भारतीय सेना के दक्षिण-पश्चिमी कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल मंजिंदर सिंह ने साफ चेतावनी दी है कि भारत पर कोई भी आतंकी हमला अब युद्ध माना जाएगा. उन्होंने कहा कि 'न्यू नॉर्मल' नीति के तहत ऐसी घटना पर तुरंत और सख्त जवाब दिया जाएगा. यह चेतावनी 2025 के पहलगाम हमले के बाद बनी इस नई नीति पर आधारित है. सेना तीन बड़े अभ्यास चला रही है, जो पाकिस्तान और चीन जैसे खतरों से निपटने की तैयारी दिखाते हैं.
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में भयानक आतंकी हमला हुआ. यह 2008 के मुंबई हमलों के बाद सबसे बड़ा हमला था. आतंकियों ने निर्दोष लोगों को निशाना बनाया, जिसमें कई पर्यटक मारे गए. भारत ने इसका जवाब ऑपरेशन सिंदूर से दिया. हमारी सेना ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला किया और भारी नुकसान पहुंचाया.
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पाकिस्तान ने इसे अपने ऊपर हमला माना, लेकिन भारत ने साफ कहा कि आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस घटना के बाद न्यू नॉर्मल नीति बनी, जिसमें आतंकी हमले को सीधे युद्ध माना जाएगा. लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा कि अगर पाकिस्तान फिर ऐसा करेगा, तो भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. यह नीति सेना को तेज और मजबूत बनाती है.
भारतीय सेना अभी तीन बड़े अभ्यास कर रही है. ये अभ्यास रॉकेट, आर्टिलरी, ड्रोन और संयुक्त कार्रवाइयों पर फोकस करते हैं. ये पाकिस्तान सीमा और लद्दाख में हो रहे हैं.
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यह सबसे बड़ा अभ्यास है, जिसमें सेना, नौसेना और वायुसेना साथ काम कर रही है. 30 अक्टूबर 2025 से शुरू हुआ. गुजरात के कच्छ और राजस्थान में चल रहा है. 20,000 से ज्यादा जवान हिस्सा ले रहे हैं. सर क्रीक इलाके के पास फोकस है, जो पाकिस्तान सीमा के पास है.
राफेल लड़ाकू विमान, ब्रह्मोस मिसाइल और टी-90 टैंक इस्तेमाल हो रहे हैं. अभ्यास में आर्टिलरी चलाना, ड्रोन और संयुक्त हमले शामिल हैं. पाकिस्तान ने डरकर अपने फाइटर जेट तैनात कर दिए हैं. यह अभ्यास दिखाता है कि भारत किसी भी खतरे का सामना करने को तैयार है.
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लद्दाख की ठंडी ऊंचाइयों में यह अभ्यास चल रहा है. नॉर्दर्न आर्मी कमांडर ने इसे देखा. लंबी दूरी की तोपों की गड़गड़ाहट, ड्रोन झुंड (स्वार्म), काउंटर-यूएएस (ड्रोन रोकने की कार्रवाई) और कमांडो हमले यहां दिखे. यह थिएटर-लेवल अभ्यास है, जो नई तकनीक और एकजुटता दिखाता है.
ऊंचाई पर लड़ाई की तैयारी के लिए बिल्कुल सही. यह सटीकता, शक्ति और एकता का नजारा है. चीन सीमा पर नजर रखते हुए यह अभ्यास भारत की अटल भावना दिखाता है.
राजस्थान के जयपुर और महाजन फायरिंग रेंज में 28 अक्टूबर से शुरू. यह एकीकृत फायरिंग अभ्यास है, जिसमें आधुनिक तोपें, घातक गोला-बारूद और रात के ऑपरेशन शामिल हैं. जमीनी कार्रवाई, हवाई हमले और आर्टिलरी का मिश्रण.
थार रेगिस्तान में हो रहा, जो पश्चिमी सीमा की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण है. यह अभ्यास सेना को तेज और सटीक बनाता है. ये अभ्यास ड्रोन स्वार्म, आग्नेयास्त्र चालाना और संयुक्त कार्रवाइयों पर जोर देते हैं. सेना की ताकत और नवाचार दिखाते हैं.
शिवानी शर्मा