विदेशी हथियार, स्वदेशी तकनीक और PAK के अंदर तक मार... यूरोपियन थिंक टैंक ने समझाया भारत कैसे पड़ा भारी

यूरोपीय थिंक टैंक की रिपोर्ट ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए IAF की रणनीतिक और तकनीकी श्रेष्ठता दिखाई है. ब्रह्मोस और स्कैल्प मिसाइलों के साथ-साथ स्वदेशी रक्षा प्रणालियों ने भारत की ताकत को साबित किया. पाकिस्तान की भौगोलिक और तकनीकी सीमाओं ने उसे कमजोर बनाया, जबकि भारत की गहराई और उन्नत हथियारों ने उसे मजबूत स्थिति दी.

Advertisement
पाकिस्तान के बहावलपुर में मौजूद जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह आतंकियों का ठिकाना था. हमले के पहले और बाद की तस्वीर. (फाइल फोटोः AFP) पाकिस्तान के बहावलपुर में मौजूद जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह आतंकियों का ठिकाना था. हमले के पहले और बाद की तस्वीर. (फाइल फोटोः AFP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 मई 2025,
  • अपडेटेड 12:20 PM IST

हाल ही में दो प्रमुख यूरोपीय थिंक टैंक इंटरनेशनल सेंटर फॉर काउंटर टेरेरिज्म (ICCT) और रॉयल यूनाइटेड इंस्टीट्यूट (RUSI) ने अपनी रिपोर्ट में भारतीय वायुसेना (IAF) की पाकिस्तान वायुसेना (PAF) पर रणनीतिक श्रेष्ठता की बात कही है. यह रिपोर्ट ऑपरेशन सिंदूर (7 मई 2025) पर आधारित है, जिसमें IAF ने पाकिस्तान के 13 में से 11 प्रमुख हवाई अड्डों पर सटीक हमले किए. इन हमलों में ब्रह्मोस और स्कैल्प जैसी उन्नत मिसाइलों का उपयोग हुआ, जिसने भारत की आधुनिक युद्ध क्षमता को साबित किया.

Advertisement
  • भारतीय वायुसेना की श्रेष्ठता: यूरोपीय थिंक टैंक की रिपोर्ट में भारतीय वायुसेना (IAF) की पाकिस्तान वायुसेना (PAF) पर रणनीतिक बढ़त की पुष्टि.
  • ऑपरेशन सिंदूर: 7 मई 2025 को शुरू हुआ, जिसमें IAF ने 11 पाकिस्तानी हवाई अड्डों पर सटीक हमले किए.
  • ब्रह्मोस और स्कैल्प मिसाइलें: 15 ब्रह्मोस और स्कैल्प मिसाइलों का उपयोग, जो सुपरसोनिक गति और सटीकता के लिए जानी जाती हैं.
  • पाकिस्तान की कमजोरी: कम भौगोलिक गहराई के कारण पाकिस्तानी हवाई अड्डे आसान निशाना, जबकि भारत की गहराई इसे लाभ देती है.
  • आत्मनिर्भर भारत: स्वदेशी हथियारों और रक्षा प्रणालियों ने भारत की ताकत को बढ़ाया.

यह भी पढ़ें: जंगी तैयारी में आत्मनिर्भरता की ओर भारत का बड़ा कदम, 5वीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट पर प्लान को मिली मंजूरी

ऑपरेशन सिंदूर क्या था?

ऑपरेशन सिंदूर 7 मई 2025 को शुरू हुआ, जब भारत ने पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का जवाब दिया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. भारत ने इसे पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूहों जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा से जोड़ा और ऑपरेशन किया.

Advertisement

इस ऑपरेशन में...

पहला चरण (7 मई): IAF ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों (जैसे बहावलपुर, मुरिदके, मुजफ्फराबाद) पर हमले किए.

दूसरा चरण (9-10 मई): पाकिस्तान के जवाबी ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद, IAF ने 11 PAF हवाई अड्डों पर हमला किया, जिसमें नूर खान (रावलपिंडी), रफीकी (शोरकोट), मुरिद (चकवाल), रहिम यार खान, सुक्कुर, भोलारी, जैकोबाबाद, सरगोधा, स्कार्दू, चुनियां, पासरूर और सियालकोट के रडार ठिकाने शामिल थे.

इन हमलों ने रनवे, कमांड सेंटर, रडार और महत्वपूर्ण संपत्तियों (जैसे AEW&C विमान और लंबी दूरी के ड्रोन) को नष्ट किया, जिससे PAF की उड़ान और जवाबी कार्रवाई की क्षमता कमजोर हो गई.

यह भी पढ़ें: INS Vikramaditya से बराक-1 मिसाइल सिस्टम हटाकर डीआरडीओ VL-SRSAM लगाने जा रहा, जानिए इस मिसाइल खासियत

भारत की रणनीति और हथियार

IAF ने ऑपरेशन सिंदूर में अत्याधुनिक तकनीक और रणनीति का इस्तेमाल किया...

  • ब्रह्मोस मिसाइलें: भारत-रूस की संयुक्त सुपरसोनिक मिसाइल, जो मैक 2.8-3.0 की गति से 290-600 किमी तक सटीक हमला करती है. इसमें 200-300 किलो का वारहेड होता है. इसकी सटीकता 1-3 मीटर है. ऑपरेशन में 15 ब्रह्मोस मिसाइलें सु-30 MKI जेट और जमीन से दागी गईं. यह मिसाइल रडार से बचने और तेज हमले के लिए जानी जाती है.
  • स्कैल्प मिसाइलें: फ्रांस निर्मित, राफेल जेट से दागी गईं, जो गहरे और मजबूत ठिकानों (जैसे बंकर) को 250-500 किमी की दूरी से नष्ट कर सकती हैं.
  • हैमर और क्रिस्टल मेज: ये सटीक गाइडेड हथियार गतिशील लक्ष्यों को नष्ट करने में सक्षम हैं.
  • हरोप लोइटरिंग म्युनिशन्स: इजरायल निर्मित "कामिकेज़ ड्रोन", जो दुश्मन के रडार और हवाई रक्षा प्रणालियों को नष्ट करने के लिए इस्तेमाल हुए.
  • डमी विमान: IAF ने नकली विमानों का उपयोग कर पाकिस्तानी रडार और HQ-9 हवाई रक्षा प्रणालियों को सक्रिय किया, जिससे उनकी स्थिति उजागर हुई. इसके बाद हरोप ड्रोन और मिसाइलों ने इन्हें नष्ट किया.

यह भी पढ़ें: PAK-चीन में मचेगी खलबली... DRDO करने जा रहा है सबसे खतरनाक रॉकेट लॉन्चर की टेस्टिंग

Advertisement

भारत की जीत के कारण

यूरोपीय थिंक टैंक की रिपोर्ट के अनुसार, IAF की जीत के कई कारण हैं...

पाकिस्तान की भौगोलिक कमजोरी: पाकिस्तान के हवाई अड्डे (पंजाब और सिंध में) भारतीय सीमा के करीब हैं, जिससे वे ब्रह्मोस (290-800 किमी रेंज) के लिए आसान निशाना हैं. उदाहरण के लिए, नूर खान (इस्लामाबाद के पास) और भोलारी (कराची के पास) महत्वपूर्ण हैं, लेकिन भारत की पहुंच में हैं. भारत की विशाल भौगोलिक गहराई इसके हवाई अड्डों को फैलाने और दुश्मन के लिए निशाना मुश्किल करने की सुविधा देती है.

उन्नत हथियार: ब्रह्मोस और स्कैल्प मिसाइलों ने सटीकता और गति के साथ PAF की रक्षा प्रणालियों (जैसे चीन निर्मित HQ-9) को भेदा.

स्वदेशी रक्षा प्रणाली: आकाश, बराक-8 और S-400 जैसी प्रणालियों ने पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल हमलों को नाकाम किया. आकाशतीर और इंटीग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (IACCS) ने हवाई खतरों को ट्रैक और नष्ट किया.

रणनीतिक चालबाजी: डमी विमानों और हरोप ड्रोन का उपयोग कर IAF ने पाकिस्तान की रक्षा प्रणालियों को बेकार किया, जिससे मिसाइल हमलों का रास्ता साफ हुआ.

यह भी पढ़ें: STAR मिसाइल टेस्टिंग के आखिरी पड़ाव में... लेगी ब्रह्मोस की जगह!

ऑपरेशन का प्रभाव

  • PAF की हानि: 11 हवाई अड्डों पर रनवे, हैंगर और रडार नष्ट हुए. एक AEW&C विमान और कई ड्रोन नष्ट हुए, जिसने PAF की निगरानी और जवाबी क्षमता को कमजोर किया.
  • पाकिस्तान की मजबूरी: हमलों के बाद PAF को अपने बचे हुए विमानों को पीछे के ठिकानों पर ले जाना पड़ा, और 10 मई को DGMO-स्तर की बातचीत के जरिए युद्धविराम की मांग की.
  • भारत की रक्षा: पाकिस्तान ने 26 भारतीय ठिकानों (जैसे श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट) पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए, लेकिन भारत के S-400 और आकाश प्रणालियों ने इन्हें नाकाम कर दिया.

रिपोर्ट का अनुमान है कि अगर IAF 100 ब्रह्मोस या स्कैल्प मिसाइलों का उपयोग करे, तो PAF को कम से कम दो सप्ताह तक निष्क्रिय किया जा सकता है, क्योंकि उनके रनवे और कमांड सेंटर तबाह हो जाएंगे.

Advertisement

आत्मनिर्भर भारत का योगदान

ऑपरेशन सिंदूर ने आत्मनिर्भर भारत अभियान की ताकत दिखाई...

ब्रह्मोस: भारत-रूस की साझेदारी से निर्मित, जिसने पहली बार युद्ध में अपनी शक्ति साबित की.

सु-30 MKI और आकाश: हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और DRDO द्वारा विकसित, जो स्वदेशी तकनीक का प्रतीक हैं.

महिला पायलटों की भूमिका: ऑपरेशन में कई महिला पायलटों ने हिस्सा लिया, जो भारतीय सेना की समावेशिता को दर्शाता है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement