STAR मिसाइल टेस्टिंग के आखिरी पड़ाव में... लेगी ब्रह्मोस की जगह!

DRDO एक ऐसा मिसाइल बना चुका है जो पूरी तरह स्वदेशी है. ये ब्रह्मोस की जगह ले सकती है. यह समुद्र या सतह से बेहद कम ऊंचाई पर उड़ने में सक्षम होगी. कम ऊंचाई की वजह से यह रडार की पकड़ में नहीं आएगा. साथ ही इस पर हमला करना मुश्किल होगा.

Advertisement
कुछ ऐसी ही दिखेगी STAR मिसाइल बनने के बाद. (प्रतीकात्मक फोटोः X/DRDO) कुछ ऐसी ही दिखेगी STAR मिसाइल बनने के बाद. (प्रतीकात्मक फोटोः X/DRDO)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 19 मई 2025,
  • अपडेटेड 4:12 PM IST

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) अपने स्टार मिसाइल प्रोजेक्ट को तीसरे चरण (Phase-III) में ले जा चुकी है. इस चरण में मिसाइल को पूरी तरह तैयार करके कई बार उड़ान परीक्षण किए जा रहे हैं. स्टार मिसाइल एक खास स्वदेशी मिसाइल है, जो वायुसेना, थलसेना और नौसेना के लिए तेज गति वाले खतरों की नकल करती है. मतलब टारगेट प्रैक्टिस कर सकते हैं. यह मिसाइल सस्ती होने के साथ-साथ ब्रह्मोस जैसे मिसाइलों का विकल्प बन सकती है.

Advertisement

तीसरे चरण में डीआरडीओ के इंजीनियर मिसाइल के सभी हिस्सों, जैसे इंजन, नेविगेशन सिस्टम और नियंत्रण प्रणाली को एक साथ जोड़कर पूरी मिसाइल बनाते हैं. फिर इसे युद्ध जैसी परिस्थितियों में कई बार उड़ाया जाता है. इन परीक्षणों से पता चलता है कि मिसाइल कितनी सटीक, भरोसेमंद और प्रभावी है.

यह भी पढ़ें: बाढ़-पहाड़-पठार और मुल्क का बंटाधार... PAK की लोकेशन है कि दोधारी तलवार!


 
परीक्षणों में मिली जानकारी से मिसाइल को और बेहतर किया जाता है, ताकि यह सेना की जरूरतों को पूरा कर सके. डीआरडीओ अलग-अलग मौसम और परिस्थितियों में मिसाइल का परीक्षण कर रहा है. यह भी जांचा जा रहा है कि मिसाइल जमीन और हवाई उपकरणों के साथ ठीक से काम करती है या नहीं. अगर ये परीक्षण सफल रहे, तो डीआरडीओ मिसाइल का सीमित उत्पादन शुरू कर सकता है, जिसे सेना प्रशिक्षण और आगे के परीक्षणों के लिए इस्तेमाल करेगी.

Advertisement

STAR मिसाइल की स्पीड ब्रह्मोस जैसी

स्टार मिसाइल को इस तरह बनाया गया है कि यह आधुनिक मिसाइलों की तरह तेजी से उड़े और उनके व्यवहार की नकल करे. यह 2.5 मैक (लगभग 3,062 किमी/घंटा) से ज्यादा तेजी से उड़ सकती है. यह तेजी से दिशा बदल सकती है. ऊंचाई कम-ज्यादा कर सकती है. यह प्रशिक्षण सैनिकों को असली युद्ध में तेजी से फैसले लेने और सही प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार करता है. 

यह भी पढ़ें: रडार पकड़ न पाएगा, चीन-PAK के अधिकांश शहर रेंज में... DRDO घातक हाइपरसोनिक मिसाइल के प्रोजेक्ट पर बढ़ा आगे

हर जगह इस्तेमाल की जा सकने वाली मिसाइल

स्टार मिसाइल का डिज़ाइन ऐसा है कि इसे अलग-अलग मिशनों और जरूरतों के हिसाब से आसानी से बदला जा सकता है. यह वायुसेना, थलसेना और नौसेना तीनों के लिए काम कर सकती है. ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने "बंशी टारगेट" ड्रोनों को छलावा (डिकॉय) के रूप में इस्तेमाल किया था. स्टार मिसाइल ऐसे कामों में और भी उपयोगी हो सकती है.

हवाई मिसाइल: ज्यादा पहुंच

डीआरडीओ स्टार का एक ऐसा संस्करण बना रहा है, जिसे तेजस जैसे लड़ाकू विमान से छोड़ा जा सकता है. यह हवा से हवा में या हवा से जमीन पर हमला करने में मदद करेगी. यह मिसाइल दुश्मन के रडार या AWACS (हवाई चेतावनी प्रणाली) को नष्ट करने के अभ्यास में भी उपयोगी होगी. हवाई मिसाइल ऑपरेशन सिंदूर जैसे बड़े अभियानों में भारत की ताकत बढ़ाएगी.

Advertisement

यह भी पढ़ें: डमी एयरक्राफ्ट को PAK ने समझा राफेल! जानें- भारत ने लक्ष्य और बंशी की मदद से कैसे बजाई दुश्मन की बैंड

जमीनी मिसाइल: लंबी दूरी

स्टार मिसाइल को जमीन से भी छोड़ा जा सकता है. इसके लिए बूस्टर जोड़े जाते हैं, जिससे यह दूर तक उड़ सके. इसे गाड़ियों या स्थिर मंचों से लॉन्च किया जा सकता है. यह जमीन से जमीन पर या तट से जहाज पर हमले का अभ्यास करने में मदद करती है. इसे बिना महंगे उपकरणों के कठिन इलाकों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

रैमजेट इंजन: तेज और हल्का

स्टार मिसाइल में लिक्विड फ्यूल रैमजेट इंजन है. यह इंजन हवा से ऑक्सीजन लेता है, जिससे मिसाइल को कम ईंधन ले जाना पड़ता है. इससे मिसाइल हल्की रहती है. लंबे समय तक तेज गति से उड़ सकती है. 

यह भी पढ़ें: PAK का तीसरा कुबूलनामा... भोलारी एयरबेस पर ब्रह्मोस अटैक में AWACS और जेट का काम तमाम, 7 मौतें

भविष्य की मिसाइलों के लिए मददगार

स्टार मिसाइल सिर्फ प्रशिक्षण के लिए नहीं है. यह डीआरडीओ के रैमजेट इंजन और नई मिसाइलों के लिए एक टेस्टिंग प्लेटफॉर्म भी है. इस पर आजमाई गई तकनीकें AWACS किलर, एंटी-रेडिएशन मिसाइल और सस्ती क्रूज मिसाइल जैसी परियोजनाओं में इस्तेमाल होंगी. इससे नई मिसाइलें बनाने में समय और जोखिम कम होगा. स्टार मिसाइल भारत को तेज और आधुनिक मिसाइलें बनाने में मदद करेगी.

Advertisement

स्टार मिसाइल: खास बातें

  • गति: 1.8 से 2.5 मैक 
  • ऊंचाई: 100 मीटर से 10 किलोमीटर तक
  • दूरी: 55 से 175 किलोमीटर तक
  • उड़ान समय: 50 से 200 सेकंड

स्टार मिसाइल भारत की रक्षा को और मजबूत करने का एक शानदार कदम है. यह सस्ती, तेज और लचीली मिसाइल सेना को युद्ध की तैयारी में मदद करेगी. यह भविष्य की नई मिसाइलों के लिए रास्ता बनाएगी. 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement