भी हाइपरसोनिक मिसाइल को रोकने और नष्ट करने में सक्षम है. इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) के CEO बोआज़ लेवी ने बताया कि Arrow 4 जल्द ही ऑपरेशनल हो जाएगा. इजरायल की हवाई रक्षा में शामिल होगा. यह सिस्टम आज के सबसे बड़े खतरे हाइपरसोनिक मिसाइलों से निपटने के लिए बनाया गया है. 

Advertisement

हाइपरसोनिक मिसाइलों का बढ़ता खतरा

हाइपरसोनिक मिसाइलें, जैसे चीन की DF-ZF और रूस की अवांगार्ड, मैक 5 (ध्वनि की गति से पांच गुना तेज) से भी तेज चलती हैं. ये मिसाइलें हवा में दिशा बदल सकती हैं. नीची उड़ान भरती हैं, जो उन्हें पारंपरिक मिसाइल रक्षा प्रणालियों के लिए मुश्किल बनाती हैं. पारंपरिक बैलिस्टिक मिसाइलें एक सीधी राह पर चलती हैं, लेकिन हाइपरसोनिक मिसाइलें अनुमान लगाना मुश्किल बनाती हैं. यह खतरा चीन, रूस, ईरान और उत्तर कोरिया जैसे देशों की बढ़ती तकनीक से और गंभीर हो गया है.

यह भी पढ़ें: चीन और पूरा PAK रेंज में, 1500 KM वाली हाइपरसोनिक मिसाइल की टेस्टिंग की तैयारी में DRDO

पहले के सिस्टम जैसे अमेरिका का पैट्रियट PAC-3, THAAD और रूस का S-400, हाइपरसोनिक मिसाइलों को ट्रैक और नष्ट करने में सक्षम नहीं हैं. इनकी धीमी प्रतिक्रिया और पुराने सॉफ्टवेयर इसकी वजह हैं. हाइपरसोनिक मिसाइलें इतनी तेज होती हैं कि जवाब देने का समय महज सेकंड्स में सिमट जाता है, जिससे मौजूदा रडार और इंटरसेप्टर असफल हो जाते हैं.

Advertisement

ईरान ने किया था हाइपरसोनिक मिसाइल का इस्तेमाल

ईरान ने इजरायल पर हाल के हमलों में फतह-1 (Fattah-1) हाइपरसोनिक मिसाइल का दावा किया है. ईरानी मीडिया और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के अनुसार, यह मिसाइल 2023 में पेश की गई थी. मैक 5 से अधिक की रफ्तार से चलती है. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी हाइपरसोनिक क्षमता और प्रभाव को लेकर बहस है, क्योंकि यह पूरी तरह से पैंतरेबाज़ी करने में सक्षम नहीं हो सकती.

यह भी पढ़ें: शुभांशु शुक्ला ने स्पेस स्टेशन पर 18 दिनों तक क्या-क्या किया... कौन-कौन से प्रयोग किए?

Arrow 4: नई पीढ़ी की रक्षा

Arrow 4  IAI और अमेरिकी मिसाइल डिफेंस एजेंसी (MDA) के साथ मिलकर बनाया गया है. यह Arrow 2 की जगह लेगा और हवा के अंदर-बाहर दोनों जगह मिसाइलों को रोकने में सक्षम होगा. इसकी खासियतें हैं...

  • तेज प्रतिक्रिया: उन्नत सेंसर और गतिशीलता से यह हाइपरसोनिक मिसाइलों को निशाना बना सकता है.
  • शूट-लुक-शूट: यह मिसाइल को निशाना बनाकर रास्ते में बदलाव कर सकता है. दोबारा हमला कर सकता है.
  • लागत और उत्पादन: इसे सस्ता और बड़े पैमाने पर बनाया जा रहा है, ताकि कई मिसाइलों के हमले का जवाब दिया जा सके.

बोआज़ लेवी ने कहा कि Arrow 4 का ट्रायल अगले दो साल में शुरू होगा, लेकिन अगर खतरा बढ़ा तो इसे जल्दी शुरू किया जा सकता है. यह सिस्टम सिर्फ इजरायल की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि दुनिया भर के गठबंधन के लिए भी उपयोगी होगा.

Advertisement

वैश्विक रुचि और भविष्य

Arrow 4 में अंतरराष्ट्रीय रुचि बढ़ रही है. जर्मनी जो पहले Arrow 3 खरीद चुका है, अब Arrow 4 पर विचार कर रहा है. यह यूरोपियन स्काई शील्ड इनिशिएटिव के तहत तेज और चालाक मिसाइलों से बचाव के लिए जरूरी है. इसका मॉड्यूलर डिजाइन इसे कई देशों के साथ जोड़ने में आसान बनाता है.

हाइपरसोनिक मिसाइलों के बढ़ते खतरे के बीच, Arrow 4 आधुनिक युद्ध के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार बन सकता है. इजरायल इसे सस्ता और प्रभावी बनाकर दुनिया भर के देशों के लिए एक रणनीतिक मदद साबित करेगा. यह सिस्टम नई तकनीक और गठबंधन की ताकत को दिखाता है, जो भविष्य की जंगों में सुरक्षा का आधार बनेगा.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement