ट्रंप टैरिफ से न तेजस इंजन की डिलीवरी रुकेगी, न ऑर्डर में आएगी कमी

भारत और अमेरिका के बीच रक्षा वार्ता में तेजी आई है. तेजस Mk1A के लिए F404 इंजनों की डिलीवरी शुरू हो गई है. 97 और विमानों के ऑर्डर के लिए सौदा जल्द फाइनल होगा. F414 इंजन से तेजस Mk2 और AMCA को बल मिलेगा. P8I विमानों और MRFA खरीद पर भी बातचीत जारी है.

Advertisement
तेजस फाइटर जेट के इंजन की डिलीवरी अमेरिका करेगा. (File Photo: X_@SpokespersonMoD) तेजस फाइटर जेट के इंजन की डिलीवरी अमेरिका करेगा. (File Photo: X_@SpokespersonMoD)

शिवानी शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 11 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 2:36 PM IST

भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सौदों को लेकर चर्चा जोरों पर है. खास तौर पर तेजस Mk1A लड़ाकू विमानों के लिए F404 इंजनों की डिलीवरी को तेज करने की बात चल रही है. पिछले साल से ज्यादा देरी के बाद अब तक भारत को GE (जनरल इलेक्ट्रिक) से दो इंजन मिल चुके हैं. तीसरा इंजन इस महीने आने वाला है. GE ने वादा किया है कि अक्टूबर से हर महीने दो इंजन दिए जाएंगे.

Advertisement

तेजस के लिए इंजन डिलीवरी में तेजी

तेजस Mk1A विमानों के लिए भारत ने 99 इंजनों का पहला ऑर्डर दिया था, लेकिन देरी की वजह से प्रक्रिया धीमी थी. अब खबर है कि GE हर महीने एक इंजन देगा और अक्टूबर से दो-दो इंजन की सप्लाई शुरू करेगा. इससे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को विमान बनाने में मदद मिलेगी.

यह भी पढ़ें: चीन का वॉर्निंग रडार... लॉन्च होते ही दे देगा दुश्मन की मिसाइल की जानकारी, नष्ट भी कर देगा

इसके अलावा, 97 और तेजस Mk1A विमानों के लिए अतिरिक्त ऑर्डर की मंजूरी रक्षा मंत्रालय (MoD) से मिल चुकी है. इन 97 विमानों के लिए F404 इंजनों का अगला सौदा लगभग फाइनल हो गया है. अगस्त के अंत तक यह डील पूरी हो सकती है. यह भारत की हवाई ताकत को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है. 

Advertisement

F414 इंजन और भविष्य की योजनाएं

एक और बड़ी खबर है कि भारत और अमेरिका F414 इंजनों की खरीद पर बातचीत कर रहे हैं. ये इंजन तेजस Mk2 और एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के लिए होंगे, जो भारत में बनाए जाएंगे. तकनीकी बातचीत पूरी हो चुकी है, लेकिन सौदा फाइनल होने में कुछ महीने लग सकते हैं. यह सौदा भारत को आत्मनिर्भर बनाने (आत्मनिर्भर भारत) में मदद करेगा, क्योंकि इंजन बनाने की तकनीक भी हासिल होगी.

यह भी पढ़ें: भारतीय मिसाइलों से खौफ में PAK... ऑपरेशन सिंदूर जैसे हमलों से बचने के लिए बना रहा छोटे-छोटे आतंकी कैंप

अमेरिकी टीम की भारत यात्रा 

अगले महीने अमेरिका की एक टीम भारत आएगी और रक्षा सौदों पर चर्चा करेगी. कुछ खबरों में दावा किया जा रहा था कि भारत ने अमेरिका से रक्षा सौदों को रोक दिया है, लेकिन MoD के सूत्रों ने इसे गलत बताया. भारतीय नौसेना के लिए 6 और P8I विमानों की खरीद की बातचीत अभी भी जारी है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा टैरिफ बढ़ाने के बाद भी रक्षा खरीद प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

MRFA और विदेशी लड़ाकू विमान

तेजस प्रोग्राम के अलावा, मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट (MRFA) की खरीद पर भी बात चल रही है, जिसका ऐलान जल्द हो सकता है. भारत आत्मनिर्भर भारत पहल पर जोर दे रहा है और अपनी बनाई लड़ाकू मशीनों को तरजीह देता है. लेकिन मिग स्क्वाड्रन के जल्द रिटायर होने से वायु सेना की ताकत 29 स्क्वाड्रन तक कम हो जाएगी.

Advertisement

इस कमी को पूरा करने के लिए विदेशी लड़ाकू विमानों पर विचार हो रहा है. वायु सेना ने राफेल को MRFA प्रोग्राम के लिए सुझाया है. MoD रूसी SU-35, राफेल और अमेरिकी-स्वीडिश लड़ाकू विमानों पर भी विचार कर सकता है. हालांकि, F-35 लड़ाकू विमानों में भारत की कोई रुचि नहीं दिखी है.

ऑपरेशन सिंदूर का असर

ऑपरेशन सिंदूर के बाद से भारत रक्षा खरीद को बहुत तेजी से आगे बढ़ा रहा है. यह ऑपरेशन भारत की सैन्य ताकत और रणनीति को मजबूत करने में मददगार साबित हुआ है. तेजस, AMCA और P8I जैसे प्रोजेक्ट्स से भारत अपनी हवाई और नौसैनिक ताकत को बढ़ाना चाहता है. अमेरिका के साथ साझेदारी से न सिर्फ इंजन मिल रहे हैं, बल्कि तकनीक ट्रांसफर से भारत की अपनी क्षमता भी मजबूत हो रही है. 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement